Income Tax Return: ITR क्या है, कैसे और कौन-कौन फाइल कर सकता है इंकम टैक्स रिटर्न ddnewsportal.com
Income Tax Return: ITR क्या है, कैसे और कौन-कौन फाइल कर सकता है इंकम टैक्स रिटर्न
आईटीआर (Income Tax Return) एक टैक्स रिटर्न फॉर्म है जिसका उपयोग टैक्स देने वाले व्यक्तियों या निकायों ने उनकी आय, संपत्ति, और विभिन्न वित्तीय संदर्भों की रिपोर्टिंग के लिए किया जाता है। इसमें व्यक्ति के पर्सनल और फाइनेंशियल डाटा से संबंधित विवरण होते हैं, जैसे कि आय के स्रोत, निवेश, ऋण, चारित्रिक प्रत्यायों का विवरण आदि।
इंडियन इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (आयकर विभाग) प्रत्येक वित्तीय वर्ष के दौरान आईटीआर भरने का अनुरोध करता है। यह व्यक्ति के आयकर कर और सूक्ष्म व्यवसाय कर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
आईटीआर भरने के लिए आम तौर पर विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक मोड (ऑनलाइन) का उपयोग किया जाता है, जैसे कि आधिकारिक आयकर विभाग की वेबसाइट या अनुधारित ई-फाइलिंग पोर्टल। इसमें निम्नलिखित विधि का उपयोग करके व्यक्ति आईटीआर भर सकता है:
1. ऑनलाइन आवेदन: आधिकारिक आयकर विभाग की वेबसाइट पर जाकर यूजर आईडी और पासवर्ड दर्ज करके लॉगिन करें और उन्हें आईटीआर भरने के विकल्प दिए जाते हैं।
2. ई-फाइलिंग पोर्टल: अन्य तृतीय-पक्ष ई-फाइलिंग पोर्टल भी हो सकते हैं, जिनमें आपको आईटीआर भरने का विकल्प मिल सकता है।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए, जिन्हें इंटरनेट या इलेक्ट्रॉनिक मोड का इस्तेमाल करने में समस्या होती है, उन्हें आईटीआर को मैन्युअल रूप से भरने का विकल्प उपलब्ध होता है। इसमें वे फिजिकल फॉर्म का उपयोग करके अपनी आवश्यक जानकारी देने के लिए कई विभागीय केंद्रों पर जा सकते हैं। वे विशेषकर इनकम टैक्स ऑफिसों में जा सकते हैं जो इस प्रक्रिया को समर्थन करते हैं। करदाता को इनकम टैक्स भरते समय किसी भी डॉक्यूमेंट को अटैच करने की आवश्यकता नहीं होती है। इसके बजाय, व्यक्ति को आधार मोबाइल नंबर या इंटरनेट बैंकिंग का उपयोग करके उत्पन्न ओटीपी (One-Time Password) के माध्यम से ई-सत्यापित किया जाता है। इस प्रक्रिया से कर भरने वाले व्यक्ति के खाते का अभिलेख बनता है और कर भुगतान की प्रक्रिया पूरी होती है।
फाइल कौन कौन कर सकता है:-
1. आय की सीमा: व्यक्ति की सालाना आय पर निर्भर करके इनकम टैक्स का आधार तय किया जाता है। इनकम टैक्स एक्ट 1961 के मुताबिक, जिन व्यक्तियों की सालाना आय 2.5 लाख से अधिक होती है, उन्हें इनकम टैक्स भरना होता है।
2. विदेश में बिजनेस और भारतीय निवासी: यदि कोई व्यक्ति विदेश में अपना बिजनेस कर रहा है, लेकिन वह भारत का नागरिक है, तो भी उस व्यक्ति को भारतीय आय के मुताबिक इनकम टैक्स फाइल करना अनिवार्य होता है।
3. बूढ़े व्यक्ति: जब किसी व्यक्ति की आय 80 साल से अधिक है और उसकी सालाना आय 10 लाख या उससे अधिक है, तो भी उस व्यक्ति को इनकम टैक्स फाइल करना आवश्यक है। इसमें उम्र की कोई छूट नहीं होती है।
4. स्कूल, यूनिवर्सिटी, हॉस्पिटल और इंस्टिट्यूट: भारत में सरकारी और निजी संस्थानों को भी उनकी आय के मुताबिक इनकम टैक्स फाइल करना होता है।
5. विदेश में रहने वाले व्यक्ति: यदि कोई व्यक्ति विदेश में रह रहा है लेकिन उसकी कमाई भारत से होती है, तो भी उसे इनकम टैक्स फाइल करना अनिवार्य है।
आइटीआर फाइलिंग के लाभ:-
1. लोन अप्लाई करने में आसानी: अगर आपके पास संबंधित बैंक या वित्तीय संस्थान के साथ आईटीआर भरा हुआ है, तो लोन अप्लाई करने में आसानी होती है। बैंक या वित्तीय संस्थान आपकी आय और कर भुगतान का रिकॉर्ड देखकर आपकी वित्तीय स्थिति का अनुमान लगा सकते हैं और आपको लोन अनुदान कर सकते हैं।
2. बिज़नेस विकास: यदि आप बिज़नेस कर रहे हैं, तो आईटीआर के बारे में सटीक और विश्वसनीय वित्तीय रिपोर्ट आपके बिज़नेस को विकसित करने में मदद करती है। यह आपके प्रत्याशा-पुस्तिका और फायनेंसियल रिपोर्ट को सुंदर बनाता है, जिससे आपके नए क्लायंट्स के साथ विश्वास बनता है और आपके विकसित हो रहे बिज़नेस के लिए आकर्षक बनता है।
3. संपत्ति खरीदने में सहायता: आईटीआर द्वारा संभावित कमाई का प्रमाण होना, आपको संपत्ति खरीदने में सहायता करता है। बैंक और वित्तीय संस्थान संपत्ति खरीदने के लिए लोन अनुदान करते हैं, और इनकम टैक्स रिटर्न उन्हें आपकी आर्थिक स्थिति की पुष्टि करता है।
4. बड़ा बीमा करवाने में आसानी: बड़ी कंपनियां और बीमा कंपनियां आपकी आईटीआर की जाँच करके आपकी आय और वित्तीय स्थिति को परखती हैं। यदि आपकी आय स्तर और वित्तीय स्थिति सामर्थ्य से अधिक बीमा प्रोटेक्शन के लिए पात्र है, तो वे आपको बड़ा बीमा पॉलिसी खरीदने में मदद करती हैं।
5. वीज़ा मिलने में आसानी: कुछ विशेष स्थितियों में, वीज़ा के लिए आईटीआर एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ बन सकता है। कुछ विदेशी देशों के वीज़ा अधिकारियों को आपके आर्थिक स्थिति की पुष्टि के लिए आपकी आईटीआर की जाँच करने की जरूरत होती है। इससे आपके वीज़ा मिलने में मदद मिलती है।
6. आईटीआर एड्रेस प्रूफ के लिए: कई बार आपको आईटीआर को अपने पते का प्रमाण बनाने में मदद मिलती है। आपके आईटीआर पर उपलब्ध आपके पते का प्रमाण विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी विभागों द्वारा भी स्वीकार्य होता है।