शिलाई: प्रदेश को HAS-HPPS देने वाले स्कूल के हाल हुए बेहाल ddnewsportal.com

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शिलाई: प्रदेश को HAS-HPPS देने वाले स्कूल के हाल हुए बेहाल

उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की विधानसभा क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में बच्चों का भविष्य राम भरोसे

नाया पंजोड़ प्राइमरी और मिडिल स्कूल मात्र 2 अध्यापकों के हवाले, 60 बच्चों का भविष्य पर लटकी तलवार

हिमाचल की सरकारें अक्सर सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाने के दावे करती रहती है लेकिन जमीनी हकीक़त यदि जानें तो सरकार के दावे हवा हवाई होते प्रतीत होते दिखाई देते हैं। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी स्कूल भगवान भरोसे है और बच्चों का भविष्य अंधकार में। ऐसा लगता है जैसे नेताओं को सिर्फ वोट से मतलब है। जब सुविधाओं या क्षेत्र के भविष्य की बात आती है तो वह आंखे बंद कर बैठ जाते हैं। ग्रामीण क्षेत्र में सरकारी स्कूलों के हालात पर हम एक सीरीज के माध्यम से जनता को बता रहे हैं कि किन परिस्थितियों में क्षेत्र का भविष्य अंधकार में डूबता जा रहा है। 


इसकी शुरूवात हमने सिरमौर जिला के शिलाई क्षेत्र से की हैं। यदि आपके इलाके में भी सरकारी स्कूलों में स्टाॅफ और अन्य सुविधाओं की कमियाँ है तो अपने स्कूल की फोटो सहित डिटेल हमसे 9736157400 व्हाट्सएप नंबर पर सांझा करें। हमारा प्रयास रहेगा कि आपके बच्चों के भविष्य के लिए हम आपके क्षेत्र के शिक्षण संस्थान की समस्या को प्रकाशित कर सरकार के समक्ष लायेंगे। हालांकि कुछ लोग जनहित व देश के भविष्य के इस मुद्दे को भी राजनैतिक चश्मा पहनकर देखेंगे और सवाल उठायेंगे, लेकिन यह आपको तय करना है कि हमने राजनीति करनी है या अपने बच्चों के भविष्य के बारे में सोंचना है। 

आज हम शिलाई विधानसभा क्षेत्र की अंतिम छोर पर बसी नाया पंजोड़ की करेंगे। यहां के स्कूल की फात करना इसलिए भी जरूरी हो जाता है क्योंकि ये वो स्कूल है जहां से एचएएस और एचपीपीएस अधिकारी तक निकल चुके हैं। लेकिन इन स्कूलों के आज हाल बेहाल है। 
यहां पर शिक्षा खंड बकरास के अंतर्गत दो राजकीय पाठशाला पड़ती है। इसमे एक प्राइमरी और दूसरा मिडिल स्कूल है। दोनों विद्यालय मात्र दो अध्यापक के सहारे है। जिससे 60 बच्चों का भविष्य दाव अंधकार में हैं।
स्थानीय निवासी रणदीप शर्मा खाजटा, एसएमसी अध्यक्ष हुक्मी राम डिमेदार, एसएमसी अध्यक्षा बिंदी देवी, जोगिंदर, राकेश वार्ड सदस्य, ग्यान चंद, गोपाल शर्मा, रमेश शर्मा, कुलदीप शर्मा, दलिमीप शर्मा, बंसी राम वार्ड सदस्य, रणसिह, सभी स्कूल प्रबंधन कमेटी सदस्यों का कहना है कि इन विद्यालयों मे लगभग एक साल से दो ही अध्यापक है।


प्राथमिक विद्यालय मे एकमात्र जेबीटी अध्यापक है।
वहीं, माध्यमिक विद्यालय मात्र टीजीटी आर्ट्स के सहारे है। यहां पर टीजीटी नान मेडिकल या बीएसी, शास्त्री, भाषा अध्यापक, ड्राइंग, पीईटी कम से कम चार अध्यापक की तुरत नियुक्ति कर पोस्ट को भरा जाना चाहिए। माध्यमिक पाठशाला मे 24 बच्चे पढ़ते है, यहां पर 40 बच्चों की एडमिशन हुई थी लेकिन अध्यापक न होने के कारण बचचे दूसरे विद्यालय मे शिफ्ट हो गये। यह स्कूल चार पाच गांव का है जिसमे तान्दियो, कफेनू, कुकडेच, नाया, ठोंठा, मजगांव आदि आते है।
बड़ी बात यह है कि ये वही स्कूल है जहां से एचएएस अधिकारी केवल शर्मा कन्याल, एचपीपीएस अधिकारी अनिल शर्मा कन्याल, प्रिन्सिपल जोगी राम कन्याल, मैनेजर रोशन लाल कन्याल, अन्य बहुत सारे कर्मचारी है जो इस विद्यालय मे पढ़े है जो अपनी सेवाएं जिला वह प्रदेश मे दे रहे हैं।