सपनों के आशियाने पर लगा मंहगाई का ग्रहण ddnewsportal.com

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फोटो साभार गूगल

सपनों के आशियाने पर लगा मंहगाई का ग्रहण 

अब घर बनाना नही आसान, ईंट सहित सीमेंट-सरिया के भी बढ़े दाम, जानिए क्या है कारण...

हर व्यक्ति उम्रभर काम करता है और पाई पाई बचाता है ताकि जब वह रिटायर हो जाए तो अपने सपनों का एक छोटा सा आशियाना बना सके। जिसमे सुकून से बाकी की जिंदगी बिता सके। लेकिन आम आदमी के सपनो के आशियाने पर मंहगाई का ग्रहण लग रहा है। घर बनाना अब और महंगा होने वाला है। अमेरिकन कोयले की कीमतें बढ़ने से ईंटों के दाम भी पहली अप्रैल से प्रति हजार 1,000 रुपये तक बढ़ेंगे। 

आम आदमी अभी सीमेंट, सरिये की बढ़ी कीमतों के झटके से उबर नहीं पाया कि अब ईंटों के दाम बढ़ने वाले हैं। इस समय प्रदेश में ईंटों के दाम 6,500 से लेकर 13,000 रुपये तक प्रति हजार हैं। ईंट के दाम बढ़ने का मुख्य कारण इसके निर्माण में इस्तेमाल अमेरिका से आयात किए जाने वाले कोयले के दाम बढ़ना माना जा रहा है। अधिकतर भट्ठा मालिक ईंट पकाने के लिए अमेरिका से आयात कोयला इस्तेमाल करते हैं। अभी तक कोयले की कीमत 18,000 रुपये प्रति टन है, लेकिन अब यह 25,000 रुपये पहुंच गई है। पहले अमेरिकन कोयले पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगता था, जो अब बढ़कर 12 प्रतिशत हो गया है। दरअसल, अमेरिका से आ रहे कोयले की गुणवत्ता भारत के झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों से आने वाले कोयले से बेहतर मानी जाती है। हिमाचल प्रदेश के ऊना के भट्ठा मालिकों रविंद्र कुमार, पंकज कुमार, अश्वनी कुमार, दिलबाग, बलराम और गुरनाम ने बताया कि ईंट की कीमतें बढ़ने से बिक्री घटना तय है। ईंट भट्ठा एसोसिएशन के प्रधान पहू लाल भारद्वाज ने बताया कि सरकार विदेश से आयात कोयले का दाम कम करने के लिए कदम उठाए। अमेरिका से बढ़ी कीमतों के साथ कोयले की नई खेप भट्ठों में 25 मार्च तक पहुंचेगी। बताया जा रहा है कि ईंट भट्ठों के एक सीजन में अच्छी गुणवत्ता वाले कोयले की 500 से 600 टन के बीच खपत होती है।

सीमेंट व सरिया के भाव भी चढ़े-

मार्च तक एसीसी, अल्ट्राटेक और अंबुजा सीमेंट की प्रति बैग कीमत 430 रुपये तक रही। अब इसके दाम 432 रुपये प्रति बोरी तक पहुंच गए हैं। सरिया मार्च से पहले 6200 रुपये प्रति क्विंटल तक था और अब इसके दाम 6500 रुपये के आसपास पहुंच गए हैं।