Himachal News: 100 से कम है स्टूडेंट्स तो बंद होंगे काॅलेज, सरकार ने की 15 ऐसे महाविद्यालयों की छंटनी... ddnewsportal.com
Himachal News: 100 से कम है स्टूडेंट्स तो बंद होंगे काॅलेज, सरकार ने की 15 ऐसे महाविद्यालयों की छंटनी...
हिमाचल में स्कूलों के बाद अब कॉलेज बंद किये जायेंगे। राज्य सरकार फैसला लेने जा रही है कि अब 100 से कम विद्यार्थियों वाले कॉलेज बंद होंगे। प्रदेश के करीब 15 कॉलेजों में कुछ साल से विद्यार्थियों की संख्या नहीं बढ़ रही है। कई कॉलेजों से विद्यार्थी अन्य जगहों के लिए माइग्रेट हुए हैं। बंद होने वाले कॉलेजों में पढ़ने वाले विद्यार्थी नजदीकी संस्थानों में शिफ्ट किए जाएंगे। जबकि प्रवक्ताओं और गैर शिक्षकों को आवश्यकता वाले कॉलेजों में स्थानांतरित किया जाएगा। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि उच्च शिक्षा निदेशालय से कम विद्यार्थियों वाले कॉलेजों का ब्योरा मांगा गया है। रिपोर्ट आने के बाद मंत्रिमंडल की बैठक में इसको लेकर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
हिमाचल में कम बच्चों वाले स्कूलों को मर्ज या उनका दर्जा घटाने की तैयारी के बीच अब कम विद्यार्थियों की संख्या वाले कॉलेजों को बंद करने का फैसला लिया है। उच्च शिक्षा निदेशालय से ऐसे कॉलेजों का ब्योरा तलब किया है, जहां छात्रों की संख्या 100 या इससे कम हैं। मुख्यालयों और शहरों के मुकाबले दूरदराज क्षेत्रों के कॉलेजों में विद्यार्थियों की संख्या बेहतर है। ऐसे में सरकार गुणात्मक शिक्षा देने के लिए ऐसे कॉलेजों को बंद करने जा रही है जहां बीते कुछ वर्षों से विद्यार्थियों के दाखिले नहीं बढ़ रहे हैं और जहां विद्यार्थियों की संख्या 100 से कम है।
बता दें कि मार्च 2023 में सरकार ने भाजपा सरकार के समय एक अप्रैल 2022 के बाद खुले 17 डिग्री और दो संस्कृत कॉलेजों को भी बंद कर दिया था। 2022 में खोले गए 24 में से 19 कॉलेजों को डिनोटिफाई किया गया था। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के आग्रह पर सराज विधानसभा का छत्तरी कॉलेज बंद होने से बच गया था। भाजपा सरकार के समय खुले 24 डिग्री कॉलेजों में से जिन 19 कॉलेजों को बंद किया गया है वहां विद्यार्थियों की संख्या शून्य से 61 के बीच ही थी। सरकार ने बनीखेत, छत्तरी, कुपवी, नौराधार और सुबाथू कॉलेज को जारी रखने का फैसला लिया था। बनीखेत कॉलेज में 188, छत्तरी में 60, कुपवी में 86, नौराधार में 77 और सुबाथू कॉलेज में 118 विद्यार्थियों ने दाखिले लिए थे।
बंद किए जाने वाले कॉलेजों में स्वारघाट में 20, बल्हसीना में 20, मशरूंड में 28, गलोड़ में 10, लंबलू में शून्य, बरांडा में छह, कोटला में एक, चढ़ियार में 12, पांगणा में शून्य, पंडोह में 21, बागा चनौगी में तीन, जलोग में शून्य, सतौन में 11, ममलीग में पांच, चंडी में शून्य, बरूणा में 35 और संस्कृत कॉलेज सिंगला में शून्य व जगत सुख में सिर्फ चार विद्यार्थियों ने शैक्षणिक वर्ष 2022 के दौरान दाखिले लिए थे। इन कॉलेजों को तत्कालीन भाजपा सरकार ने एक अप्रैल से 14 अक्तूबर 2022 के बीच खोला था।