Himachal Latest News: हिमाचल के हाथों में होगी दिल्ली की सुरक्षा ddnewsportal.com
Himachal Latest News: हिमाचल के हाथों में होगी दिल्ली की सुरक्षा
जानें, कैसे देश की राजधानी में तबाही रोक पाएगा प्रदेश का सिरमौर...
देश की राजधानी दिल्ली की सुरक्षा हिमाचल प्रदेश के हाथों में होगी। यानि ऐसा समय आएगा जब दिल्ली में तबाही को हिमाचल प्रदेश रोक पाएगा। सुनने में थोड़ा अटपटा सा लग रहा होगा कि एक छोटा सा पहाड़ी प्रदेश कैसे देश की विकसित राजधानी की सुरक्षा कर सकता है। लेकिन ये एक दिन होगा जरूर और इसका सूत्रधार बनेगा राज्य का जिला सिरमौर।
दरअसल, हर बार बरसात से दिल्ली में बाढ़ जैसे हालात बनते हैं। लेकिन यदि सब कुछ प्लानिंग से हुआ तो वह समय दूर नही होगा जब दिल्ली में बाढ़ जैसी भयावह स्थिति पर जिला सिरमौर विराम लगायेगा। हम बात कर रहे हैं राजधानी दिल्ली की प्यास बुझाने के लिए बनाई जाने वाली रेणुकाजी बांध परियोजना की। यह परियोजना सिर्फ दिल्ली के लोंगों की प्यास ही नही बुझाएगा बल्कि बरसात के दौरान दिल्ली में बाढ़ की स्थिति को रोकने में भी सहायक होगी। रेणुकाजी बांध प्रबंधन ने इसका दावा किया है।
गोर हो कि बीते दिनों दिल्ली में बाढ़ और जलभराव के चलते स्थिति गंभीर हो गई थी। इसके चलते करोड़ों रुपये की संपदा को भारी नुकसान पहुंचा है। दिल्ली की जनता इस त्रासदी से अभी तक उभर नहीं पाई है। यदि रेणुकाजी बांध का निर्माण हुआ होता तो दिल्ली को इस तबाही से बचाया जा सकता था। जिला सिरमौर में स्थित गिरि नदी पर बनने वाले 148 मीटर (नदी के तल) ऊंचे रेणुका बांध से 24 किलोमीटर लंबी झील (परशुराम सागर) के वजूद में आने से 48 घंटे तक बाढ़ को नियंत्रित किया जा सकता है।
इससे दिल्ली सहित आसपास के राज्यों में बाढ़ की स्थिति से बचा जा सकता है। बीते दिनों भारी बारिश के चलते दिल्ली और अन्य पड़ोसी राज्यों में आई बाढ़ तथा जलभराव की स्थिति से सबक लेते हुए राज्य और केंद्र सरकार रेणुकाजी बांध बनाने की ओर इशारा कर रही हैं। इससे बांध प्रबंधन को केंद्र सरकार से बजट की उम्मीद बंधी है।
रेणुकाजी बांध परियोजना के महाप्रबंधक आरके चौधरी ने बताया कि रेणुका बांध को राष्ट्रीय महत्व के साथ-साथ बहुआयामी परियोजना में शामिल किया गया है। यदि रेणुका बांध बना होता तो दिल्ली में तबाही से निश्चित तौर पर बचा जा सकता था। प्रस्तावित रेणुकाजी बांध 48 घंटे तक पानी को रोककर रखने की क्षमता रखता है। बांध का निर्माण पानी को रोकने के मकसद से ही किया जाता है, जबकि बैराज में पानी बहुत कम मात्रा मेंं कुछ समय तक ही ठहर सकता है। ऐसे में यह निचले इलाक़ों में बाढ़ जैसी आपदा को रोकने में भी सहायक सिद्ध हो सकता है।