आरोप- हिमाचल में गौवंश के नाम पर बिहार के चारा घोटाले से भी बड़ा घोटाला ddnewsportal.com

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आरोप- हिमाचल में गौवंश के नाम पर बिहार के चारा घोटाले से भी बड़ा घोटाला

कांग्रेस के इन नेता ने लगाए पशुपालन विभाग मंत्री पर संगीन आरोप, कहा; गोवंश के नाम पर लिये जाने वाले सैस का नही अता-पता।

हिमाचल प्रदेश के पूर्व मंत्री व कांग्रेस विधायक श्री नयनादेवी रामलाल ठाकुर ने प्रदेश के पशुपालन विभाग के मंत्री पर संगीन आरोप लगाये हैं। विभाग के मंत्री को घेरते हुए विधायक ने दावा किया है कि हिमाचल प्रदेश में गौवंश के नाम पर बिहार के चारा घोटाले से भी बड़ा घोटाला हुआ है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री से पूछा है कि हिमाचल प्रदेश में बिकने वाली शराब की प्रति बोतल पर 2 रुपए का सैस गौवंश के नाम पर लिया जाता है लेकिन आज तक इकट्ठे किए गए इस पैसे का कोई पता ही नहीं चल पाया है और यह अपने आप में एक बहुत बड़ा गबन है। सड़कों पर घूम रहे बेसहारा गौवंश के लिए उन्हें छोड़ने वाले लोग तो जिम्मेदार हैं ही लेकिन सरकार भी गौवंश के नाम पर जमीनों को इकट्ठा किए हुए है और करोड़ों रुपए गौवंश के नाम पर डकारे जा रहे हैं। यह हाल प्रदेश के मंदिर ट्रस्टों का भी है। इनमें भी गौवंशों को बचाने हेतु गौसदन बनाने और उनको चलाने के नाम पर करोड़ों रुपए डकारे जा रहे हैं। जब गाय से दूध मिलता है तो उसे पालते हैं लेकिन बाद में सड़कों पर तड़पने के लिए छोड़ देते हैं। सरकार के सभी मंत्री अपनी गाडिय़ों में सड़कों पर घूमते हैं तो क्या उनको सड़कों पर घूमते सैंकड़ों गौवंश नहीं दिखाई देते हैं। उन्होंने कहा कि जो गौधन घरों में पाला जा रहा है उनकी टैगिंग की प्रक्रिया में भी बड़ा घोटाला हुआ है। इसके अलावा जो इलैक्ट्रॉनिक डिवाइस पशुपालन विभाग में पशु टैगिंग हेतु पशुओं के राष्ट्रीय पंजीकरण हेतु विभाग को दी थी, उनका भी कोई पता नहीं है। पशुपालन विभाग में टैब्स का भी

बड़ा घोटाला सामने आएगा। हिंदू आस्था और गौवंश के नाम पर राजनीति करने वाली भाजपा की सरकारें अपने आपको गौवंश के सच्चे सेवक और रक्षक मानते थे लेकिन वर्तमान में हालात हिमाचल प्रदेश की जनता के सामने हैं। सरकार के तमाम दावों के बावजूद भी बेसहारा पशु सड़कों पर बढ़ रहे हैं, जिससे हादसे भी हो रहे हैं।
हिमाचल में 26000 बेसहारा पशु सड़कों पर हैं, जिससे आए दिन हादसे भी हो रहे हैं। हिमाचल में कुल्लू, मंडी और कांगड़ा 3 ऐसे जिले हैं जहां पर सबसे ज्यादा बेसहारा पशु सड़कों पर हैं। अकेले कांगड़ा में ही 6000 से ज्यादा बेसहारा पशु हैं, जबकि पशुपालन विभाग के मंत्री का दावा था कि हर जिले को बारी-बारी से बेसहारा पशुओं से मुक्त करवाया जाएगा। हर जिले को बेसहारा पशुओं से मुक्त तो क्या करवाया, उलटे गौवंशों के नाम पर करोड़ों का घोटाला हो चुका है और प्रदेश सरकार कुंभकर्णी नींद सो रही है।