खतरे वाला काम....लेकिन समय पर मानदेय तक नही ddnewsportal.com

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खतरे वाला काम....लेकिन समय पर मानदेय तक नही

आशा वर्कर्स ने ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी को बयां की अपनी दिक्कतें, पूरा दिन फील्ड मे काम करने के मिलते हैं मात्र 100 रूपये, अब हिम सुरक्षा अभियान के तहत सर्वे का भी जिम्मा

सिरमौर जिला की आशा वर्कर्स ने ऊर्जा मंत्री के समक्ष अपनी समस्याएं रखकर उनके समाधान की मांग की है। बुधवार को आशा वर्कर्स ने सिविल अस्पताल पांवटा साहिब के परिसर मे ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी  से मुलाकात की और उनके सामने अपनी समस्याओं को रखा। उन्होंने कहा कि उनके पास किसी तरह की कोई भी सुरक्षा इंतजाम नहीं है और सीधे तौर पर उन्हें संक्रमित लोगों से मिलना होता है। वही उन्हें पूरा दिन फील्ड में काम करने के बाद केवल 100 रूपये मिल रहे हैं जो कि सरकार द्वारा निर्धारित डेली वेजेज 255 रुपए से भी बहुत कम है। इतना ही नहीं इस कोरोना कॉल संकट में आशा वर्कर्स को सीधे संक्रमितों के सामने झोंक दिया जाता है। ना तो आशाओं के लिए कोई नीति है और ना ही उन्हें सम्मान लायक मानदेय दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गर्भवती जनरल महिलाओं की देखभाल की 600 रूपये उन्हें 9 माह बाद मिलते थे वह भी अब बंद कर दिए गए हैं। जबकि हमारी जिम्मेदारी अब भी सभी गर्भवती महिलाओं की देखभाल की रखी गई है। कोरोना संकट में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाली आशा वर्कर को अब तक अगस्त के बाद कोरोना संकट का मानदेय नहीं मिल पाया है। वहीं एक बार फिर सरकार चाहती है कि आशा वर्कर्स इस वक्त हिमाचल प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर मैदान में उतरे और सर्वे

कर लोगों का विवरण सरकार तक पहुंचाए। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यदि सरकार ने उनकी दिक्कतों को दूर नही किया तो इस अभियान के बाद आशा वर्कर्स को काम बंद करना पड़ेगा। इस दौरान बिंदु, ममता, रुबीना, पूनम चौधरी, सोनू, ज्योति, रीना, अनीता, मिलन जसविंदर, सोनिया, वर्षा, उषा, गुरशरण, मीरा आदि आशा वर्कर्स मौजूद रही। उधर, कैबिनेट मंत्री चौधरी सुखराम ने आश्वासन दिया कि वह आशा वर्कर्स की सभी समस्याएं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के सामने रखेंगे और जो भी जायज मांगे होंगी उन्हें पूरा करवाया जाएगा।