ट्रांसगिरि भाट-ब्राह्मण कल्याण समीति शिलाई हाटी जनजातीय के समर्थन में ddnewsportal.com
ट्रांसगिरि भाट-ब्राह्मण कल्याण समीति शिलाई हाटी जनजातीय के समर्थन में
अध्यक्ष आत्मा राम शर्मा बोले; मुद्दे पर जाति-वर्ग से उपर उठकर सभी को करना चाहिए सहयोग, किसी को नही नुकसान
ट्रांसगिरी भाट-ब्राह्मण कल्याण समिति शिलाई, जो अंतर्राष्ट्रीय ब्राह्मण से संबंधित है, ने गिरिपार के समुदाय को जनजाति का दर्जा दिए जाने का पुरजोर समर्थन किया है। ट्रांसगिरि भाट-ब्राह्मण कल्याण समिति शिलाई के प्रधान आत्माराम शर्मा खदराई ने कहा कि गिरिपार शिलाई क्षेत्र में भाट ब्राह्मणों की लगभग 42 खैल्ल यानि बिरादरी विद्यमान है। जिसमें शुणकुटा, खदराई, गबदोऊ, टिटियाणुआ, ठणवाल, मालपोऊ, सोणोऊ, जिलवाल, पाबूच, भोलोऊ, कणयाल, केक्याण, नोटियाल, पंजोड़िया, शखोऊ, कुलोऊवा, बिणयाण, हकवाण, उदवाण, खजियारूआ, बिजोऊ, रमयाण, शमाईया, खुईनलुआ, भाटकुड़ू, झोवाण, मोहता, भुजरोटी, डोभाल, टिपरेचू, केहणवाल, बथंगवाल, भौड़िया, झेलवाण, गोरखा भाट, धोकोऊ आदि भाट ब्राह्मणों के पूरे शिलाई क्षेत्र में लगभग 85 गांव में बाशिंदे हैं। बल्कि इसके अलावा जिला शिमला और उत्तराखंड मे बसे भाट समुदाय में भी जातिगत एवं व्यक्तिगत हित से ऊपर उठकर हाटी समुदाय को जनजाति दर्जा दिए जाने का भरपूर समर्थन करते हैं। उपरोक्त खैल्ल भाट-ब्राह्मणों की 42 खैल्ल में से लगभग 90% भाट ब्राह्मण ओबीसी वर्ग से जुड़ा हुआ है, लेकिन व्यक्तिगत हित से ऊपर उठकर हाटी समुदाय में बसा हर वर्ग का नागरिक
चाहे खश कनैत (राजपूत), भाट-ब्राह्मण या अनुसूचित जाति वर्ग का क्यों ना हो, हाटी समुदाय जनजाति मुद्दे का दिल की गहराई से समर्थन करता है। भाट-ब्राह्मण कल्याण समिति शिलाई केंद्रीय हाटी समिति, खंड स्तरीय समिति व हिमाचल सरकार का आभार प्रकट करती है जिन्होंने इस मुद्दे पर जो भी आज तक कार्यवाही हुई है लगन से काम किया है और आगे भी मंजिल तक पहुंचाने में शीघ्र प्रयासरत है। और विशेष तौर पर आभार प्रकट करते हैं उन राजनीतिज्ञों का जिनके अथक प्रयासों से यह मुद्दा मंजिल की ओर अग्रसर है। ट्रांसगिरी भाट-ब्राह्मण कल्याण समिति शिलाई सभी राजनीतिक दलों से भी आग्रह करती है कि हाटी मुद्दे को गिरिपार क्षेत्र की मूल निवासी 14 जातियों का एक सामूहिक मुद्दा मानकर खुले मन से इसका समर्थन करें ताकि आने वाली पीढ़ी अभी हम आप सब को याद रखें। गिरिपार क्षेत्र के जनजातीय घोषित होने से किसी को कोई नुकसान नही होगा बल्कि सभी वर्ग और जाति को इसका लाभ मिलेगा।