हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ ने CM-CS को सौंपी तुलनात्मक रिपोर्ट ddnewsportal.com
हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ ने CM-CS को सौंपी तुलनात्मक रिपोर्ट
सरकार का आश्वासन; जल्द सुलझाएगी वेतनमान संबंधी मामले, देखें क्या है रिपोर्ट में...
हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ प्रदेश सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश में छठे वेतन आयोग की अधिसूचना को लागू करने का हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ सरकार का आभार व्यक्त करता है। जहाँ पूरा देश कोविड महामारी के कारण आर्थिक तंगी से जूझ रहा है वही हिमाचल प्रदेश भी इस आर्थिक मार से उभर नही पाया है। ऐसे में हिमाचल सरकार द्वारा प्रदेश के लाखो कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग की सिफ़ारिशो को लागू करना एक एतिहासिक निर्णय है, जिसका हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ सरकार का आभार व्यक्त करता है। हिमाचल प्रदेश सरकार हमेशा से पंजाब सरकार द्वारा जारी वेतन आयोग का अनुसरण करता आया है। परन्तु इस वेतन आयोग की अधिसूचना जारी करने के बाद हिमाचल प्रदेश और पंजाब के कर्मचारियों के वेतन में काफी अंतर आ गया है म। इस सन्दर्भ में हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ 4 जनवरी को मुख्यसचिव और पांच जनवरी को प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्रियों और 6 जनवरी को मुख्यमंत्री से मिल कर अपना पक्ष रख चुका है और आपके दिशानिर्देश अनुसार पंजाब और हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों की तुलनात्मक रिपोर्ट तैयार कर सरकार को प्रेषित कर रहे है। आपके दिशानिर्देश अनुसार हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ द्वारा हिमाचल प्रदेश और पंजाब में कर्मचारियों को मिलने वाले वेतनमान में त्रुटियों को उजागर कर सरकार के ध्यान में लाने का प्रयास किया है ।
हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ ने मुख्यमंत्री आवास पर हिमाचल प्रदेश के म मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के साथ बैठक की, जिसमे मुख्यसचिव हिमाचल सरकार विशेष रूप से उपस्थित रहे। बैठक में हिमाचल सरकार द्वारा और पंजाब सरकार द्वारा जारी वेतन मान की तुलनात्मक रिपोर्ट प्रेषित की, जिसमे दोनों राज्यों में दी जा रहे वेतन में हो रही विसंगतियों पर गहनता से चर्चा की। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय सचिव पवन मिश्रा इस बैठक में विशेष रूप से उपस्थित रहे। हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के प्रान्त महामंत्री डॉ मामराज पुंडीर ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ चली एक घंटे की इस बैठक में शिक्षा बिभाग के कई विषयों पर चर्चा हुई, जिन्हें प्रदेश सरकार जल्द पूरा करने के लिए कार्य कर रही है।
हिमाचल प्रदेश में 1-10-2012 को वेतन संशोधन को लागू करते समय हिमाचल प्रदेश में इनिशिअल स्टार्ट खत्म कर दिया था जिससे पंजाब के कर्मचारी हिमाचल प्रदेश कर्मचारी वेतन के मामले में पीछे हो गये थे। क्योकि हिमाचल प्रदेश में प्रमोशन के बाद भी 2 साल तक नये ग्रेड पै से वंचित कर दिए थे। जिसका नुकसान आज प्रदेश के कर्मचारियों को देखने को मिल रहा
है। हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के आग्रह पर तत्कालीन मुख्यमंत्री आदरणीय प्रेम कुमार धूमल जी ने प्रदेश के कर्मचारियों को मिलने वाली एसीपी को दो फोर्मेट में लागू किया था जिसमे 4-9-14 और 8/16/24/32 प्रदेश के कर्मचारी आप्शन ले सकते थे। परन्तु 7 जुलाई 2014 तत्कालीन सरकार द्वारा कर्मचारियों को मिलने वाले एसीपी यानि 4-9-14 के सभी प्रारूप बदल कर प्रदेश के लाखो कर्मचारियों के साथ बहुत बढ़ा धोखा किया था । हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ इसका विरोध करता गया और प्रदेश भर में हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के कार्यकर्ताओं को तत्कालीन सरकार प्रताड़ित करती रही ।
हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ द्वारा तैयार रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के कर्मचारियो के हितो और पंजाब सरकार द्वारा जारी वेतनमान को हिमाचल प्रदेश में जारी करने हेतु निम्न विषयों पर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता है और आपसे उम्मीद है कि आप हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ द्वारा तैयार रिपोर्ट पर गहनता से विचार करेंगे।
1. हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ सरकार से मांग करता है कि पंजाब की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश में भी 2.25,2.59 और 15 प्रतिशत की बढोतरी के साथ वेतन मान को लागू करे।
2. हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ ने सरकार से मांग कि है कि प्रदेश के कर्मचारियों को आप्शन चुनने की एक महीने की अवधि को बढ़ाया जाये।
3. हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ सरकार से मांग करता है कि पंजाब में लागू वेतनमान को हिमाचल में यथावत लागू किया जाये। क्योकि हिमाचल प्रदेश सरकार पंजाब के वेतन आयोग को लागू करता है।
4. हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ सरकार से मांग करता है कि प्रदेश में 1/1/2016 में नियुक्त सभी वर्ग के अध्यापको को पंजाब की तर्ज पर इनिसिअल स्केल दे, जिसमे जेबीटी को 33400(HP) के स्थान पर 37600(PUNJAB), सी एंड वी को 35600 की तुलना में 40100, टीजीटी और डीपीई को 38100 के स्थान पर 41600, प्रवक्ता को 43000 के स्थान पर 47000 दिया जाये।
5. हिमाचल प्रदेश के कर्मचारी को भते पंजाब के आधार पर नही दिए जाते ,जिसकी वजय से हिमाचल प्रदेश का कर्मचारी पिछड़ता जा रहा है।
6. हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ प्रदेश का सबसे बढ़ा संगठन होने के नाते अपने दायित्व को निभाने का भरपूर प्रयास करता है । प्रदेश में कंप्यूटर और एसएमसी अध्यापको का वर्ग ऐसा भी है जिनको पिछले 20 वर्ष और 10 वर्ष की सेवा के बाद भी 10 हजार के आस पास सेलेरी दी जाती है। जो इनका शोषण के सेवाए कुछ नही हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ सरकार से आग्रह करता है कि इन शिक्षको के लिए निति बना कर इन्हें नियमित अध्यापक के बराबर सैलेरी देने का प्रावधान करे।
इस पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने प्रदेश के सभी कर्मचारियों की वेतन से सम्बन्धित समस्याओं को दूर करने का आश्वासन देते हुए कहा कि हमने प्रदेश के लाखो कर्मचारियों को कोविड के काल में भी सुरक्षित रखा है आगे भी रखेंगे।