हाईकोर्ट ने ख़ारिज की डाॅक्टर्स के 300 पद भरने को चुनौती वाली याचिका ddnewsportal.com

हाईकोर्ट ने ख़ारिज की डाॅक्टर्स के 300 पद भरने को चुनौती वाली याचिका  ddnewsportal.com
फोटो साभार गूगल

हाईकोर्ट ने ख़ारिज की डाॅक्टर्स के 300 पद भरने को चुनौती वाली याचिका

भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के लिए दी छूट, दोऑई पक्षों की दलील सुनने के बाद निर्णय।

हिमाचल प्रदेश में डाॅक्टर्स के 300 पदों की भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के लिए छूट मिल गई है। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने चिकित्सकों के 300 पदों की भर्ती प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है। मंत्रिमंडल के निर्णय के मुताबिक प्रदेश में डॉक्टरों के 300 पदों की भर्ती प्रक्रिया को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। मुख्य न्यायाधीश एए सैयद और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के लिए छूट दे दी है।  

डॉक्टर शौर्या चौधरी की ओर से दलील दी थी कि सरकार वर्ष 2012 से 2022 तक इन पदों को वॉक इन इंटरव्यू से ही भरती आ रही है। मंत्रिमंडल ने 300 पद वॉक इन इंटरव्यू और 200 पद लोक सेवा आयोग के माध्यम से भरने का निर्णय लिया था। 21 दिसंबर, 2020 को सरकार ने चिकित्सकों के 251 पद वॉक इन इंटरव्यू से भरे थे। एक फरवरी, 2022 को भी चिकित्सकों के 43 पद भरे गए थे। 14 जुलाई, 2022 को सरकार ने चिकित्सकों के 300 पद वॉक इन इंटरव्यू से भरने को स्वीकृति दी थी। आरोप लगाया गया था कि 3 अगस्त, 2022 को सरकार ने अपने ही फैसले को पलटते हुए पद पदों को परीक्षा के माध्यम से भरने का निर्णय लिया है। सरकार का इस तरह का निर्णय नियमों के विपरीत ही नहीं, बल्कि नौकरी की राह देख रहे प्रशिक्षु चिकित्सकों के साथ भी खिलवाड़ है।

वहीं, सरकार ने दलील दी कि नियमों के मुताबिक परीक्षा के माध्यम से ये पद भरने का जिम्मा अटल चिकित्सा अनुसंधान विश्वविद्यालय को दिया है। विश्वविद्यालय ने प्रदेश में 300 चिकित्सकों की भर्ती के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। चिकित्सकों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा 4 सितंबर को आयोजित की गई। अदालत के आदेशों के तहत लिखित परीक्षा का परिणाम घोषित नहीं किया गया है। 

अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलेें सुनने के बाद अपने निर्णय में कहा कि जब नियमानुसार चिकित्सकों की नियमित भर्ती की जा रही है तो उस स्थिति में अटल चिकित्सा अनुसंधान विश्वविद्यालय भर्ती करने में सक्षम है। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता ने विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली पर कोई आरोप नहीं लगाया है।