Paonta Sahib: किसानों से किये वायदे से मुकर गई केंद्र की सरकार- भाकियू ddnewsportal.com

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Paonta Sahib: किसानों से किये वायदे से मुकर गई केंद्र की सरकार 

भारतीय किसान यूनियन हिमाचल ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भेज लगाई न्याय की गुहार

भारतीय किसान यूनियन हिमाचल प्रदेश की पाँवटा साहिब इकाई ने एसडीएम पाँवटा साहिब कार्यालय के माध्यम से देश की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को ज्ञापन भेजकर न्याय की गुहार लगाई है। राष्ट्रपति को भेजे गये ज्ञापन में कहा गया है कि 26 नवंबर 2022 को दिल्ली के बॉर्डर पर किसानों द्वारा एक बड़ा आंदोलन शुरू किया गया। किसानों की मुख्य मांगों में तीन काले कृषि कानूनों की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी आदि शामिल थे।
यह आंदोलन 13 महीने तक जारी रहा और इस दौरान 750 किसानों की शहादत हुई। इसके उपरांत 19 नवंबर 2021 को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इन तीन काले कृषि कानूनों को वापिस लेने की घोषणा की गई। तत्पश्चात 9 दिसंबर 2021 को केंद्र सरकार द्वारा एक समझौते की चिट्ठी संयुक्त किसान मोर्चे को भेजी गई जिसमे किसानों की मुख्य मांगों को मानने का आश्वासन दिया गया। इसी लिखित आश्वासन के बाद ही किसानों ने आंदोलन स्थगित किया। 


बड़े दुख की बात है कि एक वर्ष बीत जाने के बाद भी इस समझौते की चिट्ठी में लिखे गये किसी भी वायदे को पूरा नही किया गया। जिसमे एसएसपी पर संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों को लेकर एक निष्पक्ष कमेटी का गठन, बिजली संशोधन विधेयक 2019 को लागू न करना, देश के सभी राज्यों या सरकारी संस्थानों द्वारा किसानों के विरुद्ध दर्ज किये गये मुकदमों को वापिस न लेना आदि शामिल है। भारत जैसे देश में एक निर्वाचित सरकार द्वारा लिखित में किये गये वायदे से पीछे हटना आजाद भारत के इतिहास में यह पहला उदाहरण है। इस मौके पर यूनियन के पांवटा साहिब के अध्यक्ष जसविंद्र सिंह बिलिंग, संयुक्त किसान मोर्चा सह संयोजक भूपेन्द्र सिंह, यूथ विंग अध्यक्ष अर्जुन सिंह, प्रीत मोहन सिंह, गुमनाम सिंह, सज्जन सिंह और प्रदीप सिंह आदि मौजूद रहे।