Paonta Sahib: राज्य से बाहर नही जाने दे रहे तो सरकार प्रदेश में करें पोपलर की खरीद ddnewsportal.com

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Paonta Sahib: राज्य से बाहर नही जाने दे रहे तो सरकार प्रदेश में करें पोपलर की खरीद, किसानों को पाबंदी के आदेशों से समस्या 

हिमाचल प्रदेश सरकार ने खत दिनों जहां आम सहित छह प्रजातियों के पेड़ो के कटान पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है वहीं फिलहाल किसी भी प्रकार की लकड़ी को बाहरी राज्य में ले जाने पर भी पाबंदी लगा दी है। प्रदेश में लकड़ियों के ट्रांसपोर्टेशन के लिए अब वन विभाग के आरओ की जगह डीएफओ की परमिशन अनिवार्य कर दी गई है। विभाग को इस बारे सख्त आदेश जारी हुए हैं जिससे अब बाहरी राज्यों में वैध तरीके से भी लकड़ियों को नही ले जाने दिया जा रहा है। 


इस आदेश से भले ही प्रदेश की बेशकीमती लकड़ियों की तस्करी पर लगाम लगेगी, लेकिन हाथ ही इस आदेश से किसानों को दिक्कतें आनी भी शुरू हो गई है, जिनकी फसलों की मंडी पड़ोसी राज्य हरियाणा में है। किसानों की इस खेती में पोपलर की खेती भी शामिल है। जिला सिरमौर के दून क्षेत्र में कोलर से लेकर पांवटा साहिब तक बड़े पैमाने पर किसान पोपलर की खेती करते हैं। किसानों की आर्थिकी बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार ने ही इसे शुरू करवाया था। यहां हर महीने औसतन 1500 क्विंटल पोपलर व सफेदा पड़ोसी राज्य हरियाणा की लक्कड़ मंडी में जाता है क्योंकि प्रदेश में इसकी खरीद नही होती। लेकिन सरकार के आदेश के बाद अब वन विभाग इस लकड़ी को भी बाहर नही ले जाने दे रही है। जिससे किसानों में रोश है। 


भारतीय किसान यूनियन पाँवटा साहिब के अध्यक्ष जसविंदर सिंह बिलिंग बताते हैं कि पांवटा साहिब के कई गाँवों में किसान अपनी निजी ज़मीन पर धान, गेहूँ, गन्ना, मक्की की फसल के साथ साथ पोपलर और सफ़ेदा की भी खेती करते है। जिस प्रकार किसान अपनी अनय फ़सलों को काट कर नज़दीक की मंडियो मे बेच कर आते है। इसी प्रकार किसान को पोपलर और सफेदा के जितने पेड़ काटने होते थे, फारेस्ट विभाग से परमीशन लेकर पॉपलर और सफ़ेदा के पेड़ो को काटकर किसान हरियाणा के जगाधरी लक्कड़ मंडी मे बेचते थे। वैसे इसमें सरकार से कोई परमिशन लेने की कोई जरूरत नहीं होनी चाहिए क्योंकि ये किसान के अपनी निजी ज़मीन में से काटी गई फसल है। अब फारेस्ट विभाग के द्वारा किसानों को परेशान किया जा रहा है और बोला जा रहा है कि किसान को प्रत्येक दिन केवल 50 पेड़ ही काटने है और उनकी परमिशन हर दिन लेनी पड़ेगी। अब किसान खेत मे अपनी फ़सल की कटाई करवाएगे या फारेस्ट विभाग के चक्कर लगाएगे। ये सरासर गलत। भारतीय किसान यूनियन व सभी किसान सरकार से यह माँग करते है कि जिस प्रकार किसान अपनी दूसरी फ़सलो को काट कर मंडियो मे बेच सकते है ठीक उसी प्रकार किसान को अपनी पॉपलर की फसल को भी काट कर मंडी मे बेचने कि परमिशन मिलनी चाहिए। अगर फारेस्ट विभाग किसानों को परेशान करता है तो फिर किसान भारतीय किसान यूनियन के सहयोग से इससे सम्बन्धित कार्यालय का घेराव भी कर सकते है। यदि सरकार उनकी पोपलर और सफेदा की फसल को बाहरी राजय में नही ले जाने देती तो प्रदेश में ही किसानों से धान व गेंहू की तर्ज पर पोपलर सफेदा की भी खरीद करें। 
उधर, इस बारे डीएफओ पाँवटा साहिब एश्वर्य राज से बात की गई तो उन्होंने कहा कि फिलहाल किसी भी प्रकार की लकड़ी का बाहरी राज्य में ट्रांसपोर्टेशन पर प्रतिबंध है। स्टेट में ट्रांसपोर्टेशन के लिए परमिशन दी जा रही है। 

ये है सिरमौर का संभावित उत्पादन-

जिला सिरमौर के किसान हर महीने 1500 क्विंटल पोपलर और सफ़ेदा हरियाणा की लक्कड़ मंडियो मे बेचते है। मंडी से मिले आंकड़े के मुताबिक जो रेट किसानों को मिलते हैं उनमे 1700 रूपये प्रति क्विंटल ओवर, 1500 रूपए प्रति क्विंटल अंडर और 1100 रूपए प्रति क्विंटल सोकता बिकता है। यूनियन का कहना है कि यदि सरकार किसानों की फसल पॉपलर और सफ़ेदे को प्रदेश से बाहर जाकर बेचने पर प्रतिबन्ध लगाती है, तो फिर सरकार किसानों की फ़सल कि प्रदेश मे ही ख़रीद करे। जल्द इस समस्या का समाधान किया जाना चाहिए।