बिजली कंपनियों के निजीकरण का किया विरोध ddnewsportal.com

बिजली कंपनियों के निजीकरण का किया विरोध ddnewsportal.com

बिजली कंपनियों के निजीकरण का किया विरोध

प्रदेश बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन युनिट गिरीनगर ने गिरी पावर हाउस डिवीजन के प्रांगण में 2 घंटे तक जताया रोश

युनियन का आरोप; बिजली बोर्ड की संपत्तियों को निजी कंपनियों के हाथों कौड़ियों के भाव बेचने पर तुली है सरकार

बिजली कर्मचारी व अभियंताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति के राष्ट्रव्यापी आंदोलन के आह्वान पर प्रदेश बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन युनिट गिरीनगर ने गिरी पावर हाउस डिवीजन के प्रांगण में एक से तीन बजे तक बिजली संशोधन बिल 2020 व बिजली कंपनियों के निजीकरण का विरोध किया। युनियन के राज्य उपाध्यक्ष भगवान दास ने जानकारी देते हुए बताया कि बिजली संशोधन बिल 2020 को ऊर्जा क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी के उद्देश्य से लाया जा रहा है और इसका खामियाजा हिमाचल प्रदेश की जनता और कर्मचारियों को भी भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड की संपत्तियों को निजी कंपनियों के हाथों कौड़ियों के भाव बेच दिया जाएगा और और बोर्ड में कार्यरत कर्मचारियों को निजी कंपनियों की सेवा शर्तों के आधार पर कार्य करना पड़ेगा। जहां उत्पादन संचार और वितरण का कार्य एक ही कंपनी के हाथों में रखा गया है। बिल पास होते हीं वर्तमान में बिजली वितरण कंपनियों व कर्मचारियों की नौकरियां भी खतरे में पड़ गई। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बिजली बोर्ड के निजीकरण के बाद करीब 26 हजार पेंशनरों की पेंशन अदायगी पर भी प्रश्नचिन्ह लग जाएगा। विभाग में कार्यरत कर्मचारियों के प्रमोशन, वित्तीय लाभ व सेवा शर्तें भी बुरी तरह से प्रभावित होगी। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत दरों में के गुना बढ़ोतरी हो जाएगी जिसका बोझ आम जनता पर पड़ेगा। निजी करण होने से जहां बड़े उपभोक्ताओं को आसानी से कम दामों पर बिजली मिलेगी वहीं छोटे उपभोक्ताओं को महंगे

दामों पर भी बिजली सही समय पर उपलब्ध नहीं हो पाएगी। युनियन ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि इन सभी संशोधित बिलों को तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाए। इस मौके पर गिरी नगर यूनिट प्रधान हंसराज, उप प्रधान राजेश कुमार, सचिव जगदीश चंद्र, पांवटा युनिट के प्रधान सुनील कुमार, देवेंद्र कुमार, राजेंद्र ठाकुर,  बलदेव, देशराज, विजय कुमार, हरदेव व कृष्ण कुमार सहित युनियन के कई कर्मचारी मौजूद रहे।