सीमेंट विवाद: सरकार ने कंपनी प्रबंधन और उसके मालिकों से जाहिर की नाराजगी ddnewsportal.com
सीमेंट विवाद: सरकार ने कंपनी प्रबंधन और उसके मालिकों से जाहिर की नाराजगी
बैठक में सहमति न बनने के बाद जानियें क्या बोले उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान...
हिमाचल प्रदेश सरकार सीमेंट विवाद मामले में कंपनी प्रबंधन और उसके मालिकोंसे नाराज है। प्रदेश में पिछले 38 दिन से चल रहे सीमेंट विवाद पर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान के साथ ट्रक ऑपरेटरों और अदाणी समूह के प्रतिनिधियों की हुई बैठक में भी बात नहीं बनी है। सरकार ने कंपनी प्रबंधन और उसके मालिकों से अपनी नाराजगी जाहिर कर दी है। मंत्री ने कंपनी प्रबंधन को बता दिया है कि ट्रक ऑपरेटरों से सहमति बनानी ही होगी, तभी सीमेंट प्लांट खुलेंगे। बैठक में हुई चर्चा और सार्थक परिणाम के बारे में मुख्यमंत्री को अवगत कराया जाएगा। इसके बाद फैसला होगा। बैठक में ट्रक ऑपरेटरों ने दो टूक कहा कि सीमेंट ढुलाई रेट तय करने को लेकर तैयार की गई हिमकॉन (एजेंसी) की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए। अगर हमारे और उच्च स्तरीय कमेटी के फार्मूले से कम रेट हुए तो ऑपरेटरों का आंदोलन जारी रहेगा। एक हफ्ते का अल्टीमेटम दिया गया है।
इसके बाद राज्य भर के ट्रक मालिकों को एकजुट करके धरना-प्रदर्शन की चेतावनी प्रदेश सरकार को दे दी है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पिछले दिनों सीमेंट विवाद सुलझाने का दायित्व उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान को सौंपा है। मंत्री ने शुक्रवार को दाड़लाघाट ट्रक यूनियनों के 15 और सीमेंट प्लांट के 7 प्रतिनिधियों के साथ राज्य सचिवालय में दोपहर बाद 3 :00 बजे से 5:30 बजे तक बैठक की। इस बैठक में पूछा गया कि क्या दोनों पक्ष हिमकॉन की रिपोर्ट के आधार पर सीमेंट ढुलाई के रेट पर सहमत रहेंगे। इस पर कंपनी के प्रतिनिधियों ने कहा कि उनको अपने उच्च अधिकारियों से बात करनी होगी।
बैठक के बाद ट्रक यूनियन के संयुक्त मंच के सदस्य रामकृष्ण शर्मा ने कहा कि रेट को लेकर सरकार अधिसूचना जारी करे। इससे पहले उच्च स्तरीय कमेटी और सब कमेटी के साथ पांच दौर की बैठकें हो चुकी हैं। इनमें भी दोनों पक्षों में कोई समझौैता नहीं हो पाया और अब उद्योग मंत्री यह विवाद सुलझाएंगे। एसडीटीओ के उपाध्यक्ष नरेश गुप्ता कहते हैं कि हिमकॉन (एजेंसी) के फार्मूले पर रिपोर्ट तैयार की है। हिमकॉन को यह भी रिपोर्ट में शामिल करना चाहिए कि प्लांट में सीमेंट उत्पादन का कुल खर्च कितना होता है। बताते हैं कि एक सीमेंट बैग के उत्पादन पर 200 रुपये खर्च आता है। कंपनी के लाभ को भी देखा जाए।
सीमेंट प्लांट चालू करवाना सरकार की प्राथमिकता : उद्योग मंत्री
उधर, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने ट्रक ऑपरेटर यूनियन और सीमेंट कंपनी प्रबंधन के साथ हुई बैठक में कहा कि इन संयंत्रों को जल्द से जल्द क्रियाशील करना सरकार की प्राथमिकता है। सरकार का उद्देश्य ट्रक ऑपरेटर यूनियन और सीमेंट कंपनी
प्रबंधन के बीच आम सहमति बनाना है, ताकि सीमेंट संयंत्र अपना संचालन फिर से सुचारु रूप से शुरू कर सकें। इस प्रकरण से राज्य सरकार को भारी वित्तीय नुकसान हुआ है। इसके अलावा ट्रक संचालक एक महीने से भी अधिक समय से बिना काम के हैं। जो लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कंपनी से जुड़े हुए हैं, वह अपनी आजीविका के लिए संघर्ष कर रहे हैं। सरकार का यह प्रयास है कि दोनों ही पक्ष आपसी सहमति से कार्य करना आरंभ करें।