शिलाई: हाटी आंदोलन की अलख जगाने वाले हाटी योद्धा जीत सिंह कठवाड़े का निधन ddnewsportal.com
शिलाई: हाटी आंदोलन की अलख जगाने वाले हाटी योद्धा जीत सिंह कठवाड़े का निधन, केंद्रीय हाटी समिति ने जताया शोक
गिरिपार क्षेत्र में हाटी आंदोलन की अलख जगाने वाले केंद्रीय हाटी समिति के फाउंडर सदस्य व लंबे समय तक महासचिव के पद पर रहकर महत्वपूर्ण योगदान देने वाले जीत सिंह कठवाड़े का लंबी बीमारी के बाद आज नाहन में देहांत हो गया। वह लगभग 72 वर्ष के थे। शिलाई विधानसभा क्षेत्र के कठवाड़ निवासी वरिष्ठ अधिवक्त जीत सिंह का हाटी समुदाय को जनजाति का दर्जा दिलाने के लिए किए गए संघर्ष में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। शुरूवाती संघर्ष के उस दौर में एक कंधे पर झोला लटकाए और उसमे एसटी से संबंधित कागज लेकर अपने साथियों के साथ इन्होंने गांव गांव जाकर गिरिपार क्षेत्र के लोगों को ST होने के फायदे बताते रहते थे। लोगों को इस मुहिम में जोड़ने का काम किया। हाटी के मुद्दे को आगे बढ़ाने का काम किया। मंजिल तक पहुंचाने में इनका
योगदान भुला नही सकते। कई बार हिन्दु आश्रम में मीटिंग कराई, उस बैठक में हाटी के बारे में जानकारी एकत्रित करने के बारे में लोगो के बीच गए। कितनी ही बार देहरादून जाकर एसटी के बारे में जानकारी उपलब्ध की, पूरा लेखा जोखा तैयार किया कि उत्तराखंड का जौनसार क्षेत्र किस प्रकार एसटी हुआ। उसे आधार बनाकर कागज तैयार करवाये। साथ ही नाहन में वकालत भी करते रहे और गरीब लोगों के केस निशुल्क लड़ते रहे।
केंद्रीय हाटी समिति के अध्यक्ष डाॅ अमीचंद कमल और महासचिव कुंदन सिंह शास्त्री ने कठवाड़े के निधन पर दुख प्रकट कर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है। उन्होने कहा कि श्री कठवाड़े का योगदान हाटी समिति कभी नही भुला सकती। ट्रांसगिरी क्षेत्र हाटी समुदाय के द्वारा उनके योगदान को सदा याद किया जाएगा। हम सब की ओर से भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और परिवार को इस दुख की घड़ी में सहनशक्ति की कामना करते हैं।