खास खबर: लम्पी रोग के खात्मे को पाँवटा से निकली उम्मीद की किरण ddnewsportal.com
खास खबर: लम्पी रोग के खात्मे को पाँवटा से निकली उम्मीद की किरण
होम्योपैथिक चिकित्सक डाॅ रोहताश नांगिया की ईज़ाद दवा ला रही आश्चर्यजनक परिणाम, पशुपालक बोले; मृत्यु दर में गिरावट
गोशाला संचालक और दुग्ध उत्पादक संघ ने सरकार से उठाई मंजूरी देने की मांग।
पशुधन में फैल रहे लम्पी चमड़ी रोग के खात्मे को गुरू की नगरी पाँवटा साहिब से उम्मीद की किरण निकल रही है। मशहूर होम्योपैथिक चिकित्सक डाॅ रोहताश नांगिया की ईज़ाद की गई दवा पशुओं की बीमारी को दूर करने में सहायक बन रही है। यह कहना उन स्थानीय पशुपालकों का है जिन्होंने अपने पशुओं पर
यह दवा इस्तेमाल की है, और पशुओं को ठीक होते देखा है। परिणाम अच्छे आने पर रोज़ाना हिमाचल के सिरमौर जिला ही नही बल्कि आस पड़ोस के राज्य के पशुपालक भी डाॅ नांगिया से यह दवाई ले जा रहे है और अपने पशुधन को इस भयानक बीमारी से बचा रहे है।
स्थानीय बहराल में श्री सत्यानन्द गोधाम का संचालन करने वाले सचिन ओबरॉय का कहना है कि जैसे ही यह बीमारी आई तो वह भी चिंतित हो गये, क्योंकि उनकी गोशाला में भी 50 से अधिक गोवंश है। कुछ दिन पहले 15 से 16 गौवंश में यह लक्षण देखने को मिले। उन्हे मालूम हुआ कि कोरोना काल में लाखों लोगो की निशुल्क सेवा करने वाले होम्योपैथिक चिकित्सक डाॅ रोहताश नांगिया ने पशुधन को बचाने की दवा भी ईजाद की है तो उन्होंने भी दवा ले ली और ग्रसित पशुओं को देने लगे। वह खुद हैरान हो गये कि जिस लम्पी वायरस को सरकार लाईलाज बता रही है, उस बीमारी को ठीक करने में डाॅ नांगिया की बनाई दवा से एक सप्ताह भी नही लगा। आज उनकी लगभग सभी गाय स्वस्थ है। उन्होंने पशुओ को कोई अन्य दवा नही दी है, सिर्फ होम्योपैथिक दवा ही इस्तेमाल की है। अब एक दो गाय बीमार है, जिनमे भी सुधार हो रहा है।
वहीं दुग्ध उत्पादक संघ पाँवटा साहिब के अध्यक्ष अमरजीत सिंह बिट्टा का कहना है कि डाॅ रोहताश नांगिया द्वारा दी गई होम्योपैथिक दवा पशुओं के लंपी रोग पर कारगर साबित हो रही है। गत दिनों उन्होंने डाॅ रोहताश को संघ की बैठक में भी बुलाया था, जहां पर उन्होंने करीब 40 पशुपालकों को निशुल्क यह दवा वितरित की। संघ सैंकड़ो पशुपालकों को उनके पास दवा लेने भेज चुका है। यदि समय रहते होम्योपैथिक दवा बीमार पशुओं को दी जाए तो यह बड़ी कारगर साबित हो रही है। इस संबंध में उन्होंने डिप्टी डायरेक्टर एनिमल हजबेंडरी को भी अवगत करवाया है तथा इस दवा को मंजूरी देने की मांग की है।
क्षेत्र के पशुपालकों का कहना है कि होम्योपैथिक की जो दवा पशुओं को दी जा रही है उसके आश्चर्यजनक परिणाम देखने को मिल रहे है। पशुपालकों के मुताबिक इस दवा से उनके पशु ठीक हो रहे है। यही नही जानकारी यह भी है कि पड़ोसी राज्य हरियाणा और उत्तर प्रदेश के पशुपालक भी डाॅ रोहताश के पास लंपी रोग से पशुओं को ठीक करने की दवा लेने पंहुच रहे है।
