इस बार फर्जी आईजी ने की करीब डेढ़ करोड़ रूपये की उगाही ddnewsportal.com
फिर फर्जीवाड़े के शिकार हुए हिमाचल के उद्योगपति
इस बार फर्जी आईजी ने की करीब डेढ़ करोड़ रूपये की उगाही, हरियाणा से जुड़े हैं गिरोह के तार
हिमाचल के उद्योगपति फिर एक बार फर्जीवाड़े के शिकार हुए हैं। इस बार हरियाणा के एक शातिर ने फर्जी आईजी बन करीब डेढ़ करोड़ रूपये की उगाही कर डाली और किसी को कानों कान ख़बर भी नही हुई। मामला हेरतअंगेज जरूर है लेकिन सवाल भी उठा रहा है। इससे पहले भी कुछ माह पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप के नाम पर औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में लाखों रूपये की उगाही का मामला भी सामने आया था। जिस पर बाकायदा प्रदेश अध्यक्ष ने बयान जारी कर ऐसे लोगों से सतर्क रहने को और
मामले से उनका कोई लेना देना नहीं है, यह स्पष्ट किया था। लेकिन इस बार की करोडों की उगाही का मामला सभी को हैरान कर गया है। दरअसल, हिमाचल में फर्जी आईजी बनकर एक शातिर ने कालाअंब, बद्दी, नालागढ़ के साथ ही अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में अपने साथियों के साथ मिलकर उद्योगपतियों से 1.49 करोड़ की अवैध वसूली कर डाली। छानबीन में यह भी खुलासा हुआ है कि जब फर्जी आईजी औद्योगिक क्षेत्रों का दौरा करता था तो हरियाणा पुलिस के वर्दीधारी और सशस्त्र पुलिस अधिकारी भी अवैध रूप से उसके साथ जाते थे। ऐसा इसलिए किया जाता था ताकि किसी को फर्जी आईजी पर कोई शक न हो, ऐसे में पूरे मामले को लेकर सीआईडी के भराड़ी स्थित थाने में मुख्य आरोपी विनय अग्रवाल के खिलाफ आईपीसी की धारा 170, 419, 383 और 120-बी के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस के मुताबिक़ यह मामला कोई सफेदपोश अपराध नहीं है बल्कि इस अपराध के पीछे एक ऐसा गिरोह है, जिसकी कई कड़ियां हो सकती हैं, ऐसे में मामले की विस्तृत जांच के लिए डीजीपी संजय कुंडू ने एसआईटी का गठन किया है। इस एसआईटी का गठन पुलिस अधीक्षक साइबर क्राइम रोहित मालपानी की अध्यक्षता में किया गया है। इसके साथ ही एसपी ईओ डब्ल्यू, गौरव सिंह, एसपीआईडी क्राइम वीरेंद्र कालिया, एएसपी साइबर क्राइम नरवीर सिंह राठौर, डीएसपी सीआईडी क्राइम मुकेश कुमार सहित 2 इंस्पैक्टर, 5 सब-इंस्पैक्टर और 1 एएसआई को इसमें शामिल किया गया है। सामने आया है
कि आरोपी विनय अग्रवाल खुद को केंद्र में आईजी बताकर अवैध वसूली करता था और उसने प्रदेश के कई क्षेत्रों में उद्योगपतियों से मोटी रकम वूसली है। हरियाणा के सोनीपत निवासी आरोपी विनय अग्रवाल के खिलाफ वित्तीय जांच भी चलेगी। कथित आरोप है कि उसने अवैध वसूली कर कई जगह संपत्तियां बनाई हैं। बीते दिनों उसके पंचकूला के सैक्टर-9 स्थित घर में भी जांच टीम ने दबिश दी थी। सीआईडी के पास यह इस वर्ष का पहला बड़ा आपराधिक मामला आया है। आरोपी के बैंक खातों को खंगालने का भी काम पूरा हो चुका है। सूत्रों के मुताबिक किस खाते से कितनी धनराशि आई और किस खाते में कितनी राशि आगे ट्रांसफर हुई, उसकी पूरी जानकारी लगभग जुटा ली गई है।
हालांकि बड़ा सवाल ये है कि यदि उद्योगों के बाकायदा नियम कानून के तहत काम हो रहा है तो पैसे किस बात के दिए गये हैं। और यदि कमियाँ है तो उसे पूरा क्यों नही किया जा रहा।