हिमाचल: जेबीटी भर्ती प्रक्रिया को फिर हाइकोर्ट में चुनौती ddnewsportal.com
हिमाचल: जेबीटी भर्ती प्रक्रिया को फिर हाइकोर्ट में चुनौती
बीएड डिग्री धारक ने दायर की याचिका, दिया ये हवाला...
जेबीटी भर्ती प्रक्रिया का मामला फिर से कोर्ट चला गया है। बीएड धारक की तरफ से जेबीटी भर्ती प्रक्रिया को प्रदेश उच्च न्यायालय के समक्ष चुनौती दी गई है। जिह पर न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश विरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने प्रतिवादियों से दो हफ्ते के भीतर जवाब तलब किया है। माठू राम की ओर से दायर याचिका में राज्य सरकार, हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग और एनसीटीई को प्रतिवादी बनाया गया है। जेबीटी में चयनित उम्मीदवारों ने भी इस मामले में शामिल होने के लिए आवेदन
किया है। मामले की सुनवाई 27 सितंबर को निर्धारित की गई है।
याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गई कि आयोग ने बीएड डिग्री धारकों को जेबीटी भर्ती प्रक्रिया से गलत तरीके से बाहर किया गया है। अदालत को बताया गया कि एनसीटीई की ओर से जारी 28 जून 2018 की अधिसूचना के अनुसार वे जेबीटी पद के लिए योग्यता पूरी करते हैं। अदालत ने भी राज्य सरकार को आदेश दिए थे कि जेबीटी पदों को एनसीटीई की ओर से जारी 28 जून 2018 की अधिसूचना के अनुसार भरा जाए। राज्य सरकार की ओर से दलील दी गई कि जिन बीएड डिग्री धारकों ने सिर्फ एक ही टेट पास किया है, वे नियमों के तहत जेबीटी पद के लिए योग्य नहीं हैं। एनसीटीई नियमों के तहत जेबीटी पद के लिए दो टेट का उत्तीर्ण किया जाना जरूरी है।
बता दें कि 26 नवंबर 2021 को हाईकोर्ट ने जेबीटी भर्ती मामलों पर फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया था कि शिक्षकों की भर्ती के लिए एनसीटीई द्वारा निर्धारित नियम प्रारंभिक शिक्षा विभाग के साथ-साथ अधीनस्थ कर्मचारी चयन आयोग पर भी लागू होते हैं। कोर्ट ने विभिन्न याचिकाओं को स्वीकारते हुए प्रदेश सरकार को यह आदेश भी दिए थे कि वह 28 जून 2018 की एनसीटीई की अधिसूचना के अनुसार जेबीटी पदों की भर्ती के लिए नियमों में जरूरी संशोधन करे। अदालत के इस फैसले से जेबीटी पदों के लिए बीएड डिग्री धारक भी पात्र हो गए थे। बाद में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से दायर पुनर्विचार याचिका में पारित आदेशों के अनुसार इस फैसले पर रोक लगा दी थी। इस रोक के बाद बीएड डिग्री धारक फिर से इन पदों के लिए अयोग्य हो गए। बीएड डिग्री धारक याचिकाकर्ताओं ने मांग की थी कि उन्हें भी जेबीटी भर्ती के लिए योग्य समझा जाए। बीएड डिग्री धारक होने के साथ-साथ उन्होंने टेट भी पास किया है और एनसीटीई के नियमों के तहत जेबीटी शिक्षक बनने के लिए पात्रता रखते हैं।