सीएम का कफोटा दौरा तय करेगा शिलाई का भविष्य ddnewsportal.com
सीएम का कफोटा दौरा तय करेगा शिलाई का भविष्य
नई सौगातें बनाएगी क्षेत्र में भाजपा की राह आसान, SDM-BDO कार्यालय के लिए होगा मुख्यमंत्री का अभिनन्दन।
प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर फिर एक बार शिलाई विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर आ रहे हैं। इस बार उन्होंने अपने कार्यक्रम के लिए विधानसभा क्षेत्र के कफोटा उपमंडल को चुना हैं। 31 मार्च को मुख्यमंत्री के होने वाले कार्यक्रम के लिए भाजपा ने तैयारियां पूरी कर ली है। जनता में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को लेकर उत्साह भी है और क्षेत्र को एसडीएम कार्यालय और बीडीओ कार्यालय के रूप में मिली बड़ी सौगातों के लिए उनका अभिनन्दन करेगी। राजनैतिक जानकारों की मानें तो मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का कफोटा दौरा शिलाई क्षेत्र में भाजपा का भविष्य तय कर सकते हैं। जानकारों की मानें तो एसडीएम और बीडीओ कार्यालय के बाद क्षेत्र के विकास की बची खुची कसर इस दौरे में निकल गई तो कांग्रेस की राहें मुश्किल हो जाएगी।
जैसा कि विदित है कि इसी वर्ष हिमाचल प्रदेश मे विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है। पूरे प्रदेश मे राजनैतिक दल अपने अपने हलके में चुनाव प्रचार मे जुट चुके हैं। हालांकि अभी प्रचार ने उतनी रफ्तार नही पकड़ी है लेकिन आने वाले दिनों मे अब नेता जनता के द्वार होंगे। वैसे तो कुछ विधायक और पूर्व विधायकों ने जन संपर्क अभियान का आगाज कर जनता की नब्ज टटोलनी शुरू कर दी है। इसी कड़ी मे शिलाई विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो राजनैतिक जानकार बता रहे हैं कि शिलाई विधानसभा क्षेत्र में इस कार्यकाल में विकास की जितनी बड़ी घोषणाएं और उनको अमलीजामा पहनाया गया है उससे भाजपा का पलड़ा कहीं न कहीं भारी दिख रहा है।
ऐसा क्यों है इसका हम पिछली बार के चुनाव के आंकड़ों और पांच वर्ष में हुए विकास कार्यों का एक विश्लेषणात्मक पहलू आपके समक्ष रखेंगे।
दरअसल, शिलाई विधानसभा क्षेत्र में इस पांच वर्ष के कार्यकाल मे कुछ ऐसे बड़े काम हुए हैं जो वर्षों से जनता की मांग रही। इसमे शिलाई मे सिविल कोर्ट सहित जलशक्ति विभाग का मंडल, सिविल अस्पताल, कफोटा मे एसडीएम कार्यालय और तिलौरधार मे बीडीओ कार्यालय, रोनहाट मे उप तहसील, जलशक्ति विभाग का सब डिविजन, टिंबी मे लोनिवि सब डिविजन कार्यालय, सब्जी मंडी की स्वीकृति अहम् बड़े काम है जिसे भाजपा सरकार मे अमलीजामा पहनाया गया है। निश्चित तौर पर इन कामों का भाजपा को लाभ मिलना चाहिए। इसके अलावा भी और कईं घोषणाएं हुई जिनमे से ज्यादातर पूरी हुई है।
वहीं, वर्ष 2017 के आम चुनाव की बात करें तो शिलाई विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के हर्ष वर्धन चौहान ने जीत दर्ज की और विधानसभा मे पंहुचे। इस जीत का यदि आंकलन किया जाएं तो क्षेत्र के नेड़ा आर की 19 पंचायतों ने तीन हजार से अधिक की लीड कांग्रेस को दी थी। इसका बड़ा कारण कफोटा मे कांग्रेस सरकार मे खोला गया डिग्री काॅलेज रहा। जबकि प्रदेश मे भाजपा की लहर चली थी। चुनाव नतीजों को खंगालें तो नेड़ा आर की कुल 19 पंचायतों, जो उस समय पांवटा विकास खंड मे आती थी, मे हर्षवर्धन चौहान को 3046 मतों की भारी लीड मिली। इसमे कोटा पाब पंचायत शामिल नही थी। 19 पंचायतों मे हर्षवर्धन चौहान को जहां कुल 12494 वोट पड़े वहीं भाजपा उम्मीदवार बलदेव तोमर को 9448 मत मिले। 2012 विधानसभा
