Himachal News: कभी जहां लगाई रेहड़ी आज बने उसी मेले के चीफ गेस्ट ddnewsportal.com

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Himachal News: कभी जहां लगाई रेहड़ी आज बने उसी मेले के चीफ गेस्ट 

देवभूमि में वक्त ने इस कदर बदली करवट, IAS ने कहा...

देवभूमि हिमाचल प्रदेश में आज एक ऐसा वाकया देखने को मिला जिसने फिर साबित कर दिया कि समय बड़ा बलवान है और कभी भी करवट बदल सकता है। साथ ही वक्त ने यह भी दिखा दिया यदि इंसान के भीतर हौंसला और मेहनत की पक्की लगन हो तो वह सफलता की सीढ़ियाँ जरूर चढ़ता है। तभी तो जो युवक एक समय जिस मेले में रेहड़ी लगाता था आज वह उसी मेले में बतौर चीफ गेस्ट पंहुचे। बात आईएएस अधिकारी इशांत जसवाल की हो रही है। जिन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि जिस मेले में रोजी रोटी कमाने के लिए रेहड़ी लगाया करता था, एक दिन उसी मेले में बतौर मुख्यातिथि शिरकत करेंगे। 

घुमारवीं जिला स्तरीय ग्रीष्मोत्सव का शुभारंभ करने बतौर मुख्य अतिथि पंहुचे जसवाल ने कहा कि यह सब घुमारवीं विधायक राजेश धर्माणी की पहल के कारण ही संभव हो पाया है। उन्होंने मुझे ग्रीष्मोत्सव घुमारवीं में मुख्यातिथि बनने का मौका दिया। इसके लिए मैं उनका आभारी हूं।
गोर हो कि घुमारवीं में हर वर्ष पांच से नौ अप्रैल तक होने वाले जिलास्तरीय ग्रीष्मोत्सव का शुभारंभ धूमधाम के साथ हुआ। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में आईएएस अधिकारी इशांत जसवाल मौजूद रहे। इशांत ने कहा कि यह उपलब्धि नहीं, मैं इसे उत्तरदायित्व समझूंगा। जनता ने जो सम्मान और प्यार दिया है उसे हमेशा याद रखूंगा और अपने कार्यकाल में जो भी निर्णय होंगे वो पूरी जिम्मेदारी के साथ लूंगा। इस मौके पर घुमारवीं विधायक राजेश धर्माणी विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहे। इससे पहले मेला आयोजन समिति द्वारा शिव मंदिर में पूजा अर्चना की गई और उसके बाद वहां से मेला मैदान तक शोभा यात्रा निकाली गई।

वहीं खूंटी गाड़कर मेले का शुभारंभ किया गया। इस शोभा यात्रा में उपस्थित सभी लोगों को रंग बिरंगी पगड़ियां पहनाईं गईं। मुख्य अतिथि ने मेले में विभिन्न विभागों के द्वारा लगाई गई प्रदर्शनियों का रिबन काटकर उद्घाटन किया। इस अवसर पर स्कूली छात्रों व विभिन्न महिला मंडल सदस्यों के द्वारा समूह गान, नृत्य, भांगड़ा के साथ ही कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए। 
इस मौके पर आईएएस इंशात जसवाल ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मेले हमारी पुरानी धरोहर हैं जिन्हें संजोए रखना हमारा दायित्व बनता है। इस प्रकार के आयोजनों से आपसे भाइचारे को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने सभी क्षेत्रवासियों को मेले की बधाई दी। कहा कि मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि जिस मेले में कभी रेहड़ी लगाई गई हो वहां पर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करने का मौका मिलेगा। यह अविश्वसनीय है।