Navratri Parv News: नवरात्र पर्व कल से, अष्टमी-नवमी एक दिन, कलश स्थापना के लिए प्रातः ये रहेगा अति शुभ मुहूर्त... ddnewsportal.com

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Navratri Parv News: शारदीय नवरात्रि पर्व 03 अक्तूबर गुरुवार से आरंभ

प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित कमलकांत सेमवाल बोले; अष्टमी-नवमी एक दिन, कलश स्थापना के लिए प्रातः ये रहेगा अति शुभ मुहूर्त...

इस बार के शारदीय नवरात्रे गुरुवार 03 अक्तूबर से आरंभ हो रहे है। जिला सिरमौर के प्रसिद्व ज्योतिषाचार्य प0 कमलकांत सेमवाल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि पर्व के लिये गुरुवार प्रातः 6 बजे से दोपहर 12 बजकर 20 मिनट तक के मध्य कलश स्थापित करना शुभ रहेगा
प0 सेमवाल ने बताया कि भारतीय संस्कृति मे शारदीय नवरात्र का विशेष महत्व है। नौ दिनो तक चलने वाली नवरात्रि पर्व मे मां दुर्गा के नौ रुपों शैलपुत्री, ब्रहमचारिणी, चंद्रघण्टा, कुष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायिनी, कालरात्रि, महागौरी एवं सिद्विदात्री की पूजा की जाती

है। उन्होने बताया कि कलश स्थापना के बाद माँ दुर्गा के प्रधान रुप मां शैलपुत्री की पूजा होगी। इस बार महाअष्टमी और नवमी एक ही दिन 11 अक्तूबर को पड़ेगी। 11 अक्तूबर को अष्टमी दोपहर 12 बजकर 07 मिनट तक रहेगी। इसी तरह 12 अक्तूबर को नवमी प्रात: 11 बजे तक रहेगी। उसके बाद दशमी शुरु हो जाएगी। दशहरा का पर्व 12 अक्तूबर को मनाया जाएगा।                        
पूजा विधि-

स्नानादि के उपरान्त घट स्थापना करें। कलश स्थापना मे मिटटी, तांबे या स्टील का कलश पूजा मे रखें। घट मे गंगाजल, जल, सुपारी, चावल, रोली, हल्दी, कमल गटठे, जौ, सिक्का व शहद आदि डालकर आम के पांच पत्ते रखे तथा नारियल पर लाल रंग की चुन्नी लपैटकर कलश पर रखें। आसन बिछाकर अर्ध्य, वस्त्र, यज्ञोपवीत, गंध, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप, ताम्बुल, नेवैद्य व फल आदि से कलश पूजा करें। मिटटी के पात्र मे रेत-मिटटी डालकर उसमे मिलाकर जौ बीज दे तथा नित्य उसमे जल डाले। मां दुर्गा के नौ रुपों का ध्यान करें, नित्य नौ दिनो तक पूजा पाठ करें। मां दुर्गा का ध्यान कर नौ दिनो तक दुर्गा सप्तषती का पाठ करें।

क्या करें-

दुर्गा पूजा के लिये लाल फूलों का ही प्रयोग करें। घी की अखण्ड ज्योति जलाएं। पूजन के समय ओंकार सहित श्री गणेश, ब्रहमा, विष्णु, महेश व दुर्गा इन पंचदेवों व नवग्रहों का पूजन करें।

क्या न करें-

तुलसी, आक, आंवला एवं मदार के फूल न चढांए। दूर्वा न चढ़ाएं।