यमुना घाट पर महिलाओं के लिए अब तक नहीं बन पाया स्नानागार ddnewsportal.com

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यमुना घाट पर महिलाओं के लिए अब तक नहीं बन पाया स्नानागार

पांवटा साहिब मे महिला श्रद्वालु आज भी शरीर पर छींटे डालकर पंचस्नान करने का मजबूर

हिमाचल प्रदेश का एकमात्र नगर पांवटा साहिब है जहां से होकर यमुना नदी बहती है। लेकिन हालात यह है कि इस पवित्र नदी मे महिलाएं स्नान करने से भी वंचित रहती है। कारण रमयमुना घाट पर स्नानागार न होना है। यमुना नदी के किनारे बसे प्रदेश के एकमात्र नगर पांवटा साहिब मे यमुना नदी के पवित्र जल मे स्नान करने आने वाली महिलाओं को शरीर पर पवित्र जल के छींटे डालकर पंचस्नान करना पड़ता है। चाहकर भी महिलायें यहां पर ठीक से नदी मे स्नान नही कर सकती। यहां पर अभी तक महिलाओं के लिए स्नानगार नही बना है। जानकारी के मुताबिक विश्व मानचित्र पर अपनी अलग पहचान बना चुके पांवटा नगर मे महिलाओं के लिए यमुनाघाट पर स्नानगार नही है। यहां पर सालभर लाखों पुरुष-महिला श्रद्वालु पंहुचते हैं और यमुना नदी के जल मे स्नान करते हैं। ज्यादातर महिलाएं स्नानगार न होने के कारण अपने शरीर पर जल के छींटे डालकर पंचस्नान ही कर पाती है। कुछैक महिलाएं कपड़ों के साथ ही नदी मे स्नान करती हैं। लेकिन अभी तक न तो प्रशासन, न धार्मिक संस्थाओं और न ही नगर परिषद ने इस बारे कोई ठोस कदम उठाया है। मामला संज्ञान मे लाने के बाद नगर परिषद पांवटा ने इस मामले को पर्यटन निगम को भेजा। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नही हुई। जानकारी के मुताबिक धार्मिक नगरी पांवटा साहिब में जो सुविधाएं श्रद्वालुओं के मिलनी चाहिए, वो सुविधाएं आज तक सरकार व स्थानीय प्रशासन नहीं दे पाया हैं। यहां पर प्रसिद्व गुरूद्वारा व श्रीकृष्ण मंदिर के द्वार यमुना घाट पर खुलते है। लेकिन यमुना घाट पर आज तक स्नानागार नहीं बनाया गया है। जहां पर महिलाएं पवित्र स्नान कर सके। यहां पर महिलाएं मां यमुना में डूबकी लगाने आती है। लेकिन यहां पर कपड़े बदलने के लिए भी कोई सुविधाएं नही है। पांवटा की महिलाओं आशा तोमर, समीर शर्मा, स्नेहा दत्ता व शिवानी वर्मा आदि ने बताया कि यमुना घाट पर स्नानागार का निर्माण होना चाहिए। ताकि महिलाओ को परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि पांवटा साहिब ही प्रदेश का एकमात्र ऐसा शहर है जिससे होकर यमुना नदी बहती है। यमुना नदी उतराखंड से हिमाचल के इस शहर से होते हुए हरियाणा की तरफ निकलती है। जिस कारण पूरे हिमाचल प्रदेश व पड़ोसी राज्यों से यहां पर

मंदिरो व गुरूद्वारों में श्रद्वालु आते है। लेकिन महिला स्नानागार नहीं होने से यमुना के पवित्र जल मे स्नान से वंचित रह जाती है। यहां पर हर रोज सैंकड़ो श्रद्वालु आते है। जबकि सोमवती अमावस व अन्य धार्मिक पर्वो पर तो यहां श्रद्वालुओं का तांता लगता है। उधर इस बारे नगर परिषद के ईओ एसएस नेगी ने बताया कि नगर परिषद ने मामला पर्यटन निगम को भेजा था जिसका कोई जवाब नही आया। अब नगर परिषद खुद ही यह कार्य करेगी।