चुनावों मे जिन तीन पंचायतों दुगाना, कमरउ आर सतौन मे भाजपा की एक हजार वोटों से अधिक की बढ़त थी वहां पर भी 2017 में भाजपा सिमटकर रह गई। इन तीनों पंचायतों मे भाजपा 200 वोटों की लीड तक खिसक कर रह गई थी। दुगाना पंचायत मे 2012 मे भाजपा की 293 वोटों की बढ़त थी। 2017 में पोस्टल बेलेट जोड़ कर यहाँ 6 वोटों की लीड कांग्रेस की बनी। यही हाल कमरउ पंचायत का रहा। 2012 विस चुनावों मे भाजपा की 351 वोटों की लीड थी जो 2017 में खिसककर मात्र 123 वोटों की रह गई। सतौन मे भी करीब पौने चार सौ की भाजपा की बढ़त 2017 में सिर्फ 60 वोट ही रह गई थी। लोगों का उस समय मानना था कि कफोटा में डिग्री कालेज खोले जाने से क्षेत्र के बच्चों को बहुत फायदा हुआ। इसका 2017 के चुनाव मे बड़ा असर हुआ। यही कारण रहा कि तीन पंचायतों मस्तभोज की और कफोटा क्षेत्र की शिल्ला, बोकाला पाब और शावगा पंचायतों मे कुल लीड का आंकड़ा कांग्रेस के पक्ष में दो हजार तक पंहुच गया। हालांकि हर्ष वर्धन चौहान के गृह क्षेत्र मस्तभोज की तीन पंचायतों से रिकॉर्ड़ बढ़त मिली थी। तीन पंचायतों ने उन्हे 1244 मतों की भारी लीड दी। इसमे उनके गांव कांडो च्योग से सार्वाधिक 478 की लीड रही। इसके अलावा शरली मानपूर पंचायत से 447 और जामना पंचायत से 319 की लीड कांग्रेस को मिली। यहां भाजपा को इस बार पार पाना बड़ी चुनौती होगी।
जानकारों की माने तो एक डिग्री काॅलेज जहां कांग्रेस को इतनी बड़ी लीड दिलवा सकता है तो भाजपा ने तो कफोटा क्षेत्र को दिल खोलकर सौगातें दी है जिसमे एसडीएम कार्यालय और बीडीओ कार्यालय मुख्य है। ये क्षेत्र की लंबे समय की मांग थी। ऐसे मे कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले शिलाई विधानसभा क्षेत्र में इस बार कांग्रेस की चिंता बढ़ सकती है। वहीं, फिर से क्षेत्र में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का दौरा, और वो भी उस कफोटा में जहां से विधानसभा के समीकरण बनते और बिगड़ते हैं। यदि इस दौरे में मुख्यमंत्री ने फिर से कुछ और सौगातें शिलाई को दे दी तो कांग्रेस के लिए डगर बड़ी कठिन हो सकती है।
उधर, इस बारे क्षेत्र के पूर्व विधायक और खाद्य एवं आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष बलदेव तोमर ने कहा कि उनका प्रयास रहा है कि विधानसभा क्षेत्र में समान विकास करवाया जाए। और इस दिशा में इस बार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने उनकी मांग पर क्षेत्र के लोगों की उन चिर लंबित मांगों को पूरा किया है जिन पर कांग्रेस ने वर्षों से राजनीति ही की। उनमे तिलौरधार मे बीडीओ कार्यालय और कफोटा में एसडीएम कार्यालय मुख्य रूप से शामिल है। उन्होंने कहा कि प्रयास रहेगा कि सीएम के इस दौरे में भी क्षेत्र के विकास से संबंधित मांग उनके समक्ष रखी जाएगी।