Sirmour: पढ़ें इंजिनीयर देवानंद पुंडीर का जेई से एक्सईएन बनने तक का सफर...

Sirmour: पढ़ें इंजिनीयर देवानंद पुंडीर का जेई से एक्सईएन बनने तक का सफर...

Sirmour: असली उड़ान अभी बाकी है... पढ़ें इंजिनीयर देवानंद पुंडीर का जेई से एक्सईएन बनने तक का सफर

"ज़िंदगी की असली उड़ान बाकी है, जिंदगी के कईं इम्तेहान अभी बाकी है। अभी तो नापी है मुट्ठी भर ज़मीन हमने, अभी तो सारा आसमान बाकी है"... ये वो मोटिवेशनल लाईनें है जो कड़ी मेहनत और जनता की भलाई के लिए कार्य करने वालों के जुनून को हमेशा जगाए रखती हैं। उक्त कहावत को गिरिपार क्षेत्र की होनहार शख्सियत इंजीनियर देवानंद पुंडीर ने भी चरितार्थ कर दिया है। देवानंद पुंडीर आज जलशक्ति विभाग में एसडीओ से प्रमोट होकर अधिशासी अभियंता बन गए है। लेकिन जिस तरह से ये शख्सियत हार्ड वर्क करते हैं, और कार्य को लेकर इनमे जो जुनून है, उससे लगता है कि उनके लिए यह सिर्फ एक पड़ाव मात्र है, सफर अभी जारी है और मंजिल इससे भी बड़ी है। अभी जनता की सेवा को 4 वर्ष बाकी है। 


देवानंद पुंडीर को विभाग में थिंक टैंक के रूप में जाना जाता है। कोई बड़ी से बड़ी योजना या कईं सौ करोड़ों के प्रोजेक्ट्स की डीपीआर तैयार करने में इन्हे महारत हासिल है। अढ़ाई सौ करोड़ की यमुना तटीयकरण की डीपीआर को स्वीकृति इनकी मेहनत का ही नतीजा है। देवानंद पुंडीर के एक्सईएन बनने पर गिरिपार क्षेत्र में खुशी है और परिवार, रिश्तेदार और लोग-बाग इन्हें पदोन्नति पर बधाईयाँ दे रहे हैं। शांत स्वभाव, हंसमुख व्यक्तित्व और हार्ड वर्क इनकी पहचान है। 

■ ये है अभी तक का सफर- 

गिरिपार क्षेत्र के गांव दुगाना के इंजीनियर देवानंद पुंडीर की स्नातक जेई के रूप में पहली नियुक्ति अक्तूबर 1995 में टिम्बी सेक्शन में आईपीएच सब डिवीजन शिलाई में हुई। जेई के रूप में सेक्शन टिम्बी, कफोटा, जामना, कमरऊ और माजरा आदि में तैनात किया गया। जुलाई 2011 में एई यानी एसडीओ के रूप में पदोन्नत किया गया और गिरि सिंचाई सब डिवीजन माजरा में तैनात किया गया। एसडीओ के तौर पर आज तक आईपीएच सब डिवीजन पाँवटा साहिब, शिलाई, गिरि सिंचाई पातलियों और जलशक्ति सब डिवीजन पुरुवाला में सेवा दी है। 
देवानंद पुंडीर की प्रारंभिक शिक्षा गिरिपार क्षेत्र के राजकीय प्राथमिक पाठशाला दुगाना से हुई। मैट्रिकुलेशन राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कफोटा से और 10+2 गवर्नमेंट कॉलेज नाहन से हुई। जुलाई 1993 में नागपुर विश्वविद्यालय के तहत YCCE नागपुर से इंजीनियरिंग में तकनीकी शिक्षा में स्नातक की डिग्री हासिल की। 

■ ये है बड़ी उपलब्धियाँ-

● 250.41 करोड़ रुपये की लागत से यमुना नदी और सहायक नदियों का तटीकरण। गिरि व बाता नदी तटीकरण से किसानों की सैकड़ों बीघा भूमि कटाव से बची है। यमुना तटीकरण के बाद नदी के बाएं किनारे की उपजाऊ हजारों बीघा भूमि को कटाव से बचाया जा सकेगा।

● एनडीबी (New Development Bank) के तहत पाँवटा साहिब निर्वाचन क्षेत्र की विभिन्न ट्रांसगिरी पंचायतों में 27 करोड़ रुपए की जलापूर्ति योजनाएं स्वीकृत करवाई, जिनसे 40 हजार लोगों को लाभ मिलेगा। इन योजनाओं का कार्य लगभग 60% पूरा हो चुका है। 

● 8 करोड़ रुपये की लागत से पाँवटा साहिब क्षेत्र में हैंडपंपों का सौर ऊर्जाकरण, जिनसे 12 हजार की आबादी लाभान्वित होगी।