खास खब़र: शिलाई- कबड्डी के अर्जुन की शागिर्द रितु को अर्जुन अवार्ड ddnewsportal.com

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खास खब़र: शिलाई- कबड्डी के अर्जुन की शागिर्द रितु को अर्जुन अवार्ड, आज खुश तो बहुत होंगे स्वर्गीय हीरा सिंह ठाकुर...

हर गुरु का सपना होता है कि उसका शागिर्द एक दिन उससे कहीं आगे निकलकर देश दुनिया में नाम रोशन करें और सच्चे गुरु की यही सबसे बड़ी दक्षिणा होती है। आज यह सपना भी एक गुरु का गिरिपार की बेटी और हरियाणा की बहु रितु नेगी ने पूरा कर दिया है। यह बात अलग है कि यह लम्हा देखने के लिए उनके सबसे पहले गुरु इस दुनिया में नही है लेकिन वह जहां भी होंगे आज खुश बहुत होंगे। होंगे भी क्यों नही वो कबड्डी के अर्जुन रहे और कबड्डी उनके खून मे दौड़ती थी। उनकी बदौलत आज कबड्डी ने खासकर शिलाई ने कबड्डी में देश विदेश में अपनी पहचान बनाई है। हम बात कर रहे हैं अंतरराष्ट्रीय कबड्डी प्लेयर रितु नेगी के कोच स्वर्गीय हीरा सिंह ठाकुर की। आज रितु नेगी का नाम अर्जुन अवार्ड के लिए नामांकित हुआ है और हीरा सिंह ठाकुर का ज़िक्र न हो तो सब बैमानी हो जाएगा।


जिला सिरमौर के दुर्गम ग्रामीण क्षेत्र शिलाई के प्रख्यात पीईटी द लेजेंड हीरा सिंह ठाकुर आज भले ही हमारे बीच नही हैं लेकिन उनके तराशे हीरे आज देश का विश्व में नाम रोशन कर रहे हैं। भारतीय महिला कबड्डी टीम की कप्तान रितु नेगी, जिनको अर्जुन अवार्ड मिल रहा है, इनकी शागिर्द रही और पहली बार स्कूल टाइम में इनसे ही कबड्डी की बारीकियां सीखी। 
हीरा सिंह ठाकुर इसलिए लेजेंड है क्योंकि उन्होंने उस कठिन दौर में लड़कियों को खेलने के लिए प्रोत्साहित किया जब अभिभावक उन्हें स्कूल भी बड़ी मुश्किल से भेजते थे। समय की बात थी, उस समय क्षेत्र में शिक्षा के अभाव और अज्ञानता के कारण माहौल ही ऐसा होता था कि लड़कियां खेलों में भाग लें ये लोगों को अजीब सा लगता था। लेकिन जिनकी रगों में खेल खून की तरह दौड़ रहा हो वो प्रतिभा को कभी दबने नही देता। ऐसा ही स्वर्गीय हीरा सिंह नेगी ने किया। 
बात वर्ष 2006 की है जब प्रदेश के बिलासपुर में स्पोर्ट्स हाॅस्टल खुला। उससे पहले स्कूल में कुछ लड़कियों की कबड्डी में रूचि तो पैदा कर ही चुके थे और काबिलियत भी पहचान चुके थे। इसलिए उन्हे अच्छा मंच देने का मन बनाया ताकि लड़कियों का उज्जवल भविष्य बन सके। उनके फर्स्ट बैच में चार लड़कियों रितू नेगी, प्रियंका नेगी, निर्मला देवी और संजय लक्ष्मी का हाॅस्टल के लिए चयन तो हो गया लेकिन समस्या ये हुई कि अभिभावक उन्हे भेजने को मना कर रहे थे। उसके बाद किसी तरह से हीरा सिंह ठाकुर ने अभिभावकों को समझाया और लड़कियों को हाॅस्टल भेजा। उनमे से एक रितु नेगी भारतीय टीम की कप्तान बनी और देश को गौरवान्वित कर गई। देश को गोल्ड दिलाने वाली रितु नेगी को अब अर्जुन अवार्ड मिल रहा है। इसलिए हीरा सिंह ठाकुर का जिक्र जेहन में आ गया। क्योंकि विपरीत परिस्थितयों में जो पौधे स्वर्गीय हीरा सिंह ठाकुर ने लगाये आज वह भरपूर फल दे रहे हैं। उनके तराशे हीरे चमक बिखेर रहे हैं, जिससे आज वह जहां भी होंगे बहुत खुश होंगे। 
उधर, रितु नेगी का अर्जुन अवार्ड के लिए नामांकन होने पर सिरमौर कबड्डी एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलदीप राणा व कबड्डी ऐसोसिएशन के ज्वाईंट सेकेटरी ग्यार सिंह नेगी ने खुशी व्यक्त की है। उन्होने बताया कि कबड्डी खेल के प्रति स्वर्गीय हीरा सिंह ठाकुर का अतुल्य योगदान अविस्मरणीय रहेगा। वे सदा से ही कबड्डी के लिए ही जिए।