HP Education Dept. News: शिक्षा विभाग में अब राजनैतिक नजदीकियां नहीं, वरिष्ठता ही आएगी इस पद पर काम... ddnewsportal.com

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HP Education Dept. News: शिक्षा विभाग में अब राजनैतिक नजदीकियां नहीं, वरिष्ठता ही आएगी इस पद पर काम...

हिमाचल प्रदेश में प्रधानाचार्य से उप निदेशक बनने के लिए अब राजनैतिक सांठ-गांठ काम नही आएगी। अब वरिष्ठता सूची में शामिल प्रधानाचार्य ही शिक्षा विभाग में उपनिदेशक बन सकेंगे। प्रदेश के विभिन्न जिलों में शिक्षा उपनिदेशक का कार्यभार संभाल रहे कनिष्ठ प्रधानाचार्यों को अब शिक्षा उपनिदेशक के पद से हटना पड़ेगा। प्रदेश शिक्षा विभाग के सचिव ने प्रदेश उच्च न्यायालय में विचाराधीन मामले के बाद इस संदर्भ में शिक्षा निदेशक को आदेश जारी करते हुए इन आदेशों की सख्ती से अनुपालना करने के लिए कहा है। प्रदेश भर के सभी जिलों में शिक्षा उपनिदेशक प्रारंभिक, शिक्षा उपनिदेशक उच्चतर, शिक्षा उपनिदेशक निरीक्षण विंग पर स्कूल प्रधानाचार्यों को नियुक्ति दी गई है।


कई जिलों में ऐसे भी मामले सामने आए हैं, जहां राजनीतिक नजदीकियों के चलते कनिष्ठ प्रधानाचार्यों को शिक्षा उपनिदेशक के पदों पर शिक्षा विभाग की ओर से पदोन्नति का तोहफा दिया गया है। पदोन्नति की इस प्रक्रिया से नाराज प्रदेश के चार स्कूल प्रधानाचार्यों ने प्रदेश उच्च न्यायालय में वर्ष 2021 में एक याचिका दायर की। स्कूल प्रधानाचार्य कुलदीप डोगरा, सुनील ठाकुर, विकास महाजन और इंद्रजीत सिंह ने प्रदेश उच्च न्यायालय में दायर याचिका में बताया कि शिक्षा उपनिदेशक की नियुक्ति में प्रधानाचार्यों की वरिष्ठता को नजरअंदाज किया जा रहा है।
इस मनमाने रवैये से सीनियर प्रधानाचार्यों को अपने जूनियर के अधीन काम करना पड़ रहा है। उच्च न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई करते हुए सितंबर 2022 में प्रदेश में शिक्षा उपनिदेशकों की नियुक्ति पर रोक लगा दी थी। वहीं इस मामले में शिक्षा विभाग से भी जवाबतलब किया गया। 15 सितंबर 2023 को प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सतेन वैद्य की अदालत ने इस मामले की सुनवाई डबल बैंच में करने की सिफारिश की।
अब 13 दिसंबर 2023 को इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रामचंद्रा राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की अदालत में होगी। वहीं इस मामले की अगली सुनवाई से पूर्व ही अब शिक्षा सचिव ने शिक्षा निदेशक को प्रधानाचार्य के पद से शिक्षा उपनिदेशक के पद पर की जाने वाली पदोन्नति पर वरिष्ठतम प्रधानाचार्यों को नियुक्त करने के आदेश जारी किए हैं। विभाग के अवर सचिव अनिल कुमार ने इस बारे में आदेश जारी किए हैं।

प्रदेश के कई जिलों में प्रारंभिक शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा और शिक्षा निरीक्षण विंग में ऐसे स्कूल प्रधानाचार्यों को नियुक्त किया गया है, जिनका बतौर प्रधानाचार्य का कार्यकाल एक साल से भी कम है। वहीं कुछ ऐसे भी प्रधानाचार्य हैं, जिन्हें बतौर प्रधानाचार्य सेवाएं देते हुए 12 वर्ष से भी अधिक का समय बीत चुका है।