नये कृषि कानूनों से गन्ने की फसल पर भी संकट: नौटी ddnewsportal.com

नये कृषि कानूनों से गन्ने की फसल पर भी संकट: नौटी ddnewsportal.com

नये कृषि कानूनों से गन्ने की फसल पर भी संकट: नौटी

पांवटा मे दिखा भारत बंद का असर, दोपहर एक बजे तक किसानों के समर्थन मे बंद रही ज्यादातर दुकाने, सरकारी व गैर सरकारी कार्यालय रहे खुले

पांवटा साहिब में किसान संघ के राष्ट्रव्यापी बंद के आह्वान पर व्यापार मंडल सहित आधा दर्जन संस्थाएं किसानों के पक्ष में उतरी। कॉंग्रेस ने भी किसानों के सभी मे रैली निकालकर नारेबाजी की। किसानों के समर्थन में किसान संघों के साथ व्यापार मंडल, ट्रक ऑपरेटर यूनियन, ऑटो चालक संघ सहित कई संस्थाओं के कार्यकर्ता भाग लिया। जानकारी के मुताबिक किसान संघों के राष्ट्रव्यापी बंद के आह्वान का पांवटा साहिब में भी असर दिखा। यहां स्थानीय कांग्रेस नेता किसानों के समर्थन में उतरे। फाईट फाॅर फार्मर राईट के आह्वान पर बाजार मे भी ज्यादातर दुकाने एक बजे तक बंद रही। इस दौरान यमुना बाल पार्क मे अनिन्द्र सिंह नौटी की अध्यक्षता मे विरोध जताया गया। इस मौके पर अनिंद्र सिंह नौटी ने कहा कि नये कृषि कानूनों से गन्ने की फसल पर भी संकट मंडरा रहा है। पहले डोईवाला शुगर मिल गन्ना खरीदने के लिए बाध्य थी लेकिन अब वह स्वतंत्र है। वह चाहे तो खरीदे और न चाहे तो नही खरीदेगी। इससे किसानों की दिक्कतें भविष्य मे बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि किसानों को समर्थन हेतु जो बाजार कारोबार एवं ट्रांसपोर्ट के बंद की अपील की गई थी उसकी कामयाबी पर हम सभी दुकानदार व्यापारी भाइयों का धन्यवाद करते हैं। उन्होंने कहा कि इस अपील के असर के रूप में पांवटा तहसील के सभी मुख्य बाजार जैसे पांवटा साहिब, बद्रीपुर, माजरा पुरूवाला, भगानी क्षेत्र, धौलाकुंआ सभी पूरी तरह से बंद रहे व साथ ही सिरमौर ट्रक ऑपरेटर यूनियन, टेंपो यूनियन, ई रिक्शा आदि ने भी अपने कारोबार बंद रखें। किसानों के स्थानीय संगठन फाइट फॉर फार्मर राइट सभी किसानों की ओर से अपने व्यापारी एवं ट्रांसपोर्टर भाइयों का धन्यवाद करता है। उन्होंने कहा कि जो थोड़ी सी दुकानें खुली भी रही हम उनका भी धन्यवाद करते हैं और उम्मीद करते हैं कि हम ही आपका प्यार और विश्वास को किसी वजह से जीत नहीं पाए। और अधिक कोशिश करेंगे इस कमी को दूर करने की।
वहीं, बंद के आवाहन पर पांवटा साहिब मुख्य बाजार में मिला-जुला असर दिखा। हालांकि कई व्यापारिक प्रतिष्ठानों के साथ साथ ट्रक यूनियन, ऑटो यूनियन और रिक्शा संचालक यूनियन बंद में शामिल रहे। बंद के समर्थन में स्थानीय किसानों ने कांग्रेस के साथ मिलकर रैलियां भी आयोजित की। रैलियों में केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। बंद के दौरान पुलिस ने बाजार में फ्लैग मार्च भी किया। कांग्रेस

नेताओं और किसान नेताओं ने कृषि कानून को निरस्त करने की मांग उठाई साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया है कि दिल्ली के आसपास बैठे किसान संघ में एक कॉल पर आगामी रणनीति तैयार की जाएगी। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में बंद का उतना असर नही दिखा और सतौन सहित कफोटा के बाजार खुले रहे।