फैसला: तीन महिलाओं को खौफनाक वारदात पर मिली उम्रकैद की सजा... ddnewsportal.com

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फोटो साभार गूगल

फैसला: तीन महिलाओं को खौफनाक वारदात पर मिली उम्रकैद की सजा...

लोकलाज के डर से मानवता को शर्मसार कर नवजात का दबाया था गला, अदालत ने सुनाया कठोर निर्णय, पढ़ें क्या था पूरा मामला...

हिमाचल प्रदेश को झकझोर कर रख देने वाले वर्ष 2017 के एक मामलें में अदालत ने दोषी तीन महिलाओ को आजीवन कारावास की कठोर सजा सुनाई है। मामला प्रदेश के रामपुर का है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रामपुर ने नवजात बच्ची की गला दबाकर हत्या करने का आरोप सिद्ध होने पर दोषी तीन महिलाओं को उम्रकैद व दो लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। तीनों कुल्लू व मंडी जिला की निवासी हैं।
अदालत ने 20 गवाहों के बयान व वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर दोषियों को सजा सुनाई है। सरकार की ओर से मामले की पैरवी उप जिला न्यायवादी कमल चंदेल व एस जरयाल ने की। उप जिला न्यायवादी ने बताया कि बीते 25 मार्च 2017 को एक महिला को पेट में दर्द होने पर अस्पताल लाया गया। डाक्टर ने चेकअप करने के लिए उसे बिस्तर पर लिटाया। दर्द अधिक होने पर डाक्टर उसे लेबर रूम में ले गया, जहां महिला ने स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। कुछ समय बाद बच्ची व मां को जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया। महिला की मां व सास भी अस्पताल पहुंच गई थीं। दोनों ने महिला से बातचीत कर बच्ची को मारने की योजना बनाई। दादी दरवाजे पर खड़ी रही और नानी ने मां की गोद में सो रही बच्ची की गला दबाकर हत्या कर दी। नर्स बच्ची को देखने आई तो उसकी सांस नहीं चल रही थी। उसने तुरंत डाक्टर को बुलाया। डाक्टर को बच्ची की मौत पर संदेह हुआ, क्योंकि उसके गले में नीले निशान व मुंह के आसपास रक्त पोंछने के निशान थे। डाक्टर ने पुलिस को सूचना दी।

पुलिस ने अस्पताल पहुंचकर बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए आइजीएमसी शिमला भेजा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला कि बच्ची की मौत गला घोंटने से हुई है। इसके बाद पुलिस ने तीनों आरोपी महिलाओं को गिरफ्तार कर पूछताछ की। बच्ची का जन्म मां की शादी के 38 दिन बाद हुआ था। बेइज्जती होने के डर से तीनों महिलाओं ने मिलकर घटना को अंजाम दिया। डीएनए में भी इस बात की पुष्टि हुई थी कि बच्ची का पिता महिला का पति नहीं था। इस कारण वे बच्ची से छुटकारा पाना चाहते थे।