Himachal News: जब हिमाचल आ रहे स्पाइस जेट से टकराया पक्षी ddnewsportal.com

Himachal News: जब हिमाचल आ रहे स्पाइस जेट से टकराया पक्षी  ddnewsportal.com

Himachal News: जब हिमाचल आ रहे स्पाइस जेट से टकराया पक्षी

पढ़ें, केसे पायलट की सूझबूझ से सुरक्षित लैंड हुआ 50 से अधिक सवारियों से भरा विमान...

हिमाचल प्रदेश में रविवार को एक विमान हादसा होने से टल गया। गनीमत रही कि पायलट ने संयम बनाए रखा और सूझबूझ का परिचय देते हुए स्पाइस जेट की सुरक्षित लैंडिंग करवाई। मामला कांगड़ा जिला के गगल के पास का है। सभी सवारियाँ सुरक्षित है लेकिन विमान को क्षति पंहुची है, जिस कारण जेट वापसी की उड़ान नही भर सका है। 

जनकारी के मुताबिक देश की राजधानी दिल्ली से हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा स्थित गगल एयरपोर्ट के लिए रविवार सुबह 11 बजे आ रहे स्पाइस जेट के विमान के साथ एक पक्षी टकरा गया, लेकिन पायलट ने सूझबूझ का परिचय देते हुए विमान की सुरक्षित लैंडिंग करवाई। हालांकि पक्षी के टकराने से विमान को ज्यादा नुकसान तो नहीं हुआ, लेकिन विमान गगल से दिल्ली के लिए वापसी की उड़ान नहीं भर सका। दिल्ली जाने वाली सवारियाँ स्पाइस जेट की दूसरी उड़ान में गईं।


दिल्ली से उड़ा यह स्पाइस जेट जब गगल एयरपोर्ट से करीब आठ किलोमीटर पीछे था, तभी उससे एक पक्षी टकरा गया। पक्षी के टकराने के कारण विमान को कुछ नुकसान पहुंचा है। पक्षी टकराने का एहसास होते ही पायलट ने सूझबूझ दिखाते हुए विमान की सफल लैंडिंग गगल एयरपोर्ट में करवाई। बताया जा रहा है कि विमान में 50 से ज्यादा यात्री सवार थे। गगल एयरपोर्ट के निदेशक धीरेंद्र सिंह ने बताया कि विमान से पक्षी टकराने के कारण उसका एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ है। इस कारण विमान दिल्ली नहीं जा सका है। उन्होंने बताया कि पहले भी तीन-चार बार

विमान से पक्षी टकरा चुके हैं। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि एयरपोर्ट के आसपास के इलाकों में खुले में मीट-मुर्गे का कचरन्या अवशेष फेंकने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
एयरपोर्ट के निदेशक ने बताया कि गत दिनों एयरपोर्ट अथॉरिटी की जिला प्रशासन, पंचायत प्रतिनिधियों के साथ एयरपोर्ट एनवायरनमेंट मैनेजमेंट कमेटी के साथ बैठक हुई थी, जिसमें एयरपोर्ट के आसपास क्षेत्रों में खुले में मांस या मुर्गों के अवशेष न फेंकने के लिए आग्रह किया गया था, ताकि इन अवशेषों को खाने के लिए उड़ने वाले पक्षी विमानों से न टकराएं। पता चला है कि प्रशासन ने ऐसी 25 से 30 दुकानों को भी चिह्नित किया था, लेकिन आगे क्या कार्रवाई हुई, इसकी प्रशासन से जानकारी नहीं मिली। कुछ दिन पहले भी उपायुक्त और एसडीएम को दोबारा इस बारे में पत्र भेजा गया है।