रविवार को है अहोई अष्टमी...क्या है व्रत और पूजा का समय... जानने के लिए पढें ये पूरी रिपोर्ट ddnewsportal.com

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ज्योतिषाचार्य पं कमलकांत सेमवाल

रविवार को है अहोई अष्टमी

क्या है व्रत और पूजा का समय... जानने के लिए पढें ये पूरी रिपोर्ट

अहोई अष्टमी का पर्व इस बार 8 नवंबर रविवार को मनाया जाएगा। यह व्रत करवाचौथ के चार दिन बाद होता है। हर साल कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाए जाने वाले इस पर्व पर महिलाएं अपने संतान की दीर्घायु एवं सुखी जीवन के लिए उपवास रखती है और अहोई देवी की पूजा करती है। जिला सिरमौर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित कमल कमल कांत सेमवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि इस बार 8 नवंबर रविवार को अहोई अष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि अष्टमी तिथि रविवार को सुबह 07:28 बजे से शुरू हो जाएगी जो 9 नवंबर सोमवार सुबह 06 बजकर 50 मिनट तक रहेगी। उन्होंने बताया कि पूजा का समय रविवार शाम 05:26 बजे से 06:46 बजे तक रहेगा। अहोई अष्टमी व्रत की विधि के बारे में जानकारी देते हुए पंडित सेमवाल ने बताया कि माताएं सूर्योदय से पहले स्नान करके व्रत का संकल्प करें, अहोई माता की पूजा के लिए दीवार पर गेरू रंग से अहोई माता का चित्र बनाएं। साथ में सेह और उनके सात पुत्रों का भी चित्र बनाएं। सांयकाल के समय पूजन के लिए अहोई माता के चित्र के समक्ष चौकी रखें।

उस पर जल से भरा कलश रखें, रोली व चावल से माता की पूजा करें। मीठे पुए या आटा के हलवे का भोग लगाएं। कलश पर स्वास्तिक बनाएं एवं हाथ में गेहूं के सात दाने लेकर अहोई माता की कथा सुने। इसके बाद तारों को अर्घ्य देकर अपने से बड़ों का आशीर्वाद लें।

अहोई अष्टमी व्रत का महत्व....
 
अहोई अष्टमी का व्रत रखने से संतान के कष्टों का निवारण होता है एवं उनके जीवन में सुख समृद्धि आती है ऐसा माना जाता है कि जिन माताओं की संतान को शारीरिक कष्ट होता है या स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है, तो माता दौरा अहोई अष्टमी का विधि विधान से व्रत करने पर संतान को कष्ट से छुटकारा मिल जाता है। इस दिन साही माता व भगवती पार्वती से आशीष मिलता है।