आखिरकार कहाँ गये एनएच से हटाए लोहे के डिवाईडर.....ddnewsportal.com

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आखिरकार कहाँ गये एनएच से हटाए लोहे के डिवाईडर.....

पूर्व पार्षद शिव सिंह असवाल का यक्ष प्रश्न, विकास या किसी के पेट की भेंट चढ़ा लाखों का लोहा? नगर परिषद पर नियम कानून दरकिनार करने के आरोप

लगता है नगर परिषद पांवटा साहिब के पूर्व पार्षद शिव सिंह असवाल का फेसबुक पर किया गया यक्ष प्रश्न नगर परिषद पर भारी पड़ सकता है। मामला एनएच से हटाए लाखों रूपये के लोहे के डिवाईडर के यकायक गायब हो जाने का है। जानकारी के मुताबिक  नगर परिषद पांवटा साहिब लाखों के स्क्रैप की बिक्री को लेकर सवालिया घेरे में आ गई है। दरअसल, पिछली सरकार के कार्यकाल में नेशनल हाइवे पर बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए तत्कालीन विधायक चौधरी किरनेश जंग ने हाईवे के बीचों

बीच ठोस लोहे के डिवाइडर लगवाए थे। हालांकि बजट के अभाव में चौधरी किरनेश जंग के आग्रह पर दवा निर्माता कंपनी सन फार्मा के सौजन्य से इसकी लागत 55 लाख रुपए का भुगतान किया गया। जबकि 18 लाख के भुगतान नगर परिषद की ओर से किया गया। वर्तमान में नेशनल हाइवे के विस्तारीकरण के दौरान इन डिवाइडर को हटाया जाना तय था। जिसके तहत नेशनल हाइवे अथॉरिटीज ने इन डिवाइडर को हटा कर नगर परिषद के हवाले कर दिया। एनएच प्राधिकरण के सहायक अभियंता सूर्यकांत ने बताया

कि पत्र लिखकर हटाए गए डिवाइडर नगर परिषद पांवटा साहिब को सौंप दिए गए हैं। लेकिन सवाल तब उठने शुरू हुए जब लाखों की कीमत के ठोस लोहे के डिवाइडर नगर परिषद परिसर से गायब हो गए। जानकारों की माने तो इस स्क्रैप को नियम कानूनों की प्रक्रिया पूरी कर नीलाम किया जाना था। लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि कानूनी प्रक्रिया पूरी किए बिना किसी कबाड़ी को बुला कर ये स्क्रैप उठवा दिए गए। नगर परिषद पांवटा साहिब के पूर्व पार्षद व समाज सेवी शिव सिंह असवाल ने इस बारे में फेसबुक पर पोस्ट अपडेट कर सवाल उठाए हैं कि “यक्षप्रश्न ? कि पाँवटा वाई प्वाइन्ट से बद्रीपुर तक डिबाइडर का लोहा विकास की भेंट चढ गया ? या किसी के पेट मे समा गया

? पाचन को सलाम ?” चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि रातों रात नगर परिषद की लाखों की कीमती सम्पत्ति को यूं ठिकाने नहीं लगाया जा सकता। इस नियम कानूनों का पालन करते हुए व पूरी प्रक्रिया के बाद ही नीलाम किया जाना चाहिए था। यही नही कुछ दिन पूर्व कांग्रेस नेता व पीसीसी महासचिव अनिन्द्र सिंह नौटी ने भी फेसबुक पर इन लोहे के डिवाईडर के बारे मे सवाल किया था कि आखिर ये डिवाईडर गये कहाँ। 
रोचक तो ये है कि नगर परिषद परिसर से उठवाए गए इस लाखों के स्क्रैप की जानकारी अधिकतर पार्षदों व पदाधिकारियों को भी नहीं है। नगर परिषद में विपक्ष के नेता व पार्षद मधुकर डोगरी ने पूछे जाने पर बताया कि इस बारे में उन्हें भी बाहर से ही इस बारे में पता चला है। यदि ऐसा पाया गया तो हाउस कि बैठक में मामले को उठाया जाएगा। वहीं इस बारे जब ईओ एसएस नेगी से संपर्क करना चाहा तो बात नही हो पाई। उनका पक्ष मिलने पर उसे भी प्रकाशित किया जाएगा।