शिलाई: ग्राम पंचायतों की ऐसे कठिन दौर में बढ़ती है जिम्मेदारी- शास्त्री ddnewsportal.com

शिलाई: ग्राम पंचायतों की ऐसे कठिन दौर में बढ़ती है जिम्मेदारी- शास्त्री  ddnewsportal.com
फाइल फोटो: कुंदन सिंह शास्त्री, समाजसेवी एवं अध्यक्ष, हाटी किसान संघ गिरिपार।

शिलाई: ग्राम पंचायतों की ऐसे कठिन दौर में बढ़ती है जिम्मेदारी

क्षेत्र के वरिष्ठ समाजसेवी कुंदन सिंह शास्त्री का आह्वान; पंचायतें आपदाग्रस्त लोगों की मदद में ईमानदारी और सेवा का दें परिचय

हिमाचल प्रदेश में तीन दिनों तक हुई मूसलाधार बारिश में भारी नुकसान हुआ है। शहर से लेकर गांवों तक तबाही के निशान देखें जा सकते हैं। पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश से गांवों में जान-माल का बहुत नुक्सान हुआ है। मकान गिरने दबने, पशु मरने, दीवारें गिरने, भूमि कटाव से खेतों में फसलें बर्बाद होने से लेकर रास्ते टूटने आदि का अनेक नुक्सान हुआ है।


शिलाई क्षेत्र के वरिष्ठ समाजसेवी एवं अध्यक्ष हाटी किसान संघ गिरिपार कुंदन सिंह शास्त्री का कहना है कि ऐसी परिस्थिति में पंचायतों की बहुत बड़ी भूमिका और जिम्मेदारी बन जाती है कि व्यक्तिगत और सामूहिक नुक्सान का ईमानदारी और निष्पक्षता से आंकलन करके सही रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेजे और राहत उपलब्ध कराएं। 
कुछ पंचायत प्रतिनिधि इस बारे में तत्काल उत्साहजनक पहल कर भी रहे हैं जो बधाई के पात्र हैं। लेकिन अनेक पंचायतों में

राजनीतिक भेदभाव तथा कर्मचारियों की मिली भगत से बजट के दुरुपयोग की शिकायतें आती हैं जो सही विकास में बहुत बड़ी बाधा है। क्योंकि केंद्र और राज्य सरकार से मिलने वाली आपदा राहत और विकास संबंधी राशि का जब तक ईमानदारी से सदुपयोग नहीं होगा तब तक गांव का पिछड़ापन दूर नहीं हो सकता। इसलिए पात्र व्यक्तियों तक सहायता पहुंचाने और सही विकास में पंचायतों द्वारा ईमानदारी से काम करना बहुत आवश्यक है। जनहित के सामूहिक कार्यों में स्थानीय लोगों को भी पंचायतों का सहयोग करना चाहिए।