प्रदेश मे हर्षोल्लास के साथ मनाया भाई-दूज का पर्व ddnewsportal.com

प्रदेश मे हर्षोल्लास के साथ मनाया भाई-दूज का पर्व ddnewsportal.com

प्रदेश मे हर्षोल्लास के साथ मनाया भाई-दूज का पर्व

भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक है पर्व, बहन के घर जाकर भाई निभाता है परंपरा

भाई बहन के स्नेह का प्रतीक भाई-दूज पर्व प्रदेश मे धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान भाई अपनी बहनो के घर पंहुचे और तिलक लगाकर पर्व

की शुभकानाएं दी। जिला सिरमौर मे भी यह पर्व हर्षोल्लास के साथ
मनाया गया। ग्रामीण क्षेत्रों मे भी अब इस पर्व को मनाया जाता है। गोर हो कि जिस प्रकार रक्षाबंधन पर बहन अपने भाई के घर जाकर उसे राखी बांधती है वैसे ही भाई दूज पर भाई अपनी बहन के घर जाकर उससे तिलक लगवाता है और दोनो की रक्षा की परंपरा को निभाता है। मान्यता के मुताबिक सूर्यदेव की पत्नी छाया की कोख से यमराज तथा यमुना का जन्म हुआ। यमुना अपने भाई यमराज से स्नेहवश निवेदन करती थी कि वे उसके घर आकर भोजन करें। लेकिन यमराज व्यस्त रहने के कारण यमुना की

बात को टाल जाते थे। कार्तिक शुक्ल द्वितीया को यमुना अपने द्वार पर अचानक यमराज को खड़ा देखकर हर्ष-विभोर हो गई। प्रसन्नचित्त हो भाई का स्वागत-सत्कार किया तथा भोजन करवाया। इससे प्रसन्न होकर यमराज ने बहन से वर मांगने को कहा। तब बहन ने भाई से कहा कि आप प्रतिवर्ष इस दिन मेरे यहां भोजन करने आया करेंगे तथा इस दिन जो बहन अपने भाई को टीका करके भोजन खिलाए उसे आपका भय न रहे। यमराज ‘तथास्तु’ कहकर यमपुरी चले गए। ऐसी मान्यता है कि जो भाई आज
के दिन यमुना में स्नान करके पूरी श्रद्धा से बहनों के आतिथ्य को स्वीकार

करते हैं उन्हें तथा उनकी बहन को यम का भय नहीं रहता। भाई दूज को लेकर यह भी मान्यता प्रचलित है, कि इस दिन भाई को तिलक लगाकर प्रेमपूर्वक भोजन कराने से परस्पर प्रेम तो बढ़ता ही है, भाई की उम्र भी लंबी होती है। चूंकि इस दिन यमुना जी ने अपने भाई यमराज से वचन लिया था, उसके अनुसार भाई दूज मनाने से यमराज के भय से मुक्ति मिलती है, और भाई की उम्र व बहन के सौभाग्य में वृद्धि होती है।