हिमाचल: राजस्व बढ़ाने को सरकार का एक और बड़ा फैसला ddnewsportal.com

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फाइल फोटो: सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश।

हिमाचल: राजस्व बढ़ाने को सरकार का एक और बड़ा फैसला

पड़ोसी राज्य उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर की तर्ज पर लागू किया निर्णय, जानिए हर साल होगी कितनी कमाई...

हिमाचल प्रदेश की सरकार माली तंगी से जूझ रही है। इस आर्थिक तंगी से निकलने के लिए सरकार ने एक और फैसला लिया है। ताकि सरकार के खजाने में कुछ पेसा आ सके। प्रदेश की सुखविंद्र सिंह सुक्खू सरकार ने राजस्व बढ़ाने का काम शुरू कर दिया है। प्रदेश सरकार ने प्रदेश में पन बिजली उत्पादन पर

वाटर सेस लागू कर दिया है। पड़ोसी राज्य उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर की तर्ज पर राजस्व जुटाने के लिए प्रदेश सरकार ने बिजली उत्पादन पर पानी का सेस लगाने का फैसला लिया है। प्रदेश में छोटी-बड़ी करीब 175 पनबिजली परियोजनाओं पर वाटर सेस से सरकार के खजाने में हर साल करीब 700 करोड़ रुपये जमा होंगे।
प्रदेश सरकार वाटर सेस लगाने के लिए एक अध्यादेश लाई है। बीता शुक्रवार को इस बाबत राजपत्र में अधिसूचित किया गया। अब विधानसभा के बजट सत्र में बिल लाकर इसका कानून बनाया जाएगा। अध्यादेश के तहत सरकार प्रति घन मीटर 0.10 रुपये से लेकर 0.50 रुपये प्रति घनमीटर तक वाटर सेस वसूलेगी।

इस तरह से वसूलेंगे सेस (रुपये में)

1- 30 मीटर तक हेड की पनबिजली परियोजना             0.10 प्रति घन मीटर
2-  30 से 60 मीटर तक हेड की पनबिजली परियोजना 0.25 प्रति घन मीटर
3-  60 से 90 मीटर तक हेड की पनबिजली परियोजना 0.35 प्रति घन मीटर
4-  90 मीटर से अधिक हेड की पनबिजली परियोजना             0.50 प्रति घन मीटर