2004 से पूर्व की पैंशन योजना बहाल की जायें- ddnewsportal.com

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2004 से पूर्व की पैंशन योजना बहाल की जायें 

हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ ने मुख्यमंत्री के साथ बैठक कर शिक्षकों की मांगों पर विस्तार से की चर्चा, सीएम ने दिया मांगे पूरी करने का आश्वासन

हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ ने शिक्षा मंत्री के बाद अब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मुलाकात कर शिक्षकों की मांगों को उनके समक्ष रखा। इस दौरान करीब पौने घंटे की लंबी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने महासंघ की मांगों पर जल्द विचार करने का आश्वासन दिया। महासंघ के पदाधिकारियों

ने बताया कि मुख्यमंत्री के समक्ष जो मांगे रखी गई है उनमे.... 
भाषा अध्यापकों एवम् शास्त्री अध्यापकों को टीजीटी का दर्जा दिया जाए। जो अध्यापक योग्यता पूरी करते है उन्हें तुरन्त आरएंडपी मे सुधार कर टीजीटी बनाया जाए। जो योग्यता में पूरी करना चाहते है उन्हें 5 वर्ष में योग्यता पूरी करवाने का प्रावधान किया जाए। जो फिर भी योग्यता पूरी नहीं करते उन्हें डाईंग कैडर घोषित करें।
एसएमसी अध्यापको के लिए तर्कसंगत नीति बना कर नियमित किया जाए। जिन अध्यापकों को 8 वर्ष का कार्यकाल इसी नीति के तहत हो गये है उन्हें नियमित किया जाए तथा वर्तमान में इनके नियुक्ति स्थान पर अन्य अध्यापक न भेजा जाए। 
1 जनवरी 2004 से पूर्व की पेंशन योजना बहाल की जाए।
प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के अधीन प्रशिक्षित स्नातक कैडर को उच्च शिक्षा निदेशालय के अधीन किया जाए क्योंकि अधिकांश प्रशिक्षित स्नातक उच्च शिक्षा निदेशालय के अधीन ही काम करते है।
डाईट में सभी अध्यापक प्रवक्ता है जो कि उच्च शिक्षा निदेशालय के अधीन

आते है। अतः डाईट का नियन्त्रण भी उच्च षिक्षा निदेशालय के अधीन हो।
2010 से पहले नियुक्त टीजीटी को पदोन्नति में पहले की तरह मुख्याध्यापक व प्रवक्ता की पदोन्नति के दोनो ऑप्शन बहाल की जाए।
2012 से पूर्व जेबीटी से पदोन्नत हुए एचटी को पदोन्नति वेतन वृद्धि दी जाए क्योंकि 2012 के बाद पदोन्नत हुए एचटी को यह मिल रही है।
मुख्याध्यापक, प्रधानाचार्य तथा खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी की पदोन्नति पर 3 माह का प्रशिक्षण अनिवार्य किया जाएं। तथा इनके लिए मोटिवेशनल वर्कशाॅप का भी आयोजन होना चाहिए। प्रेरणादायी प्रसंग या ऐसे विद्यालय जहां उत्कृष्ट कार्य हुए हैं, वहां का गतिविधि विवरण या कार्यक्लाप दिखाकर उन्हे प्रेरित करें। 
कभी कभी विद्यालय मे बच्चों से बातचीत के लिए विषय विशेषज्ञ ता मनोवैज्ञानिक को स्कूल मे आमंत्रित करने चाहिए।
नये वेतनमान की सिफारिशों को लागू किया जाए।
प्रवक्ता न्यू के स्थान पर प्रवक्ता पदनाम किया जाए और 1986 के R&P बहाल किये जाए।
सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष की जाए।
वोकेश्नल ट्रेनर के लिए ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन अवकाश से वेतन किया जाए और शिक्षा मंत्रालय से स्वीकृत वेतन 20 हजार रूपये प्रतिमाह दिया जाए। 
बैठक में प्रान्त अध्यक्ष पवन कुमार, प्रान्त संगठन मंत्री पवन मिश्रा और प्रान्त उपाध्यक्ष डॉ मामराज पुंडीर आदि उपस्थित रहे।