निजी बस ऑपरेटर्स युनियन की प्रदेश स्तर की वर्चुअल बैठक मे हुआ निर्णय- ddnewsportal.com

निजी बस ऑपरेटर्स युनियन की प्रदेश स्तर की वर्चुअल बैठक मे हुआ निर्णय- ddnewsportal.com
फाईल फोटो

मांगे पूरी होने तक नही चलेगी बसें 

निजी बस ऑपरेटर्स युनियन की प्रदेश स्तर की वर्चुअल बैठक मे हुआ निर्णय।

जब तक सरकार निजी बस ऑपरेटर्स की मांगें नही मान लेती तब तक प्रदेश मे बसें नही चलेगी। यह निर्णय हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑपरेटर संघ की वर्चुअल बैठक मे हुआ। प्रदेश अध्यक्ष राजेश पराशर की अध्यक्षता में 3 घंटे चली इस बैठक में सभी जिला की यूनियन के पदाधिकारियों एवं जिला के अध्यक्ष ने भाग लिया। बैठक में सर्वसम्मति से यह फैसला किया गया कि जब

तक सरकार द्वारा निजी बस ऑपरेटर की मांगों पर फैसला नहीं किया गया तब तक अपनी हड़ताल वापस नहीं होगी। इस बैठक में सभी निजी बस ऑपरेटर की यही राय थी कि सरकार द्वारा बार-बार आश्वासन और बार-बार घोषिणा  करने के बावजूद भी कोई फैसला निजी बस ऑपरेटरों के हक में नहीं किया। 26 अप्रैल को सभी जिला की यूनियन ने जिलाधीश के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया था कि 8 दिन के अंदर अगर हमारी मांगे नहीं मानी गई 3 मई से निजी बस ऑपरेटर अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए चले जाएंगे, लेकिन सरकार द्वारा इस पर कोई भी सकारात्मक निर्णय नहीं लिया। हड़ताल के दौरान परिवहन विभाग के एक आला अधिकारी निजी बस ऑपरेटरों के संपर्क करते रहे और यह आश्वासन देते रहे कि इस कैबिनेट बैठक में निजी बस ऑपरेटर की मांगों पर सकारात्मक फैसला लिया जाएगा। लेकिन जिस दिन कैबिनेट की बैठक हुई उस दिन उन्होंने भी हथियार डाल दिए तथा कहा कि मेरे बस में कुछ नहीं है। उसके पश्चात परिवहन मंत्री द्वारा एक प्रेस रिलीज जारी की गई है जिसमें कहा गया है कि कर्फ्यू के बाद निजी बस ऑपरेटर की मांगों पर सकारात्मक फैसला किया जाएगा, जबकि इस पर भी निजी बस ऑपरेटर सहमत नहीं है। क्योंकि इस तरह के आश्वासन और घोषणाएं परिवहन मंत्री ही नहीं मुख्यमंत्री द्वारा भी कई बार की गई है। 18 फरवरी को निजी बस ऑपरेटर संघ का एक प्रतिनिधिमंडल धर्मशाला में मुख्यमंत्री से मिला था। वहां पर गहन चर्चा करने के पश्चात मुख्यमंत्री ने पूरा आश्वासन दिया था कि शीघ्र ही निजी बस ऑपरेटर की मांगों पर विचार विमर्श करके इस पर सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा, उसके पश्चात शिमला पीटरहॉफ में भी निजी बस ऑपरेटर संघ ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की तथा वह भी यही आश्वासन दिया। 25 मार्च को प्रधान सचिव के के पंत की अध्यक्षता में एक बैठक हुई जिसमें कि यह आश्वासन दिया गया था कि जैसे

