नगर परिषद चुनाव- क्या वोटरों की चुप्पी लाएगी अप्रत्याशित परिणाम....ddnewsportal.com

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नगर परिषद चुनाव- क्या वोटरों की चुप्पी लाएगी अप्रत्याशित परिणाम....

पांवटा साहिब के 13 वार्डों मे से कईं वार्ड पर साईलेंट वोटर्स गड़बड़ा सकते हैं भाजपा-कांग्रेस के समीकरण

इस बार का नगर परिषद चुनाव कुछ हटके दिखता नजर आ रहा है। मतदान

को अब मात्र चार दिन बाकी रह गये हैं लेकिन राजनैतिक विशेषज्ञों की माने तो दो-तीन सीटों को छोडकर बाकी सीटों पर गेम अभी फंसी हुई है। तस्वीर क्लीयर ही नही हो पा रही कि मतदाता क्या चाहते हैं। वोटरों की इस चुप्पी ने

दिग्गज नेताओं के भी पसीने छुड़ा रखे हैं। यही कारण है कि ऊर्जा मंत्री तक हर वार्ड मे डोर टू डोर प्रचार मे डटे हुए हैं। वार्ड नंबर-12 मे तो चार-पांच बैठकें कर चुके हैं जिससे लग रहा है कि यहां सीधा मुकाबला निर्दलीय प्रत्याशी एक पूर्व शिक्षिका इंदिरा चौहान और ऊर्जा मंत्री के बीच है। हालांकि करीब तीन वार्ड ऐसे बताए जा रहे हैं जहां पर बुधवार तक तस्वीर क्लीयर हो चुकी है। देश व प्रदेश मे भाजपा सरकार होते हुए और कमेटी मे भी पिछले

10 वर्षो से भाजपा समर्थित नगर परिषद होते हुए भाजपा को इतने पापड़ बेलने पड़ रहे हैं इसका मुख्य कारण सभी जानते हैं। कांग्रेस ने जहां कमेटी मे कथित भ्रष्टाचार का मुद्दा भुनाने मे कोई कसर नही छोड़ी है वहीं कईं वार्डों मे गलियों और नालियों की खस्ता हालत भी भाजपा पर भारी पड़ती नजर आ रही है। सबसे बडी बात है कि इस बार मतदाताओं का एक बड़ा तबका साईलेंट है। जिससे भाजपा और कांग्रेस के समीकरण अभी से गड़बड़ा रहे हैं। हालांकि माना यह भी जा रहा है कि यदि दो से तीन सीटें निर्दलीय प्रत्याशी

जीतते हैं तो भाजपा की सरकार होते हुए वह जाहिर तौर पर उनका समर्थन कर सकते हैं लेकिन संभावना यह भी है कि यदि परिणाम अप्रत्याशित रहते हैं तो हालात कुछ और भी हो सकते हैं। परिणाम को चार दिन बाकी है। निर्णय मतदाताओं ने करना है लेकिन इस बार के नगर परिषद के चुनाव पहले की अपेक्षा कुछ हटकर नजर आ रहे हैं। बहरहाल, पांवटा साहिब मे नगर परिषद चुनाव की सरगर्मियां चरम पर है।