शिक्षा के क्षेत्र की चुनौतियों को करना है दूर- ddnewsportal.com

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शिक्षा के क्षेत्र की चुनौतियों को करना है दूर 

सरस्वती विद्या मंदिर जिला सिरमौर के आचार्यों के आचार्य विकास वर्ग मे महानुभावों ने रखे विचार।

सरस्वती विद्या मंदिर जिला सिरमौर के आचार्यों का आचार्य विकास वर्ग आयोजित हुआ। कोरोना महामारी के चलते यह वर्ग आॅनलाईन आयोजित किया गया। जिसमे 65 लोंगों ने अपने घर से जुड़कर शिक्षा के क्षेत्र मे आने वाली चुनौतियों को किया प्रकार से दूर कर सकते हैं, के बारे मे चर्चा की। सरस्वती विद्या मंदिर पांवटा साहिब की प्राचार्या आरती पराशर ने जानकारी

देते हुए बताया कि इस वर्ग जिला सिरमौर के आचार्यों और संस्था के पदाधिकारियों ने अपने विचार रखे। श्याम चंद शर्मा ने बताया कि शिक्षक का बनना एक तपस्या है। तभी व्यक्ति अपनी साधना मे लगा रहता है। रणदेव शर्मा ने आचार्य विकास हेतू वर्ग की क्या आवश्यकता है, इस पर बल दिया। डा. मनोज शर्मा ने बताया कि आज शिक्षा के क्षेत्र मे क्या चुनौतियां है और शिक्षक उसका निराकरण कर किस प्रकार जीवन मे सफल होता है। हिमाचल शिक्षा समीति के मार्गदर्शक डा. गुलाब ने बताया कि वर्तमान शिक्षा हमारे जीवन मूल्यों को गिराता है। हमे इन जीवन मूल्यों को समझकर चुनौती का सामना करना है। नरेन्द्र कुमार ने बताया कि आॅनालाईन शिक्षा के माध्यम से

हम घर पर रह रहे बच्चों को शिक्षा प्रदान कर सकते हैं। जयगोपाल गुप्ता ने बताया कि हम 10 करणीय बिंदू का किस प्रकार पालन कर सकते हैं। पूरण तोमर ने विद्या भारती के शिक्षण क्षेत्र मे संस्कृत, संगीत, योग, शारिरिक
शिक्षा, नैतिक और आध्यात्मिक विषयों का महत्व बताया। समापन सत्र मे नीना कौशिक ने बताया कि हम किया प्रकार इस कोरोना महामारी से बचाव कर शिक्षा दे सकते हैं। बच्चों मे देशभक्ति की भावना पैदा हो, उनमे संर्घष भावना आए, ताकि वो किसी प्रकार के मानसिक दबाव का शिकार होकर गलत कदम न उठाएं। भोलेश्वर ने बताया कि भारतीय संस्कृति के अनुरुप शिक्षण देने हेतू ये विद्यालय खोले गये हैं। राष्टीय स्वयंसेवक संघ ने इन विद्यालयों की स्थापना भारतीय भाषा के माध्यम से शिक्षा देकर बच्चों को
आत्मनिर्भर बनाने के लिए की है।