Engineers Day Special: राष्ट्र निर्माण की रीढ़ होते हैं इंजीनियर्स, पढ़ें इस दिन का इतिहास... ddnewsportal.com

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Engineers Day Special: राष्ट्र निर्माण की रीढ़ होते हैं इंजीनियर्स

जानिए, भारत मे 15 सितम्बर को क्यों मनाया जाता है अभियंता दिवस, इन महान हस्ती के जन्मदिन से जुड़ा है इतिहास...

दिनेश कुमार पुंडीर/सिरमौर: आज इंजीनियर्स डे है। यह दिन देश के उन सभी अभियंताओं को समर्पित है जो राष्ट्र निर्माण मे रीढ़ की भूमिका निभाते हुए भारत को प्रगति के पथ पर आगे ले

जा रहे है। भारत में हर साल 15 सितंबर को अभियंता दिवस (इंजीनियर्स डे) के रूप में मनाया जाता है। दरअसल, इसी दिन भारत के महान अभियंता और भारत रत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का जन्मदिन है। वह भारत के महान इंजीनियरों में से एक थे।

उन्होंने ही आधुनिक भारत की रचना की और देश को एक नया रूप दिया। उन्होंने इंजीनियरिंग के क्षेत्र में असाधारण योगदान दिया है, जिसे शायद ही कोई भुला पाए। देशभर में बने कई नदियों के बांध और पुल को कामयाब बनाने के पीछे विश्वेश्वरैया का बहुत

बड़ा हाथ है। उन्हीं की वजह से देश में पानी की समस्या दूर हुई थी। भारत सरकार द्वारा साल 1968 में डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की जन्मतिथि को 'अभियंता दिवस' घोषित किया गया था। उसके बाद से हर साल 15 सितंबर को अभियंता दिवस मनाया जाता है।

15 सितंबर 1860 को विश्वेश्वरैया का जन्म मैसूर (कर्नाटक) के कोलार जिले में हुआ था। एक इंजीनियर के रूप में डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया ने देश में कई बांध बनवाए हैं, जिसमें मैसूर में कृष्णराज सागर बांध, पुणे के खड़कवासला जलाशय में बांध और ग्वालियर में तिगरा बांध आदि महत्वपूर्ण हैं। सिर्फ यही नहीं, हैदराबाद सिटी को बनाने का पूरा श्रेय डॉ. विश्वेश्वरैया को ही जाता है। उन्होंने वहां

एक बाढ़ सुरक्षा प्रणाली तैयार की थी, जिसके बाद पूरे भारत में उनका नाम हो गया। उन्होंने समुद्र कटाव से विशाखापत्तनम बंदरगाह की सुरक्षा के लिए एक प्रणाली विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। विश्वेश्वरैया को मॉडर्न मैसूर स्टेट का पिता भी कहा जाता था। उन्होंने मैसूर सरकार के साथ मिलकर कई फैक्ट्रियों और शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना करवाई थी,

जिसमें मैसूर साबुन फैक्ट्री, मैसूर आयरन एंड स्टील फैक्ट्री, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, मैसूर चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स और विश्वेश्वरैया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग प्रमुख रूप से शामिल हैं। यह दिवस इंजीनियर्स को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है, ताकि वो देश-दुनिया को अपने हुनर की बदौलत तरक्की की नई राह पर ले जाएं। जिला सिरमौर के नाहन, पांवटा साहिब, धोलाकुंआ और

शिलाई के विभिन्न विभागों के इंजीनियर्स सहायक अभियंता सूर्यकान्त सेमवाल, दलीप कपूर, गुलाब पुंडीर, देवानंद पुंडीर, महेश चौधरी, जेई ललित गोयल, सूरत पुंडीर, परविंदर सिंह, रामलाल शर्मा, राजेश सैनी, हरीश पुंडीर आदि ने इंजीनियर्स डे के मौके पर सभी अभियंताओं को बधाई दी है।