हालांकि पशुपालन विभाग भी अपने स्तर पर उपचार कर इसकी रिपोर्ट बना रहा है जो आगामी समय में उच्चधिकारियों को भेजी जा सकती है। ऐसा माना जा रहा है कि इसमे भी कहीं न कहीं होम्योपैथिक दवा का जिक्र होगा।
उधर, इस बारे में पूछने पर पाँवटा साहिब के होम्योपैथिक चिकित्सक डाॅ रोहताश नांगिया ने बताया कि रौजाना काफी पशुपालक उनके पास दवा लेने पंहुच रहे हैं। पशुपालक उन्हे बता रहे हैं कि दवा कारगर साबित हो रही है। वह सभी को यह दवा निशुल्क दे रहे है।
गोर हो कि गत दिवस उपायुक्त सिरमौर राम कुमार गौतम ने पशुपालन विभाग के साथ बैठक कर लम्पी त्वचा रोग के प्रसार को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने तथा ग्रसित पशुओं का प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण करने के निर्देश दिए। उक्त बैठक में बताया गया कि जिला सिरमौर में लगभग 4.5 लाख पशु हैं और अभी तक 5710 पशुओं में लम्पी त्वचा रोग पाया गया है जिनमें से 2900 इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं तथा 2635 अभी इस रोग की चपेट में हैं। बैठक में यह भी बताया गया कि इस रोग से अभी तक 175 पशुओं की मृत्यु हुई है। जिला में अभी तक लगभग 23000 पशुओं को वैक्सीन लगाई जा चुकी है तथा शेष को भी जल्द वैक्सीन लगाई जाएगी। बैठक में बताया
गया कि लम्पी त्वचा रोग के मामले फिलहाल नैना टिककर-स्वांजी, टिक्कर, नारग, नौहरा, घलुत, कोटला पंजोला, दाड़ो, थलेरी बेर, काला अम्ब-नागल सुकेती, सैनवाला, मोगीनंद, देवनी, बिक्रमबाग, कटोला, त्रिलोकपुर, कौलांवालाभूड़, सुरला, कंडइवाला, अरंडवाला, तालों, जंगलाभूड़, पालियों, बरमपापडी, भाल्टा मछेर, पराडा, बन्कला-भेड़ों, मातर, कोलर, माजरा-जगतपुर, पुरुवाला, मिस्सरवाला और जोहड़ों में पाए गए हैं। उपायुक्त ने पशुपालन विभाग को लम्पी त्वचा रोग के प्रसार को रोकने के लिए पशुओं के टीकाकरण कार्य को और गति प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने लोगों कि जानकारी के लिए लम्पी त्वचा रोग से सम्बंधित जानकारी का व्यापक प्रचार-प्रसार करने और हेल्पलाइन नंबर जारी करने के भी निर्देश विभाग को दिए। उन्होंने कहा कि क्योंकि लम्पी त्वचा रोग तेजी से बढ़ रहा है इसलिए लोग फिलहाल दूसरे राज्यों से पशुओं की खरीद न करें और अपने पशुओं को चराने के लिए इधर-उधर न ले जाएं। पशुपालक अपने पशुओं के ओबरे को पूरी तरह से साफ रखें ताकि वहां मच्छर-मखियाँ न हों। उन्होंने लम्पी त्वचा रोग से मृत्यु हो जाने पर पशुओं को निर्धारित प्रक्रिया के तहत जमीन में दबाने और निराश्रित पशुओं का भी पूरा ध्यान रखने के निर्देश दिए। इस बैठक में उपनिदेशक पशुपालन डॉ नीरू शबनम ने बैठक में विभाग द्वारा इस रोग की रोकथाम के लिए किए जा रहे कार्यों बारे में विस्तृत जानकारी दी।