कर्मचारियों के विरूद्ध एकतरफा कार्रवाई सही नही ddnewsportal.com
कर्मचारियों के विरूद्ध एकतरफा कार्रवाई सही नही
शिक्षकों के बिना कारण निलंबन पर प्रवक्ता संघ ने जताई नाराजगी
गत माह चुनाव डयूटी मे कथित बाधा उत्पन्न करने के आरोप मे संस्पेंड किये गये शिक्षा विभाग के कर्मचारियों के समर्थन मे प्रवक्ता संघ सामने आया है। हालांकि अब चारों कर्मचारियों को जिलाधीश सिरमौर ने बहाल करने के
आदेश जारी कर दिये हैं लेकिन हिमाचल प्रदेश विद्यालय प्रवक्ता संघ जिला सिरमौर ने चुनाव में तथाकथित लापरवाही के आरोप में शिक्षकों के बिना कारण निलंबन पर कड़ी आपत्ति दर्ज की है। शिक्षको के विरूध की गई एक तरफा कार्यवाही को संघ ने शिक्षको का अपमान करार दिया। प्रवक्ता संघ जिला सिरमौर के अध्यक्ष सुरेन्द्र पुण्डीर, महासचिव डॉ़ आई डी राही, राज्य वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेन्द्र नेगी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष एम आर वर्मा, संजय शर्मा, सलाहकार सतीश शर्मा, रमेश नेगी, राम गोपाल शर्मा आदि पदाधिकारियों ने
राज्य चुनाव आयोग से इस कार्यवाही की निष्पक्ष जांच एवं सम्बंधित अधिकारी अथवा चुनाव प्रबंधन में नियुक्त कर्मचारी की जिम्मेदारी तय कर उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की है। संघ ने आरोप लगाया कि सभी कार्य शिक्षकों से करवाने के बावजूद भी शिक्षकों के खिलाफ ही बिना जांच पडताल के जो कार्रवाई हुई इस प्रकार की कार्रवाई असहनीय है। तथा संघ इसकी कड़ी भर्त्सना करता है। यदि चुनाव आयोग इस विषय पर गंभीरता से कोई फैसला नही लेता तो आगामी चुनाव एवं चुनाव सम्बंधी कार्य का प्रवक्ता संघ विरोध करेगा।
प्रवक्ता संघ ने उप शिक्षा निदेशक उच्च पर भी जान बूझकर इस विषय में उच्च अधिकारियों के आदेश के बावजूद भी ढुल मुल रवैया अपनाने पर कड़ी आपत्ति जताई है। संघ का कहना है कि संयुक्त निदेशक कॉलेज ने 22 जनवरी 2021 को उप निदेशक उच्च शिक्षा जिला सिरमौर को 2 दिन के अन्दर जांच कर रपट उच्च अधिकारियों को भेजने के आदेश दिये थे। परंतु यह अत्यंत खेद का विषय हैं कि एक माह तक भी उप निदेशक ने यह रिपोर्ट जान बूझकर शिक्षकों को अपमानित करने के उदैश्य से टाल कर रखी। अब एक उत्पीडित कर्मचारी के माननीय उच्च न्यायलय में अपील दायर करने पर तुरंत ही आनन फानन में निलंबन आदेशों को निरस्त करना इस बात का संकेत हें कि यह निलंबन अकारण ही किसी कर्मचारी अथवा अधिकारी द्वारा अपनी निजी द्वेष भावना से प्रेरित था। प्रवक्ता संघ राज्य मुख्य चुनाव आयुक्त से इस इस विषय में जांच की मांग करता है तथा उत्पीडित प्रवक्ताओं अथवा शिक्षकों द्वारा यदि उच्च न्यायलय में मानहानि का केस दर्ज किया जाता हैं तो संघ इसमें पूर्ण सहयोग करेगा।