ही नगर निगम और नगर निकाय चुनाव खत्म होंगे  उसके बाद जो पहली बैठक होगी उसमें यह मुद्दा ले जाया जाएगा और इस मुद्दे पर सकारात्मक फैसला होगा। लेकिन वहां भी ऐसा नहीं हुआ। उसके बाद 15 अप्रैल को हिमाचल दिवस के अवसर पर जब मुख्यमंत्री ने अगले 3 महीने का 50 फ़ीसदी टैक्स माफ करने की घोषणा की उसी से निजी बस ऑपरेटर को लगा कि मात्र सरकार द्वारा निजी बस ऑपरेटरों को बेवकूफ बनाया जा रहा है क्योंकि जब तक पिछली मांग का फैसला नहीं किया जाता, उसके बाद का टैक्स माफ करने की घोषणा का कोई भी औचित्य नहीं रह जाता है। इसलिए निजी बस ऑपरेटरो ने फैसला किया कि जब तक सरकार द्वारा बस ऑपरेटरों की मांगों पर सकारात्मक फैसला नहीं किया जाता तब तक हड़ताल वापस नहीं ली जाएगी। इस बैठक में प्रदेश के सभी जिला अध्यक्ष एवं जिला के पदाधिकारी उपस्थित थे। 
निजी बसों पर इन शिमला के चेयरमैन पंकज चौहान ने कहा कि इस हड़ताल को और मजबूत करने की आवश्यकता है तथा जैसे ही यह कर्फ्यू खत्म होता है उसके पश्चात धरना प्रदर्शन एवं भूख हड़ताल तथा अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल का भी आयोजन करना चाहिए। 
जिला कुल्लू के प्रधान रजत जमवाल ने कहा कि जब तक सरकार द्वारा हमारी मांगे नहीं मानी जाती तब तक हमारी हड़ताल जारी रहनी चाहिए, जो छिटपुट बसें कुल्लू जिला में चल रही है उनमे से भी अधिकतर आज खड़ी हो गई है अब जो थोड़ी बहुत चला रहे है उनको भी समझा बुझा कर खड़ा कर दिया जाएगा। सोलन जिला के प्रधान जॉनी मेहता ने कहा कि सरकार द्वारा हमेशा ही हमें बेवकूफ बनाया जा रहा है इसलिए यह तय करना चाहिए कि जब तक सरकार द्वारा हमारी मांगे नहीं मानी जाती तब तक हड़ताल जारी रहनी चाहिए। उन्होंने कहाँ कि अपनी इस हड़ताल को और भी मजबूत करना चाहिए।
शिमला शहरी यूनियन के महासचिव सुनील चौहान,पूर्व महासचिव अमित चड्ढा, उपाध्यक्ष प्रदीप शर्मा ने कहा कि जो बसें चल रही है उनको भी खड़ी करने का प्रयास किया जाना चाहिए तथा उन्होंने कहा कि जैसा भी बहुमत से तय होगा हम उसी पर अडिग रहेंगे।
शिमला शहरी यूनियन के ही सुनील शर्मा ने कहा कि जब तक सरकार द्वारा हमारी मांगे नहीं मानी जाती तब तक हड़ताल वापस नहीं लेनी चाहिए।
मां भीमा काली यूनियन रामपुर के प्रधान मनीष शर्मा ने कहा कि जब हमने अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है तो तब तक पीछे नहीं हटना चाहिए जब तक कि सरकार द्वारा हमारी मांगे नहीं मानी जाती है। विधि सचिव दिनेश सैनी ने कहा कि अधिकारियों द्वारा सरकार को बेवकूफ बनाया जा रहा है तथा सरकार भी बिना किसी सोच विचार के कई तरह की गाइडलाइन प्रदेश के निजी बस ऑपरेटर पर थोप रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बस ऑपरेटर की हड़ताल तब तक जारी रहनी चाहिए जब तक की प्रदेश सरकार निजी बस ऑपरेटर के हक में कोई फैसला नहीं करती है। 
