Himachal exit poll: पढ़ें- पहाड़ी राज्य में किस पार्टी को सबसे अधिक सीटें मिलने की संभावना... ddnewsportal.com

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Breaking: आ गया हिमाचल प्रदेश का एग्जिट पोल 

जानियें, पहाड़ी राज्य में किस पार्टी को सबसे अधिक सीटें मिलने की हैं संभावना, पढ़ें विभिन्न सर्वे एजेन्सियों का ये अनुमान...

हिमाचल प्रदेश में 12 नंवबर को विधानसभा की सभी 68 सीटों के लिए मतदान हुआ और नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे। इससे पहले आज यानि सोमवार को एग्जिट पोल में नेशनल न्यूज़ चैनल और सर्वे एजेंसियों के सर्वे के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर दिखाई दे रही है। कुछ एजेंसी के सर्वे में कांग्रेस आगे है तो ज्यादातर एजेंसियों और चैनल के सर्वे में भाजपा बहुमत में आ रही है। हालाँकि आखिरी फैसला 8 दिसंबर को ईवीएम खुलने पर मतगणना के बाद ही आएगा। 

● आजतक और एक्सिस माय इंडिया के सर्वे के मुताबिक

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को 30 से 40 सीटें और भाजपा को 24 से 34 सीटें मिलती दिख रही है। औसत के मुताबिक कांग्रेस को 35 और भाजपा को 29 सीटें मिलती दिख रही है। 4 सीटें अन्य को मिल सकती है। यहां भाजपा को 42% और कांग्रेस को 44% वोट शैयर मिलने का अनुमान है। 

● इंडिया न्यूज़- जन की बात के एग्जिट पोल के मुताबिक 

भाजपा को 32 से 40 तो कांग्रेस को 27 से 34 सीटें मिलने का अनुमान है। अन्य 1 से दो सीटें जीत सकती है। 

● न्यूज 24- टूडेज़ चाणक्या स्टेट एनालिसस के सर्वे के मुताबिक 

भाजपा को 33 तो कांग्रेस को भी 33 सीटें मिलने का अनुमान है। हालांकि दोनो दलों को +7 सीटों का भी अनुमान है। 2 सीटें अन्य के खाते में जाती दिख रही है। गोर हो कि चाणक्या का अनुमान काफी हद तक सटीक रहता है। 

● INDIA TV के सर्वे के मुताबिक

भाजपा को 35 से 40 और कांग्रेस को 26 से 31 सीटें मिलती दिख रही है। अन्य को 0-3 सीटें मिल सकती है। 

● R भारत और P- MARQ एग्जिट पोल के मुताबिक

भाजपा को 34 से 39 और कांग्रेस को 28 से 33 सीटें मिलने का अनुमान है।

● वहीं Desh Dinesh News के सर्वे के मुताबिक 

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को 34 से 39 और भाजपा को 29 से 34 सीटें मिल सकती है। 3 से 5 सीटें अन्य के खाते में जा सकती है। 

गोर हो कि इस बार प्रदेश के मतदाताओं ने अब तक हुए विधानसभा चुनाव के सभी मतदान के रिकॉर्ड तोड़ दिए। 12 नंवबर को हुए मतदान में  रिकॉर्ड 75.6 फीसदी वोट पड़े। इनमें एक फीसदी सर्विस वोटर भी शामिल हैं। हालांकि अभी सर्विस वोटर और जुड़ने हैं। ऐसे में मतदान का आंकड़ा 76 फीसदी तक पहुंच सकता है। इससे पहले पिछले 2017 के विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा 75.57 फीसदी वोट पड़े थे।  इस बार प्रदेश में सबसे अधिक सोलन के दून विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 85.25 प्रतिशत और शिमला शहर में सबसे कम 62.53 प्रतिशत मतदान हुआ। सभी डाक मतपत्रों के प्राप्त होने तक यह एक फीसदी और बढ़ सकता है। कांग्रेस पार्टी प्रदेश में पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने के दावे कर रही हैं, वहीं भाजपा भी रिवाज बदलने या सरकार रिपीट होने के दावे कर रही हैं। हालांकि 8 दिसंबर को फैसला होगा कि रिवाज बदलेगा या राज। उससे पहले एग्जिट पोल में नतीजों पर.... के पक्ष में धुंधली तस्वीर नजर आई है। 

आपको बता दें कि प्रदेश के 68 विधानसभा क्षेत्रों के 412 प्रत्याशियों का भविष्य ईवीएम में कैद में कैद है। अब 8 दिसंबर को इनके राजनीत भविष्य का फैसला होगा। चुनावी दंगल में भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), माकपा, बसपा और निर्दलियों समेत 412 प्रत्याशियों में यह रोचक जंग हुई है। इनमें 388 पुरुष और 24 महिला प्रत्याशी हैं। प्रदेश में कुल 55,92,828 मतदाताओं में से 28,54,945 पुरुष, 27,37,845 महिलाएं और 38 थर्ड जेंडर के नाम मतदाता सूचियों में शामिल रहे हैं। पहली बार 80 से अधिक उम्र और दिव्यांग वोटरों को अपने घरों से मत डालने की सुविधा दी गई। इसके बावजूद कई बुजुर्गों और दिव्यांगों ने मतदान केंद्रों में पहुंचकर वोट डाला। मतदान के लिए 142 बूथ महिला और 37 दिव्यांग कर्मियों के हवाले रहे। प्रदेश भर में 136 आदर्श मतदान केंद्र भी बनाए गए थे। 378 अति संवेदनशील और 903 संवेदनशील मतदान केंद्र रहे।