10 मिनट के लिए बेरोजगारों के पौने चार करोड़ खर्च ddnewsportal.com

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10 मिनट के लिए बेरोजगारों के पौने चार करोड़ खर्च 

ये कैसी व्यवस्था, हैरान कर देगा एक युवा का गणित,

सिरमौर के युवा अनिल चौहान ने उठाया मुद्दा, सरकार हर जिलें मे करें टाइपिंग टेस्ट का प्रावधान

एक तो पहले से बेरोजगार और दूसरे सरकार की ऐसी व्यवस्था की मात्र 10 मिनट के टाईपिंग टेस्ट के लिए बेरोजगार युवाओं के ही करोडों रूपये खर्च। ये गणित है तो हैरान करने वाला लेकिन जिस तरह से सिरमौर जिला के एक युवा अनिल चौहान ने इसे सरकार को समझाने का प्रयास किया है उससे तो सरकार की आंखे खुलनी चाहिए। अनिल चौहान के मुताबिक कर्मचारी चयन

आयोग हमीरपुर कईं परीक्षाओं के टाईपिंग टेस्ट के लिए पूरे प्रदेश से बेरोजगार युवाओं को हमीरपुर बुलाता है जिस पर प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के पौने चार करोड़ रूपये तक खर्च होते हैं। गिरिपार क्षेत्र के माशू गांव के अनिल चौहान लगातार ये मुद्दा उठा रहे हैं लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नही रेंग रही। उन्होनें बताया कि आने वाले कुछ समय मे कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर कुछ परीक्षाओं के लिए टाइपिंग टेस्ट लेगा। जिसके लिए पूरे हिमाचल में मात्र एक ही सेंटर है जो जिला हमीरपुर मे ही है। JOA (IT) की लगभग 1800 पोस्ट भरनी है। जिसमे परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थी को पोस्ट के 10 गुना बुलाया जायेगा। मतलब 18000 अभ्यर्थी टाइपिंग टेस्ट देंगे। जिसमे लगभग 15000 अन्य 11 जिलों से होंगे। 10 मिनट के इस टाइपिंग के लिए लगभग  2500 रूपये कम से कम एक युवा का खर्चा हमीरपुर जाने मे, रहने और खाने आदि मे आता है। इसका मतलब यह कि

मात्र 10 मिनट के टाईपिंग टेस्ट के लिए प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के 15000×2500= 37500000.00 यानि तीन करोड़ पिचहत्तर लाख रूपए खर्च होंगे। 10 मिनट के टाइपिंग टेस्ट के लिए इतनी भारी-भरकम रकम बेरोजगार खर्च करें तो सरकार की व्यवस्था पर सवाल उठना लाजिमी है।  जबकि अगर इस टेस्ट को हर जिले में कराया जाए तो गरीब व बेरोजगार का पैसा भी बचेगा और परेशानी भी। इसीलिए उन्होंने फिर से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से आग्रह किया है कि आने वाले सभी टाइपिंग टेस्ट हर जिले में कराए जाएं।