Paonta Sahib: बाल गंगा प्रहरियों ने साफ किया उपेक्षित प्राकृतिक जल स्रोत ddnewsportal.com
Paonta Sahib: बाल गंगा प्रहरियों ने साफ किया उपेक्षित प्राकृतिक जल स्रोत
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में स्थित नमामि गंगे से संबंधित पहले विद्यालय बहराल के बाल गंगा प्रहरियों ने अपने विद्यालय से 300 मीटर दूर प्राकृतिक जल स्रोत बावड़ी की सफाई की। नमामि गंगे के अंतर्गत बाल गंगा प्रहरी कॉर्नर के 12 विद्यार्थियों ने कई वर्षों से अपेक्षित एवं झाड़ियां से ढके हुए प्राकृतिक जल स्रोत की सफाई करके गांव वालों के लिए बावड़ी तक पहुंचाने के लिए रास्ता भी साफ किया। राजकीय उच्च विद्यालय बहराल के मुख्य अध्यापक जीवन प्रकाश जोशी ने बताया कि बहराल विद्यालय
हिमाचल प्रदेश का पहला विद्यालय है जो नमामि गंगे परियोजना से संबद्ध है। इस विद्यालय को गंगा नदी और उसकी सहायक नदी के तट पर स्थित विद्यालयों की श्रृंखला में नमामि गंगे परियोजना एवं वन्य जीव संस्थान के अंतर्गत लाभान्वित होने वाला हिमाचल प्रदेश के पहले विद्यालय बनने गौरव हासिल हुआ है। विद्यालय में नमामि गंगे परियोजना द्वारा लाइब्रेरी स्थापित की गई है जिसमें विद्यार्थी नदियों और उनमें रहने वाले जीवों के बारे में जानकारी हासिल करते हैं।
इसी संदर्भ में विद्यालय प्रबंधन समिति के प्रधान केहर सिंह और सदस्य अर्जुन सिंह ने अवगत करवाया कि विद्यालय से 300 मीटर दूर प्राकृतिक जल स्रोत है, जिसकी काफी समय से सफाई न होने के कारण उसके पानी का प्रयोग नहीं किया जा रहा है। केहर सिंह ने बताया कि घरों में पाइपलाइन से पानी आने के कारण यह जल स्रोत उपेक्षित हो गया है, जबकि इसका पानी जड़ों की साल से निकलने वाला पूर्णता प्राकृतिक जल है। अर्जुन सिंह ने बताया कि इस बावड़ी का पानी किडनी के रोगियों के लिए अत्याधिक लाभकारी है। इसलिए विद्यालय में इस परियोजना की प्रभारी मनवीर कौर ने अपने बालगंगा प्रहरियों के साथ उक्त प्राकृतिक जल स्रोत तक जाने का रास्ता भी साफ किया और जल स्रोत को भी साफ किया। इस सफाई अभियान के दौरान केहर सिंह, अर्जुन सिंह, मनवीर कौर, वीरेंद्र शर्मा, रेनू शर्मा, मीनाक्षी राजपूत, सुदेश कुमार, सुरेंद्र, शशि कुमारी, रेशम कौर, के साथ दीक्षा प्रीति कल्पना वंशिका कोमल गौरव राहुल कंचन तान्या प्रिंस वंश आदि मौजूद रहे।