Paonta Sahib: सबको खून देता है पांँवटा लेकिन जरूरत पर खुद खाली हाथ, उठी ये अहम मांग... ddnewsportal.com

Paonta Sahib: सबको खून देता है पांँवटा लेकिन जरूरत पर खुद खाली हाथ, उठी ये अहम मांग... ddnewsportal.com

Paonta Sahib: सबको खून देता है पांँवटा लेकिन जरूरत पर खुद खाली हाथ, उठी ये अहम मांग...

तीन राज्यों की सीमा से सटी गुरु की नगरी पाँवटा साहिब एक ऐसा व्यस्त नगर है जो दिन प्रतिदिन विकसित होता जा रहा है। सिख संगत तो यहां दूर दराज एवं विदेशों तक से गुरू गोबिंद सिंह जी के प्रसिद्ध गुरूद्वारा साहिब में मत्था टेकने पंहुचती ही है, साथ ही औद्योगिक और एजुकेशन हब बनते जा रहे इस शहर में भारत के कई राज्यों का लोग बस गए हैं। सभी शहर के विकास में कहीं न कहीं अपनी भागेदारी निभा रहे हैं। इसके साथ ही धार्मिक और सामाजिक कार्यों में भी यहां के लोग बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं। फिर चाहे कोई धार्मिक आयोजन हो या समाज की सेवा का। यही कारण है कि यहां पर जब कभी भी किसी भी सामाजिक संगठन या संस्था द्वारा रक्तदान शिविर लगाया जाता है तो लोग बड़े मन से उसमे भाग लेकर अपना खून देते है ताकि किसी भी जरूरतमंद की जान बचाई जा सके। ये एकत्रित किया गया खून कभी आईएमए देहरादून तो कभी मेडिकल काॅलेज नाहन के चिकित्सकों के सहयोग से एकत्रित किया जाता है। लेकिन मुद्दा ये है कि यहां की आबादी रक्तदान तो दिल खोलकर करती है लेकिन जब किसी को खून की ज़रूरत पड़ती है तो उसे दर दर भटकना पड़ता है। कई बार जरूरत के समय ब्लड उपलब्ध नही हो पाता तो कभी देहरादून या हरियाणा की तरफ रूख करना पड़ता है, जिससे कई बार देर होने पर नुकसान भी उठाना पड़ता है। कारण, पाँवटा साहिब मे ब्लड बैंक न होना है। यहां के लोग रक्तदान शिविर में तो हमेशा बढ़ चढ़कर भाग लेते है, लेकिन जब उनमे से खुद किसी को खून की ज़रूरत पड़ती है तो समय पर नही मिल पाता। इसलिए ब्लड बैंक की ये मांग जोर पकड़ने लगी है। हाल ही में डेंगू के बढ़ते मामलों के बाद जब खून की अधिक जरूरत होने लगी तब इस तरफ लोगों का ज्यादा धयान आया और मांग ने तेजी पकड़ ली। इसके साथ ही घोषित ट्रॉमा सेंटर की मांग भी पूरी करने को भी कहा जा रहा है। 


पाँवटा साहिब के समाजसेवी कहते हैं कि सभी जानते हैं कि पाँवटा साहिब की आबादी पहले की तुलना में बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है। इस बार जितने मामले डेंगू और चिकनगुनिया के देखने को मिले हैं ऐसे इतिहास में पहले कभी नहीं मिले। ऐसे में पांवटा साहिब की जनता एक अदद ब्लड बैंक के लिए तरस रही है। किसी को भी खून जरूरत होती है तो देहरादून और यमुनानगर की तरफ भागना पड़ता है जिसमें बहुमूल्य समय व्यर्थ होता है। इसी के साथ-साथ दुर्घटना जैसी किसी आपातकालीन स्थिति के लिए जहां मरीज के पास काफी कम समय होता है। एक सभी सुविधाओं से लैस ट्रॉमा सेंटर की भी बहुत सख्त जरूरत है।