विजय कंवर को मिली शिक्षक महासंघ सिरमौर की कमान ddnewsportal.com

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नाहन: हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ सिरमौर के चुनाव के दौरान संबोधित करते हुए प्रांत महामंत्री विनोद सूद, इस दौरान विजय कंवर को जिला सिरमौर का अध्यक्ष चुना गया।

विजय कंवर को मिली शिक्षक महासंघ सिरमौर की कमान 

नाहन मे हुए त्रैवार्षिक जिला अधिवेशन व बैठक मे सर्व सम्मति से हुआ जिला कार्यकारिणी का गठन, सरकार के समक्ष रखी ये अहम् मांगे... 

हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के त्रैवार्षिक अधिवेशन और बैठक मे जिला कार्यकारिणी का गठन आज नहान में हुआ। चुनाव पर्यवेक्षक डॉ सुशील कुमार की देखरेख में तथा प्रांत महामंत्री विनोद सूद की मौजूदगी में सर्वसम्मति से विजय कंवर को जिला सिरमौर का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। जिला महामंत्री मामराज चौधरी और संगठन मंत्री राधेश्याम को चुना गया।

जिला अध्यक्ष के चुनाव के बाद जिला कार्यकारिणी एवं खंड अध्यक्षों के चयन एवं विस्तार का अधिकार दिया। जिसके बाद आगामी सत्र हेतु 2021-22 से 2023-24 के लिए शेष जिला कार्यकारिणी का भी गठन किया। अन्य कार्यकारिणी में वरिष्ठ उपाध्यक्ष चंद्रमोहन, दीर्घायु प्रसाद, रमेश चौहान, बृजभूषण, डॉ सुशील कुमार, श्यामलाल और कांता राणा को बनाया गया। अतिरिक्त जिला महामंत्री प्रेमपाल पठानिया, सह संगठन मंत्री दिनेश मालवीय, कोषाध्यक्ष राजेश कुमार, मीडिया प्रभारी मोहम्मद अली, जिला

कार्यालय सचिव ओंकार सिंह, सचिव प्रधानाचार्य मुख्य अध्यापक संवर्ग प्रेमपाल ठाकुर, सचिव प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक वर्ग करमचंद, सचिव जेबीटी संवर्ग सीएंडवी सतीश शास्त्री को बनाया गया है। चुनाव के बाद नई कार्यकारिणी की बैठक नवनिर्वाचित जिला अध्यक्ष विजय कंवर की अध्यक्षता में हुई जिसमे जिला स्तर पर विभिन्न शिक्षक व गैर शिक्षक कर्मियों की लंबित मांगों पर यह विचार विमर्श करने के बाद प्रांत के माध्यम से सरकार विभाग के समक्ष रखने का प्रस्ताव भी पास किया गया। मांगों में मुख्य रूप से एक जनवरी 2004 से पूर्व की पेंशन योजना को बहाल करना, सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष करना, स्कूल प्रवक्ता न्यू के स्थान पर प्रवक्ता पदनाम बहाल करना, 4-9-14 को पूरे सेवाकाल में एक ही बार देने का विरोध तथा 7-7-14 की अधिसूचना को निरस्त कर उससे पहले की स्थिति बहाल करना, पदोन्नति पर पदोन्नति पद का ग्रेड पे देने के लिए 2 वर्ष की अन्वीक्षा अवधि की शर्त को हटाए, एसएमसी के तहत नियुक्त अध्यापकों के

लिए तर्कसंगत नीति बनाई जाए तथा इन्हें अवकाश व वार्षिक वेतन वृद्धि जारी की जाए। साथ ही तर्कसंगत नीति बनने तक इनके स्थान पर किसी अन्य शिक्षक को ना भेजा जाए। शास्त्री व एलटी अध्यापकों को टीजीटी का दर्जा दिया जाए, कंप्यूटर शिक्षकों को शिक्षा विभाग अपने अधीन लेकर इनके लिए ठोस नीति बनाएं, व्यवसायिक शिक्षकों के लिए एक कारगर नीति बनाकर इन्हें भी सरकार अपने अधीन लेकर व्यवसायिक शिक्षा को सुदृढ़ करें, प्रधानाचार्य, मुख्याध्यापक, स्कूल प्रवक्ता, स्कूल प्रवक्ता न्यू, डीपीई, टीजीटी-सीएडवी, सीएसटी, एचपी, जेबीटी तथा गैर शिक्षक कर्मियों की पदोन्नति हर वर्ष सत्र के आरंभ में की जाए, शिक्षा विभाग में कार्यरत डीपीई को प्रवक्ता शारीरिक शिक्षा का पदनाम दिया जाए, करुणामूलक आश्रितों को शीघ्र अतिशीघ्र नियुक्तियां दी जाए, जेबीटी, डीएलएड, एनटीटी, मल्टी टास्क वर्कर, प्रवक्ता आईपी की भर्ती प्रक्रिया को शीघ्र शुरू कर पूरा किया जाए, 2012 से पूर्व पदोन्नत मुख्य शिक्षकों को भी वेतन वृद्धि जारी की जाए, अनुबंध काल को घटाकर 2 वर्ष किया जाए तथा भविष्य में सभी नियुक्तियां

नियमित रूप से की जाए, एमडीएम को अध्यापकों की वजह किसी अन्य संस्था या पंचायत को दिया जाना चाहिए ताकि शिक्षक शिक्षण हेतु अधिक समय दे सकें, कंप्यूटर शिक्षा एमओयू 2013 के क्लाॅज 1 और 2 के अनुसार इन शिक्षकों को शीतकालीन व ग्रीष्मकालीन दोनों तरह के अवकाश वेतन के साथ देने का प्रावधान है, इस पर अमल किया जाए व 2012 में इन शिक्षकों के लिए बनाई गई नीति को भी लागू किया जाए, नया वेतनमान शीघ्र अतिशीघ्र लागू किया जाए, हर स्तर पर शिक्षक पात्रता परीक्षा की शर्त को हटा दिया जाए तथा एक ही बार प्रशिक्षण उपरांत चयन परीक्षा को ही पात्रता

माना जाए जिस प्रकार अन्य सेवाओं में भी प्रावधान है। प्रशिक्षित कला स्नातक शिक्षक वर्ग, विज्ञान शिक्षकों की प्रवक्ता पद पर पदोन्नति हेतु कट ऑफ डेट 30-6-22 मानी जाए, 2010 के बाद पदोन्नत प्रवक्ता को भी मुख्य अध्यापक और प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति हेतु विकल्प बहाल किए जाएं तथा 2012 से पूर्व पदोन्नत मुख्य शिक्षक जिन्हें मात्र 100 रूपये की राशि वेतन वृद्धि के तौर पर दी जाती थी, उन्हें भी वेतन वृद्धि दी जाएं। इस मौके पर जिलाभर से शिक्षक पंहुचे।