HPTTR Police News: विशेष अभियान के दौरान 52,231 वाहनों की जांच, जुर्माना लाखों में... ddnewsportal.com

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HPTTR Police News: विशेष अभियान के दौरान 52,231 वाहनों की जांच, 1,840 मामलों में उल्लंघन पर 4,90,500 रूपये का जुर्माना

पुलिस महानिदेशक, हिमाचल प्रदेश पुलिस डॉ. अतुल वर्मा, आईपीएस, के नेतृत्व में, हिमाचल प्रदेश पुलिस ने 18 नवंबर से 2 दिसंबर 2024 तक 15 दिवसीय विशेष अभियान सफलतापूर्वक चलाया। इस अभियान का उद्देश्य सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देना और ओवरलोडिंग व असुरक्षित परिवहन जैसी प्रमुख यातायात उल्लंघनों को नियंत्रित करना था।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात पर्यटन और रेलवे शिमला नरवीर सिंह राठौर ने जानकारी देते हुए बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य असुरक्षित परिवहन प्रथाओं पर रोक लगाकर नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना, ओवरलोडिंग के कारण सड़कों को होने वाले नुकसान को कम करना, यातायात नियमों का सख्ती से पालन कर दुर्घटनाओं और जन-धन की हानि को रोकना रहा। 
इस दौरान व्यावसायिक वाहनों में ओवरलोडिंग, निर्धारित सीमा से अधिक माल का परिवहन, सार्वजनिक परिवहन वाहनों में यात्रियों की ओवरलोडिंग और मालवाहक वाहनों में अवैध यात्री परिवहन की जांच पड़ताल की गई। इस अभियान के दौरान 52,231 वाहनों की जांच और नाकाबंदी के दौरान जांच की गई। 1,840 मामलों में उल्लंघन पाए गए, जिससे कुल 4,90,500 रुपये का जुर्माना वसूला गया।


इनमें बिना बीमा के 34 मामले, व्यावसायिक वाहनों में ओवरलोडिंग के 173 मामले, वाहनों के बाहर सामग्री protruding के 92 मामले, सार्वजनिक परिवहन में यात्री ओवरलोडिंग के 1,490 मामले और मालवाहक वाहनों में यात्री परिवहन के 85 मामले सामने आए। 

■ ये जिले रहे अव्वल: 

रेलवे पुलिस स्टेशन, शिमला: यात्री ओवरलोडिंग के लिए 325 चालानों के साथ सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन।

जिला कांगड़ा: व्यावसायिक वाहनों में ओवरलोडिंग के लिए 132 चालानों के साथ सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन।

जिला ऊना: मालवाहक वाहनों में यात्री परिवहन के 31 मामलों का पता लगाने और चालान करने में शीर्ष स्थान।

जिला ऊना और मंडी: क्रमशः 18 और 22 मामलों के साथ समग्र उल्लंघनों में अधिकतम चालान।

इस अभियान ने हिमाचल प्रदेश में सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने पर महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रभाव डाला है। यातायात नियमों और विनियमों के बारे में जन जागरूकता बढ़ाई। वाहन संचालकों के बीच सुरक्षित परिवहन प्रथाओं को बढ़ावा दिया। संभावित सड़क दुर्घटनाओं को रोका और जन-धन की सुरक्षा सुनिश्चित की तथा टिकाऊ परिवहन के लिए सड़क संरचना की सुरक्षा की।