Electric Vehicles: इलेक्ट्रिक वाहन खरीद में बड़ा उछाल, छह माह में 20 फीसदी तक बढ़ी बिक्री ddnewsportal.com

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Electric Vehicles: इलेक्ट्रिक वाहन खरीद में बड़ा उछाल, छह माह में 20 फीसदी तक बढ़ी बिक्री 

ये तो तय है कि आने वाला समय इलेक्ट्रिक वाहनों का है, लेकिन इतनी तेज गति से इनकी खरीददारी में उछाल आएगा ये अंदाजा शायद ही किसी ने लगाया हो। जिस तेज गति से उपभोक्ताओं का रूझान इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की तरफ बढ़ रहा है, उससे लगता है कि आने वाले मात्र पांच वर्ष में ही देश की सड़कों में वाहनों के स्वरूप में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। हर ओर इलेक्ट्रिक वाहन ही नजर आयेंगे। 
दरअसल, जिस तरह सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल पर फोकस कर रही है और कंपनियों को फेम स्कीम के तहत निर्माण में सब्सिडी दे रही है तो ग्राहकों को तो सब्सिडी का लाभ मिल ही रहा है। साथ ही सरकार के राजस्व में भी इजाफा हो रहा है। इसके अलावा सड़कों पर दिन प्रतिदिन इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की तादात भी बढ़ती जा रही है। वहीं, पर्यावरण संरक्षण और पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के विकल्प के तौर पर इलेक्ट्रिक वाहन बड़े स्तर पर लोगों के सामने आए हैं। 


चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदारों की संख्या में तेज उछाल दर्ज किया गया है, जबकि ईवी सेल्स में 20% की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। परिवहन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की शुरुआती छमाही के दौरान दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री वित्त वर्ष 2022-23 की समान अवधि की तुलना में 20% बढ़ गई। आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि जैसे-जैसे इलेक्ट्रिक वाहन लोकप्रियता हासिल कर रहे हैं, डीजल से चलने वाले वाहनों में रुचि कम हो रही है, जिसकी बिक्री में पिछले वित्तीय वर्ष के समान महीनों की तुलना में इस साल अप्रैल और सितंबर के बीच 24% से अधिक की कमी देखी गई है।

6 माह में रजिस्टर्ड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स-

इस साल 1 अप्रैल से 30 सितंबर तक राजधानी दिल्ली में 3,06,135 नए वाहन कार, बाइक और स्कूटर और कमर्शियल वेहिकल रिजस्टर्ड किए गए। जबकि, पिछले साल इसी अवधि में 2,94,305 थे। वाहनों की जिस कैटेगरी ने उपभोक्ताओं का सर्वाधिक ध्यान खींचा है वह इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) है। इस साल 30 सितंबर तक दिल्लीवासियों ने 32,400 ईवी खरीदीं, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 26,936 था। इस बार 1 अप्रैल से 30 सितंबर की अवधि के दौरान रजिस्टर्ड डीजल वाहनों की संख्या पिछले साल के 8,393 से घटकर 6,344 हो गई है।
दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि कार डीलरों के फीडबैक से पता चला है कि उपभोक्ता इलेक्ट्रिक वाहनों के नए मॉडल और वेरिएंट की तलाश कर रहे हैं, जबकि डीजल से चलने वाली कारों में रुचि कम हो रही है। लोगों ने यह समझना शुरू कर दिया है कि डीजल से चलने वाली कारें न केवल महंगी हैं बल्कि पर्यावरण के लिए भी कम अनुकूल हैं। यही कारण है कि इलेक्ट्रिक कारें और बाइक अब अधिक लोकप्रिय हो रही हैं।

■ 2020 में लाई थी इलेक्ट्रिक वाहन नीति-

इलेक्ट्रिक वाहन नीति अगस्त 2020 में तीन साल की अवधि के लिए पेश किया गया था, हाल ही में छह महीने के लिए बढ़ा दी गई है। 2025 तक सभी रजिस्टर्ड नए वाहनों में 25% इलेक्ट्रिक करने का लक्ष्य है। इस साल अप्रैल से सितंबर के बीच दिल्ली में रजिस्टर्ड कुल वाहनों में से लगभग 11% इलेक्ट्रिक थे. 2023-24 की पहली दो तिमाहियों में नए वाहनों के रजिस्ट्रेशन और रोड टैक्स से दिल्ली का रेवेन्यू कलेक्शन 1,404 करोड़ रुपये दर्ज किया गया, जो कि इसी अवधि में पिछले वित्त वर्ष की कमाई 1,268 करोड़ की तुलना में लगभग 11% की वृद्धि है।