Himachal News: शराब का ठेका हटाने की बजाय उल्टा नौनिहालों के केंद्र को शिफ्ट करने की चल रही कवायद ddnewsportal.com
Himachal News: शराब का ठेका आंगनबाड़ी केंद्र पर भारी
ठेका हटाने की बजाय उल्टा नौनिहालों के केंद्र को शिफ्ट करने की चल रही कवायद
क्या गजब का व्यवस्था परिवर्तन हुआ है हिमाचल प्रदेश में। एक पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की सरकार थी जिसमे यह निर्णय होते थे कि बच्चों की सुविधा के लिए कदम कदम पर भी स्कूल या आंगनबाड़ी केंद्र खोलने पड़े तो खोले जाएंगे। और आज की सरकार में इतना व्यवस्था परिवर्तन हो गया कि ग्रामीणों की मांग पर भी अधिकारी शराब के ठेके को हटाने की बजाय आंगनवाड़ी केंद्र को शिफ्ट करने के आदेश जारी करने लगे हैं।
आखिरकार जनता को भी समझना चाहिए कि आंगनबाड़ी केन्द्र में तो सरकार का खर्च ही होना है, और आर्थिक बदहाली का हवाला दे रही सरकार को शराब से तो करोड़ों का टेक्स मिल रहा है। तो भाई तरजीह तो शराब को ही देनी पड़ेगी। खैर ये तंज तो लोग कस ही रहे है, लेकिन हकीकत में यदि आर्थिक स्थिति को सही करने के लिए इस तरह के निर्णय लिए जाने लगेंगे तो यह चिंता का विषय जरूर बन जाता है।
मामला हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले का है, यहां आंगनबाड़ी केंद्र के पास चल रहे शराब ठेके का विरोध हुआ तो ठेके को हटाने के बजाय उल्टा आंगनबाड़ी केंद्र को ही शिफ्ट किया जा रहा है। बिलासपुर जिले के विकास खंड झंडूता की बड़गांव पंचायत के ग्रामीणों का आरोप है कि आंगनबाड़ी केंद्र के 20 मीटर दायरे में नियमों के ताक पर रखकर शराब ठेका चलाया जा रहा है। बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय झंडूता की ओर से यह आंगनबाड़ी केंद्र सितंबर 2016 से चलाया जा रहा है।
बड़गांव पंचायत प्रधान निक्कू राम के साथ ग्रामीणों सीमा देवी, भूपेंद्र सिंह गुलेरिया, प्रकाश चंद और कांता देवी सहित अन्य आरोप है कि साल 2019 में नियमों को ताक पर रखकर केंद्र के पास ही शराब की दुकान खोल दी गई। इसका विरोध भी किया गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने बताया कि बीते 23 मई को पंचायत ने आबकारी एवं कराधान विभाग को भी आंगनबाड़ी केंद्र के पास शराब ठेका होने की बात बताई थी। साथ ही विभाग से कार्रवाई की मांग भी की थी। वहीं, एक जून को आंगनबाड़ी केंद्र में आने वाले बच्चों के अभिभावकों की बैठक में भी शराब के ठेके का स्थान बदलने का प्रस्ताव पारित किया गया था।
बाल विकास परियोजना अधिकारी झंडूता ने भी 3 मई को पत्र संख्या 1-13/2006-07 के तहत आबकारी एवं कराधान विभाग घुमारवीं से आंगनबाड़ी केंद्र के पास से ठेका हटाने को कहा था। लेकिन विभाग ने जब कोई कार्रवाई नहीं की तो बाल विकास परियोजना अधिकारी ने आंगनबाड़ी केंद्र का स्थान ही बदलने का निर्णय किया। बताया जा रहा है कि राजनीतिक दबाव के चलते यह करना पड़ा है।
बाल विकास परियोजना अधिकारी ने 5 जून को आंगनबाड़ी केंद्र को बदलने के आदेश पत्र संख्या 1-13/2006-07 झंडूता 133 के तहत दिए हैं। उधर, अब आंगनबाड़ी केंद्र को शिफ्ट करने के लिए बच्चों के लिए सभी सुविधाओं के साथ कमरा नहीं मिल रहा है। बाल विकास परियोजना अधिकारी के अपने फैसले को बदलकर केंद्र को शिफ्ट करने की कार्रवाई संदेह के घेरे में है। ग्रामीणों ने विभाग से शराब ठेके को हटाने की मांग विभाग और सरकार से की है।
जिला परियोजना अधिकारी हरीश मिश्रा ने बताया कि खबर के माध्यम से इस बारे में जानकारी मिली थी। आंगनबाड़ी केंद्र या किसी भी शिक्षण संस्थान के नजदीक शराब का ठेका नहीं होना चाहिए। आंगनबाड़ी केंद्र अगर उस स्थान पर ठेके से पहले का है तो केंद्र को वहां से नहीं उठाया जा सकता। अगर इस तरह का विभाग की तरफ से कोई प्रपत्र निकाला गया है तो इसके बारे में बाल विकास परियोजना अधिकारी झंडूता से जानकारी हासिल की जाएगी। उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है।