आसमान पर टकटकी लगाये बैठें हैं गिरिपार क्षेत्र के किसान ddnewsportal.com

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आसमान पर टकटकी लगाये बैठें हैं गिरिपार क्षेत्र के किसान

बिन बारिश रुकी गेंहू की बिजाई, गिरिपार के पहाड़ी इलाकों मे 95 फीसदी खेत खाली, किसानों की बढ़ी चिंता।

उपमण्डल पांवटा साहिब के गिरिपार के पहाड़ी इलाकों मे पिछले तीन-चार माह से अधिक समय से बारिश न होने से किसानों के माथे पर चिंता की

लकीरे उभर आई है। अब क्षेत्र के किसान रोज आसमान पर टकटकी लगाकर इंद्र देव से बारिश की प्रार्थना कर रहे है। ताकि वह दो वक्त के आनाज की बुआई कर सके। जानकारी के मुताबिक गिरिपार के शिलाई क्षेत्र मे पिछले तीन-चार माह से भी अधिक समय से बारिश नही हुई है जिस कारण गेंहू की फसल की बिजाई रुक गई है। इंद्रदेव के रुष्ट होने से इलाके

के लोग दिक्कतों मे है। किसानो के मुताबिक अब गेंहू समैत रबी की फसलों पर संकट आ गया है और किसानो के भूखे मरने की नौबत आने लगी है। गिरिपार के कफोटा कस्बे के साथ लगती एक दर्जन पंचायतों दुगाना,
बोकाला पाब, शिल्ला, कमरउ, बड़वास, टटियाणा, ठोंठा जाखल, कोटापाब,

शावगा, जामना, शरली मानपुर, कांडो च्योग आदि समैत जैल भोज की कांटी मश्वा, कोड़गा, सखोली, कठवाड़, चांदनी और सतौन आदि पंचायतों के सैंकड़ों गांव समैत शिलाई क्षेत्र की दर्जनों पंचायतें पिछले लगभग तीन-चार माह से बिन बारिश के सूखे की स्थिति से जूझ रहे है। उक्त पंचायतों मे

मक्की की कटाई के बाद बारिश न होने के कारण गेंहू व अन्य फसलों की बिजाई रुक गई है। क्षेत्र की 90 से 95 फीसद पंचायतों मे खेती आसमानी बारिश पर निर्भर है। ऐसे मे क्षेत्र मे गेंहू की बीजाई न होने के कारण अधिकतर खेत खाली पड़े हुए है। जानकार किसानों का कहना है कि अब

क्षेत्र का तापमान वैसे ही गिरने लगा है। तथा ऐसे मौसम मे यदि लेट गेंहू की बिजाई होती है तो फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। किसानों ने गेंहू का बीज भी खरीद लिया है लेकिन बारिश न होने के कारण उसकी बुआई नही कर पा रहे है। किसान रौज आसमान पर बारिश के लिए टकटकी लगाए

हुए है लेकिन बारिश है कि आने का नाम नही ले रही है। किसानो का कहना है कि पहले बैमोसमी बारिश के कारण मक्की, टमाटर और अदरक आदि

की फसल प्रभावित हुई और अब रबी की फसल की बिन बारिश के बुआई रूक गई है।