जिला बिलासपुर के प्रधान राजेश पटियाल महासचिव, राहुल चौहान व अनिल कुमार मिंटू ने कहा कि सरकार द्वारा हमेशा ही निजी बस ऑपरेटरों को बेवकूफ बनाया जा रहा है इसलिए हमें अपनी हड़ताल को वापस नहीं लेना चाहिए। 
जिला हमीरपुर से विजय आरटीसी, भरत भूषण, कपिल तथा मनोज कुमार ने एकजुट होकर कहा कि जिला हमीरपुर में कोई भी बस नहीं चलने दी जाएगी जो भी बस बाहर से हमीरपुर में प्रवेश करेगी  उनको समझा-बुझाकर बंद करवाने का प्रयास किया जाएगा।नालागढ़  से मनोज राणा एवं अरुण चंदेल ने कहा कि नालागढ़ यूनियन प्रदेश यूनियन के साथ चल खडी  हैं तथा जैसा भी प्रदेश यूनियन तय करेगी उन्हें मान्य होगा जबकि उन्होंने भी हड़ताल को निरंतर जारी रहने का निवेदन किया। 
सुजानपुर के प्रधान भीम सिंह रागडा ने कहा कि जब तक फैसला नहीं होगा तब तक अपनी हड़ताल वापस नहीं देनी चाहिए। 
जिला मंडी के प्रधान सुरेश कुमार, सचिव हँस ठाकुर  तथा चेयरमैन गुलशन दीवान ने कहा कि जब तक सरकार द्वारा फैसला नहीं किया जाएगा तब तक जिला मंडी में हड़ताल वापस नहीं की  जाएगी तथा मंडी में चलने वाली 2-4 बसें को भी रोकने का प्रयास किया जाएगा। 
हिमालयन निजी बस यूनियन के प्रधान वीरेंद्र कंवर ने कहा कि हम अपनी हड़ताल पर अडिग हैं तथा जब तक द्वारा कोई फैसला नहीं किया गया तब तक हम अपनी हड़ताल को वापस नहीं लेंगे। जारी रहेगी जब तक की सरकार द्वारा कोई फैसला लिया जाता। 
ऊना के प्रधान राम किशन ने कहा कि  सरकार द्वारा हमेशा ही हम को बेवकूफ बनाया जा रहा है इसलिए जिला ऊना तब तक हड़ताल पर रहेगा जब तक कि सरकार द्वारा फैसला नहीं किया जाता है।  
कांगड़ा के प्रधान रवि दत्त शर्मा, विनय बेदी, मुन्ना वालिया इत्यादि ने कहा कि जिला कांगड़ा अपनी हड़ताल पर अडिग है। जो दो चार लोग कांगड़ा में बसी चला रहे है वह मात्र ऑपरेटर को गुमराह कर रहे हैं तथा कांगड़ा जिला में बस चलाने वाले लोग अपने पूरे रूट पर बस नहीं चला रहे हैं। मात्र दिखावे के लिए ही बसे चला रहे हैं। आज जिला कांगड़ा में सिर्फ चार पांच बसें चल रही है जिनका की कोई औचित्य नहीं है। 
जिला सिरमौर के प्रधान मामराज़ शर्मा ने कहा कर्फ्यू  होने के कारण हड़ताल चाहे वापस ले चाहे ना ले, सवारिया ना होने के कारण प्रदेश का हर निजी बस ऑपरेटर बस चलाने में असमर्थ है। जिला सिरमौर में भी बसें रूट परमिट नहीं पर नहीं चल रही है। जिला सिरमौर के बलदेव ठाकुर एवं अखिल शर्मा ने कहा कि जिला सिरमौर में कोई भी बस रूट पर नहीं चल रही है और न ही चलेगी। 
हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑपरेटर संघ के उपाध्यक्ष वीरेंद्र गुलेरिया ने कहा कि सरकार से बातचीत रात का रास्ता भी निकाल देना चाहिए। जाहु के विरेंदर चंदेल ने कहा हड़ताल वापस लेने का कोई भी मतलब नहीं बनता है। किन्नौर के गुलाब चंद नेगी ने कहा कि किन्नौर में आज भी कोई बस नहीं चल रही है तथा आगे भी कोई बस नहीं चलेगी जब तक सरकार द्वारा भी फैसला नहीं लिया जाता।