आयुर्वेदिक चिकित्सक को दो साल की ट्रेनिंग के बाद ऑपरेशन की स्वीकृति देना सही नही ddnewsportal.com

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आयुर्वेदिक चिकित्सक को दो साल की ट्रेनिंग के बाद ऑपरेशन की स्वीकृति देना सही नही

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने छूट पर जताया ऐतराज, एसडीएम के मार्फत मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को भेजा ज्ञापन

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने आयुर्वेदिक चिकित्सक को मात्र दो साल की ट्रेनिंग के बाद ऑपरेशन की स्वीकृति देने के निर्णय पर विरोध दर्ज किया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ संजीव सहगल की अगुवाई में सदस्यो ने एसडीएम पांवटा साहिब को एक ज्ञापन भी दिया। इस बारे में जानकारी देते हुए वरिष्ठ डॉक्टर संजीव सहगल ने बताया कि वह आयुर्वेदिक पद्धति के खिलाफ नहीं है। लेकिन एक एलोपैथिक डॉक्टर को 5 साल एमबीबीएस में लगते हैं। 3 साल स्पेशलिटी और 1 साल रेजिडेंसी के तौर पर काम करना पड़ता है। उसके बाद छोटे-मोटे ऑपरेशन करने की अनुमति दी जाती है। वहीं अब नेशनल काउंसिल ऑफ मेडिसिन द्वारा आयुर्वेदिक डॉक्टर्स को ऑपरेशन करने की छूट देने का फैसला लिया गया है। जबकि आयुर्वेदिक डॉक्टर को केवल 2 साल की ही ट्रेनिंग ऑपरेशंस की दी जाती है। यह बेहद कम समय है और आम जनता की जिंदगी से खिलवाड़ जैसा है। आईएमए इस तरह से दी जाने वाली छूट का विरोध करती है। उन्होंने कहा कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा मंगलवार को अपना विरोध दर्ज करवाने का फैसला लिया गया था जिस पर वह विरोध दर्ज करवाने के लिए पांवटा साहिब

एसडीएम कार्यालय पहुंचे। जहां पर उन्होंने एक ज्ञापन मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश के नाम भेजा है, तो दूसरा नेशनल मेडिकल कमिशन की चेयरपर्सन को भेजा गया है। इस मौके पर पांवटा साहिब के वरिष्ठ डॉक्टर नीना सबलोक, डॉक्टर ए वी राघव, डॉक्टर शरद गुप्ता, डॉक्टर एसपी वर्मानी, डाक्टर एसपी खेड़ा, डॉक्टर राजीव गुप्ता आदि मौजूद रहे।