मांगे न मानी तो 2022 मे भी जतायेंगे इसी तरह विरोध ddnewsportal.com
मांगे न मानी तो 2022 मे भी जतायेंगे इसी तरह विरोध
ये एसोसिएशन बोली; हमने दबाया नोटा, जल्द मांगे पूरी करें सरकार।
जेबीटी डीएलएड का दावा है कि उन्होंने उपचुनाव मे नोटा का प्रयोग किया है। नौकरी नहीं मिलने से नाराज हिमाचल प्रदेश के जेबीटी डीएलएड छात्रों ने नोटा दबाकर सरकार का विरोध किया है। भर्ती प्रक्रिया में बीएड वालों को
भी शामिल करने से जेबीटी डीएलएड संयुक्त मोर्चा नाराज है। मोर्चा पदाधिकारियों ने 12 मई 2019 को हुई परीक्षा का परिणाम अभी नहीं निकलने पर नाराजगी जताई है। अपना विरोध दर्ज करवाने के लिए मोर्चा ने
उपचुनावों में नोटा का विकल्प चुनने का दावा किया है। जेबीटी डीएलएड संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारी रवि नेगी, घनश्याम, मदन, नूरम चंद, रोहित, रमन, दिनेश, राकेश, नरेंद्र, पवन शर्मा, कुसुम और अनीता ने कहा कि एक
भर्ती के दो नियम कैसे हो सकते हैं। जेबीटी संयुक्त मोर्चा के छात्र बार-बार सरकार से मिले, लेकिन हर आश्वासन ही मिला। जब मौजूदा आरएंडपी नियमों में बीएड की कोई जगह नहीं है तो सरकार अपने आरएंडपी नियमों
को डिफेंड करने में इतना टाइम कैसे लगा सकती है। सरकार की तरफ से कोर्ट में ढीला डाला रवैया अपनाया गया। इसका खामियाजा जेबीटी
डीएलएड छात्रों को भुगतना पड़ा। जेबीटी डीएलएड संयुक्त मोर्चा ने सरकार से 11 तारीख को इस केस की हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान अपने पक्ष को
मजबूती से रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सरकार की इस नीति से 40 हजार छात्रों में भारी रोष है। सरकार का रवैया नहीं बदला तो वर्ष 2022
के चुनावों में भी नोटा का ही प्रयोग किया जाएगा।